भोपाल। टीकमगढ़ में बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र का राग अलापा है. हिंदू राष्ट्र की हुंकार भरते धीरेन्द्र शास्त्री अब 2 कदम आगे बढ़ गए. अब उनके बयान पर धीरेन्द्र शास्त्री को संत समाज में ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. धीरेन्द्र शास्त्री ने बयान दिया है कि संविधान में संशोधन करना पड़े, लेकिन भारत को हिंदू राष्ट्र किया जाना चहिए.
टीकमगढ में चल रही कथा: शास्त्री ने पाकिस्तान के भारत में विलय की भी बात कही और किसी राजनेता की तरह सर्वधर्म समभाव का संदेश देते हुए ये भी कह दिया कि हमें हिंदूओं के साथ मुस्लिम सिख इसाई भी तो चाहिए. इन दिनों टीकमगढ में धीरेन्द्र शास्त्री की रामकथा चल रही है. रामकथा के बाद धीरेन्द्र शास्त्री ने मीडिया से चर्चा में ये बयान दिया था.
संत समिति ने जताया एतराज: धीरेन्द्र शास्त्री के इस बयान पर संत समिति ने कड़ा एतराज जताया है. संत समिति का कहना है कि, धीरेन्द्र शास्त्री कथा वाचक ही रहें तो बेहतर है. क्या देश में अब कथा वाचक ये तय करेंगे कि पाकिस्तान में भारत का विलय होना चाहिए या नहीं. ये तो राजनेताओं का काम है. उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री केवल सुर्खियो में बने रहने के लिए इस तरह के बयान देते हैं. उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र की बात बार बार करते हैं. इसका क्या औचित्य है. भारत तो पहले से हिंदू राष्ट्र है. तो फिर बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री फिर हिंदू राष्ट्र का दम क्यों भरते हैं.
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धीरेन्द्र शास्त्री पर लगे हैं ये गंभीर आरोप: बीजेपी के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति ने धीरेन्द्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि धीरेन्द्र शास्त्री पिछड़े गरीब लोगों की जमीन हड़प रहे हैं. यहां तक कि उनके श्मशान की जमीन भी नहीं छोड़ी गई है. पूर्व विधायक ने कहा कि मैने इसका विरोध किया तो मुझ पर जानलेवा हमला करवाया गया था. इसी तरह से इनके भाई शालिगराम ने जो दलित परिवार की लड़की के विवाह मे फायरिंग की उसके बाद जब मैने परिवार का समर्थन किया तो उसके बाद भी मुझे साजिश में फंसाया जा रहा है.