भोपाल। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर' को सबसे पहले मध्यप्रदेश में ही लागू किया गया है, इस योजना को देश भर में लागू किए जाने की योजना बनाई गई है, ताकि कोरोना संकट काल में लोगों को इस योजना के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. आम लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस योजना को जमीन पर उतारा गया है.
केंद्र सरकार की इस योजना को सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने ही लागू किया था, लेकिन कुछ अधिकारी इस योजना के काम में लगातार लापरवाही बरत रहे थे, जिसके बाद सरकार की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और लापरवाही करने वाले अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है.
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर' आत्म-निर्भर निधि (पीएम स्व-निधि) योजना में लापरवाही बरतने और निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करने पर दो मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
एक दिन पहले ही मंत्रालय में बैठक के दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर' आत्म-निर्भर निधि (पीएम स्व-निधि) योजना में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये थे. उन्होंने साफ किया था कि ऐसे किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा, जो आम जनता से जुड़ी लाभकारी योजनाओं में लापरवाही करेगा.
इस मामले में भिंड जिले के नगर परिषद फूंफकला के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रदीप शर्मा और सागर जिले के नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनीष कुमार परते को निलंबित किया गया है.