भोपाल। प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वे इंदौर दौरे के दौरान सांवेर के कार्यकर्ताओं की बैठक में ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि सिंधिया और तुलसी सिलावट के बिना कांग्रेस की सरकार नहीं गिर सकती थी. इसलिए पार्टी ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए.
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पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
क्यों?
बोलो, सियापति रामचंद्र की जय! 🙏🏽
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 11, 2020
क्यों?
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क्यों?
बोलो, सियापति रामचंद्र की जय! 🙏🏽
ऑडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है, धर्म को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आमने-सामने आ गए हैं. शिवराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कमलनाथ पर निशाना साधाते हुए कहा कि 'पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है. हमारा धर्म तो यही कहता है. क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय.
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धोखा,फ़रेब,साज़िश,ख़रीद फ़रोख़्त ,षड्यंत्र , प्रलोभन ,ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
एक समय जिन्हें पापी बताते थे , आज वो ही संगी साथी है।
कोई नियत-नीति नहीं , नैतिकता नहीं , कोई सिद्धांत नहीं , यह धर्म की राह कैसे ?
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 11, 2020
एक समय जिन्हें पापी बताते थे , आज वो ही संगी साथी है।
कोई नियत-नीति नहीं , नैतिकता नहीं , कोई सिद्धांत नहीं , यह धर्म की राह कैसे ?
2/2धोखा,फ़रेब,साज़िश,ख़रीद फ़रोख़्त ,षड्यंत्र , प्रलोभन ,ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 11, 2020
एक समय जिन्हें पापी बताते थे , आज वो ही संगी साथी है।
कोई नियत-नीति नहीं , नैतिकता नहीं , कोई सिद्धांत नहीं , यह धर्म की राह कैसे ?
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जिसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाम लिए बिना शिवराज सिंह को धर्म का पाठ पढ़ाया. कमलनाथ ने लिखा- 'जनता के धर्म यानि जनादेश को नहीं मानते हुए, उसका अपमान करने वाले धर्म प्रेमी कैसे ? धोखा, फरेब, साजिश, खरीद-फरोख्त, षड्यंत्र, प्रलोभन ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता? कोई नीयत-नीति नहीं, नैतिकता नहीं, कोई सिद्धांत नहीं, ये धर्म की राह कैसे?' इससे साफ होता है कि उपचुनाव के पहले प्रदेश की सियासत में जमकर उठा-पटक देखने को मिलेगी.