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ज्योति धुर्वे की बढ़ती जा रही मुश्किलें, MP आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

ज्योति धुर्वे के फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Feb 15, 2019, 10:34 PM IST

ज्योति धुर्वे

भोपाल। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दो बार बैतूल से सांसद चुनी गईं ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा और ज्योति धुर्वे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ज्योति धुर्वे पर मुकदमा दर्ज कराने और आदिवासी प्रमाण पत्र के नाम पर लिए गए तमाम फायदों और सुविधाओं की भरपाई के लिए आदिवासी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर कार्रवाई की मांग की है.


मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बैतूल में 2014 में ज्योति धुर्वे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय शाह का कहना है कि ज्योति धुर्वे ने आज से नहीं बल्कि पिछले 35 सालों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर मूल आदिवासियों का हक छीनने का काम किया है. इसके साथ ही उनका आरोप है कि ज्योति धुर्वे ने अपने जैसे कितने ही फर्जी आदिवासियों को समाज में शामिल कर हर जरुरतमंद व्यक्ति का हक मारा है.

अजय शाह का कहना है कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय मैंने रिटर्निंग ऑफिसर को बोला था कि हम आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र पति की जाति से नहीं बल्कि पिता की जाति के आधार पर बनता है. ज्योति धुर्वे का सर्टिफिकेट उनके पति प्रेम सिंह धुर्वे नाम के नाम पर बना है. इसके बाद भी उन्होंने उनका फॉर्म रिजेक्ट नहीं किया गया. यह हम आदिवासियों के साथ नाइंसाफी है. यह मामला अप्रैल 2018 में उजागर हो चुका था, लेकिन बीजेपी का शासन और उन्हीं की पार्टी की सांसद होने के कारण इसे दबा दिया गया.

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इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अजय शाह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और अनुसूचित जनजाति के मंत्री का धन्यावाद किया है. उनका कहना है कि ज्योति धुर्वे पर सिर्फ 420 का मुकदमा चलाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ज्योति धुर्वे द्वारा ली गई सभी सुविधाओं की रिकवरी करने की मांग की है.

भोपाल। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दो बार बैतूल से सांसद चुनी गईं ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा और ज्योति धुर्वे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ज्योति धुर्वे पर मुकदमा दर्ज कराने और आदिवासी प्रमाण पत्र के नाम पर लिए गए तमाम फायदों और सुविधाओं की भरपाई के लिए आदिवासी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर कार्रवाई की मांग की है.


मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बैतूल में 2014 में ज्योति धुर्वे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय शाह का कहना है कि ज्योति धुर्वे ने आज से नहीं बल्कि पिछले 35 सालों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर मूल आदिवासियों का हक छीनने का काम किया है. इसके साथ ही उनका आरोप है कि ज्योति धुर्वे ने अपने जैसे कितने ही फर्जी आदिवासियों को समाज में शामिल कर हर जरुरतमंद व्यक्ति का हक मारा है.

अजय शाह का कहना है कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय मैंने रिटर्निंग ऑफिसर को बोला था कि हम आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र पति की जाति से नहीं बल्कि पिता की जाति के आधार पर बनता है. ज्योति धुर्वे का सर्टिफिकेट उनके पति प्रेम सिंह धुर्वे नाम के नाम पर बना है. इसके बाद भी उन्होंने उनका फॉर्म रिजेक्ट नहीं किया गया. यह हम आदिवासियों के साथ नाइंसाफी है. यह मामला अप्रैल 2018 में उजागर हो चुका था, लेकिन बीजेपी का शासन और उन्हीं की पार्टी की सांसद होने के कारण इसे दबा दिया गया.

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इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अजय शाह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और अनुसूचित जनजाति के मंत्री का धन्यावाद किया है. उनका कहना है कि ज्योति धुर्वे पर सिर्फ 420 का मुकदमा चलाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ज्योति धुर्वे द्वारा ली गई सभी सुविधाओं की रिकवरी करने की मांग की है.

Intro:भोपाल। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दो बार बैतूल से सांसद चुनी ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद आदिवासी कांग्रेस ने भाजपा और ज्योति धुर्वे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ज्योति धुर्वे पर मुकदमा दर्ज कराने और आदिवासी प्रमाण पत्र के नाम पर ली गई तमाम फायदे और सुविधाओं की भरपाई के लिए आदिवासी कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर कार्यवाही की मांग करने जा रही है। 2014 में ज्योति धुर्वे के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े अजय शाह का कहना है कि ज्योति धुर्वे ने आज से नहीं बल्कि पिछले 35 सालों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर मूल आदिवासियों का हक छीनने का काम किया है।


Body:मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बैतूल में 2014 में ज्योति धुर्वे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय शाह का कहना है कि पिछले 10 साल ही क्यों, वह तो पिछले 35 साल से हम आदिवासियों को ठग रही हैं। जब उनको पहली बार लेक्चररशिप मिली, वह उन्होंने किसी आदिवासी का हक मारा। जब उनको पेट्रोल पंप मिला, तब दूसरे आदिवासी का हक मारा।जब उन्हें आदिवासी आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, तब उन्होंने आदिवासियों का हक मारा। उन्होंने उनके जैसे ही कितने फर्जी आदिवासियों को हमारे आदिवासियों में शामिल कर दिया और हर व्यक्ति ने किसी न किसी आदिवासी और मूलनिवासी का हक मारा। पिछले 10 साल से तो यह हम आदिवासियों का हक मार ही रही हैं।

अजय शाह ने बताया कि मैं अपनी बात करता हूं कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय मैंने रिटर्निंग ऑफीसर को बोला था कि हम आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र पति की जाति से नहीं बल्कि पिता कि जाति के आधार पर बनता है और आपने ज्योति धुर्वे का जो सर्टिफिकेट लिया है। उसमें उन्हें वाइफ ऑफ प्रेम सिंह धुर्वे बताया गया है,वह नहीं चलेगा। इसके बाद भी उन्होंने उनका फार्म रिजेक्ट नहीं किया। यह हम आदिवासियों के साथ नाइंसाफी है। इसके बाद भी यह मामला अप्रैल 2018 में उजागर हो चुका था,लेकिन बीजेपी का शासन और उन्हीं की पार्टी की सांसद होने के कारण इसे दबा दिया गया।


Conclusion:अजय शाह ने कहा कि मैं नमस्कार करना चाहता हूं आज मुख्यमंत्री कमलनाथ और अनुसूचित जनजाति के मंत्री को जिन्होंने इस मामले को खोदकर निकाल कर बहुत जल्दी सामने रख दिया। हम तो चाहते हैं कि ज्योति धुर्वे पर सिर्फ 420 का मुकदमा ना चलाया जाए, बल्कि जो हर जा खर्चा हुआ है, उन्हें जो पैसा मिला है, जो पेंशन मिली है, उसकी भी रिकवरी की जाए। ताकि सनद रहे और काम आए कि आदिवासियों का हक जो छीनेगा, वह कितना भी बड़ा आदमी है।हम उसे कटघरे में खड़ा करेंगे और आदिवासियों को इंसाफ दिलाएंगे।
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