भोपाल। राजधानी के एम्स अस्पताल में कोरोना वायरस के इलाज के लिए कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा माइको बैक्टीरियम डब्ल्यू का क्लिनिकल ट्रायल कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया जा रहा है. अब इसके शुरुआती नतीजे भी सामने आने लगे हैं. एम्स प्रबंधन के मुताबिक माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू दवा का ट्रायल जिन मरीजों पर किया गया है उनके ऊपर इसका कोई बुरा असर देखने को नहीं मिला है, हालांकि इसके सफल और पूरे नतीजे आने में अभी समय लगेगा.
मरीजों पर दवा का सकारात्मक असर
एम डब्ल्यू के डोज दो गंभीर स्थिति वाले मरीजों को दिए गए थे, जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी. लेकिन अब दोनों की हालात सामान्य है. एम डब्ल्यू के साथ एक और दवा भी दी गई थी इसलिए अभी ये कह पाना कि किस दवा ने कितना असर किया है, थोड़ा मुश्किल है. लेकिन शुरुआती दौर में ये बात सामने आ रही है कि एमडब्ल्यू का मरीज पर इसका कोई बुरा प्रभाव या कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
CSIR की देखरेख में हो रहा ट्रायल
जानकारी के मुताबिक अब इस दवा का ट्रायल उन मरीजों में भी किया जाएगा जिनकी स्थिति सामान्य है या जो असिम्टमैटिक है. एक दो दिन में ऐसे मरीजों को इस दवा के डोज़ दिए जाने शुरू किए जाएंगे. बता दें कि आईसीएमआर और अमेरिका की फ़ूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी के बाद एम्स भोपाल में कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा एम डब्ल्यू का क्लिनिकल ट्रायल एम्स में अप्रैल महीने में शुरू किया गया था. ये ट्रायल देश की सबसे बड़ी अनुसंधान एजेंसी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की देखरेख में किया जा रहा है. ये दवा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित होती है.