भोपाल। मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन कर मॉडल एक्ट लागू किया गया है. जिसको लेकर व्यापारी लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में एक बार मध्यप्रदेश व्यापारी महासंघ ने निर्णय लिया है कि आज यानी 24 सितंबर से प्रदेश की सभी मंडियां बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी. व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज कारोबार में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो गया है.
व्यापारियों का कहना है कि 1 मई 2020 को अध्यादेश क्रमांक 160 लाया गया है. जो कि प्रदेश के किसानों हम्माल तुलावटियों, व्यापारियों, मंडी और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के हित में नहीं है. व्यापारियों की मांग है कि इस अध्यादेश को तुरंत निरस्त किया जाए. साथ ही मंडियों में वसूल किए जाने वाले 1.70 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 0.50 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं.
व्यापारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने मंडियों के बाहर खरीदी करने की अनुमति दे दी है. ऐसे तो बाहरी व्यापारियों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन मंडी में अनाज खरीदने वालों को टैक्स चुकाना पड़ेगा, जो कि सही नहीं है. बता दें कि जब से प्रदेश की मंडियों में मॉडल एक्ट लागू किया गया है. तब से कृषि उपज मंडी में काम करने वाले सभी प्रकार के कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं. वहीं 3 सितंबर को भी मंडी कर्मचारियों ने भोपाल में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. मंडियों में ऐसे समय पर हड़ताल हुई है, जब मंडियों में नए सोयाबीन की आवक होने लगी है. ऐसे में किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है.