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बरसाती झरनों को चिन्हित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा पर्यटन निगम

बारिश के मौसम में पर्यटन निगम जिलों की पर्यटन संवर्धन समिति के मदद से ऐसे बरसाती झरनों को चिन्हित करेगी. जिन्हे डेवलप किया जा सके ताकि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके.

बरसाती झरनों को पर्यटन स्थल बनायेगा पर्यटन निगम
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Published : Sep 24, 2019, 11:49 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम बारिश के मौसम में प्रदेश में बनने वाले बरसाती झरनों को अब डेवलप करने की तैयारी कर सकता है. पर्यटन निगम जिलों की पर्यटन संवर्धन समिति की मदद से ऐसे प्राकृतिक झरनों को चिन्हित करेगी. दरअसल, बारिश के मौसम में राजधानी भोपाल के आसपास कुछ स्थानों पर बरसाती झरने बन जाते हैं. जहां बड़ी संख्या में लोग बारिश का लुफ्त लेने के लिए पहुंचते हैं.

बरसाती झरनों को पर्यटन स्थल बनायेगा पर्यटन निगम

मध्यप्रदेश के दूसरे जिले में भी बारिश के मौसम में बरसाती झरने बन जाते है. इन जगहों पर पर्यटकों की अच्छी-खासी संख्या देखने को मिलती है, हालांकि इनमें से कई ऐसे स्थान सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं है और कई बार यहां दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. इसके बाद भी जिला प्रशासन की ऐसे स्थानों को लेकर उदासीनता दिखाई देती रही है, लेकिन अब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग बारिश के मौसम में ऐसे स्थानों को पर्यटकों को लुभाने डेवलप करने की योजना बना रहा है, ताकि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर की जा सके.

पर्यटन विकास निगम की एडिशनल एमडी सोनिया मीना का कहना है, कि जिलों में छोटे पर्यटन स्थलों को विकास और उनके प्रचार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. इसके लिए जिला पर्यटन संवर्धन समिति भी गठित होती है. यह समिति ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की कार्ययोजना तैयार कर, पर्यटन विकास निगम को भेजती है. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि जहां से भी ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होंगे, उसको आगे बढ़ाया जाएगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम बारिश के मौसम में प्रदेश में बनने वाले बरसाती झरनों को अब डेवलप करने की तैयारी कर सकता है. पर्यटन निगम जिलों की पर्यटन संवर्धन समिति की मदद से ऐसे प्राकृतिक झरनों को चिन्हित करेगी. दरअसल, बारिश के मौसम में राजधानी भोपाल के आसपास कुछ स्थानों पर बरसाती झरने बन जाते हैं. जहां बड़ी संख्या में लोग बारिश का लुफ्त लेने के लिए पहुंचते हैं.

बरसाती झरनों को पर्यटन स्थल बनायेगा पर्यटन निगम

मध्यप्रदेश के दूसरे जिले में भी बारिश के मौसम में बरसाती झरने बन जाते है. इन जगहों पर पर्यटकों की अच्छी-खासी संख्या देखने को मिलती है, हालांकि इनमें से कई ऐसे स्थान सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं है और कई बार यहां दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. इसके बाद भी जिला प्रशासन की ऐसे स्थानों को लेकर उदासीनता दिखाई देती रही है, लेकिन अब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग बारिश के मौसम में ऐसे स्थानों को पर्यटकों को लुभाने डेवलप करने की योजना बना रहा है, ताकि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर की जा सके.

पर्यटन विकास निगम की एडिशनल एमडी सोनिया मीना का कहना है, कि जिलों में छोटे पर्यटन स्थलों को विकास और उनके प्रचार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. इसके लिए जिला पर्यटन संवर्धन समिति भी गठित होती है. यह समिति ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की कार्ययोजना तैयार कर, पर्यटन विकास निगम को भेजती है. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि जहां से भी ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होंगे, उसको आगे बढ़ाया जाएगा.

Intro:भोपाल- बारिश के मौसम में राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में बनने वाले प्राकृतिक झरनों को अब डेवलप करने की तैयारी की हो सकती है। पर्यटन निगम जिलों की पर्यटन संवर्धन समिति के मदद से ऐसे प्राकृतिक झरनों को चिन्हित करेगी। दरअसल बारिश के मौसम में राजधानी भोपाल के आसपास कुछ स्थानों पर बरसाती झरने बन जाते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग बारिश का लुफ्त लेने के लिए पहुंचते हैं।Body:राजधानी भोपाल के अलावा मध्यप्रदेश के दूसरे जिले में भी बारिश के मौसम में बरसाती झरने बन जाते है। इन जगहों पर पर्यटकों की अच्छी- खासी संख्या देखने को मिलती है। हालांकि इनमें से कई ऐसे स्थान सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं होते और कई बार यहां दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन की ऐसे स्थानों को लेकर उदासीनता दिखाई देती रही है, लेकिन अब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग बारिश के मौसम में ऐसे स्थानों को पर्यटकों को लुभाने डेवलप करने की योजना बना रहा है, ताकि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर की जा सके।
Conclusion:
इसको लेकर मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की एडिशनल एमडी सोनिया मीना का कहना है कि जिलों में छोटे पर्यटन स्थलों को विकास और उनके प्रचार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। इसके लिए जिला पर्यटन संवर्धन समिति भी गठित होती है। यह समिति ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की कार्ययोजना तैयार कर पर्यटन विकास निगम को भेजती है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। उनका कहना है कि जहां से भी ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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