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प्रदेश में साथ आए पर्यटन-हस्तशिल्प विकास निगम, हैंडलूम को मिलेगा बढ़ावा - bhopal news

मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों और हस्तशिल्प कारीगरों, बुनकरों को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग और हस्तशिल्प विकास निगम अब साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

Tourism and Handicrafts Development Corporation came together in the state for promotion of tourism and handloom
साथ आए पर्यटन और हस्तशिल्प विकास निगम
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Published : Feb 8, 2020, 1:53 PM IST

भोपाल। प्रदेश के पर्यटन स्थलों और हस्तशिल्प कारीगरों, बुनकरों को आगे बढ़ाने और उनके बनाए सामान को बाजार उबलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम एक साथ आए हैं, दोनों विभाग मिलकर पर्यटन और हस्तशिल्प का प्रचार प्रसार करेंगे, ताकि दोनों ही क्षेत्रों में विकास हो सके.

साथ आए पर्यटन और हस्तशिल्प विकास निगम

हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के कई ऐसे छोटे क्षेत्र हैं, जहां पर पत्थरों, कपड़ों, जूट जैसी वस्तुओं पर कारीगर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं, पर प्रचार प्रसार के अभाव में ये कला कहीं ना कहीं छिपी रह गई है और इसे पर्याप्त बढ़ावा नहीं मिल पाया है. इसलिए अब पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम ने मिलकर ये तय किया है कि पर्यटन स्थलों पर इन चीजों को बेचने के लिए आउटलेट तैयार किये जाएं, साथ ही टूरिज्म के होटल पर भी मृगनयनी आउटलेट खोले जाएं.

मध्यप्रदेश के मंदसौर, जबलपुर, महेश्वर,चंदेरी जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आज भी क्षेत्रीय कारीगर मिलकर कपड़ों, पत्थरों पर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं और ये उनके आसपास के क्षेत्र में काफी प्रचलित भी है, पर इस कला के मुताबिक उन्हें अब तक पहचान नहीं मिल पाई है, जिसे देखते हुए दोनों विकास निगमों ने ये फैसला लिया है.

भोपाल। प्रदेश के पर्यटन स्थलों और हस्तशिल्प कारीगरों, बुनकरों को आगे बढ़ाने और उनके बनाए सामान को बाजार उबलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम एक साथ आए हैं, दोनों विभाग मिलकर पर्यटन और हस्तशिल्प का प्रचार प्रसार करेंगे, ताकि दोनों ही क्षेत्रों में विकास हो सके.

साथ आए पर्यटन और हस्तशिल्प विकास निगम

हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के कई ऐसे छोटे क्षेत्र हैं, जहां पर पत्थरों, कपड़ों, जूट जैसी वस्तुओं पर कारीगर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं, पर प्रचार प्रसार के अभाव में ये कला कहीं ना कहीं छिपी रह गई है और इसे पर्याप्त बढ़ावा नहीं मिल पाया है. इसलिए अब पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम ने मिलकर ये तय किया है कि पर्यटन स्थलों पर इन चीजों को बेचने के लिए आउटलेट तैयार किये जाएं, साथ ही टूरिज्म के होटल पर भी मृगनयनी आउटलेट खोले जाएं.

मध्यप्रदेश के मंदसौर, जबलपुर, महेश्वर,चंदेरी जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आज भी क्षेत्रीय कारीगर मिलकर कपड़ों, पत्थरों पर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं और ये उनके आसपास के क्षेत्र में काफी प्रचलित भी है, पर इस कला के मुताबिक उन्हें अब तक पहचान नहीं मिल पाई है, जिसे देखते हुए दोनों विकास निगमों ने ये फैसला लिया है.

Intro:भोपाल- प्रदेश के पर्यटक स्थलों और हस्तशिल्प कारीगरों, बुनकरो को आगे बढ़ाने और साथ ही उनके बनाए सामान की बिक्री ज्यादा से ज्यादा हो सके इसके लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम एक साथ आए हैं दोनों अब मिल कर पर्यटन और हस्तशिल्प का प्रचार प्रसार करेंगे ताकि दोनों ही क्षेत्रों में विकास हो।


Body:इस बारे में जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश के कई ऐसे छोटे क्षेत्र हैं जहां पर पत्थरों, कपड़ों,जूट जैसी वस्तुओं पर कारीगर अपनी कलाकृतियों उकेरते हैं पर प्रचार प्रसार के अभाव में यह कला कहीं ना कहीं छुपी रह गई है और इसे पर्याप्त बढ़ावा नहीं मिल पाया है इसलिए अब पर्यटन निगम और हस्तशिल्प विकास निगम ने मिलकर यह तय किया है कि हम पर्यटन स्थलों पर इन चीजों को बेचने के लिए आउटलेट तैयार करेंगे इसके साथ ही मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटल पर भी मृगनयनी आउटलेट खोले जाएंगे और मध्यप्रदेश के कारीगरों के ऐसे ही नायाब नमूने वहां टूरिस्ट के लिए रखे जाएंगे ताकि उन कारीगरों को भी एक पहचान मिल सके।


Conclusion:बता दे कि मध्यप्रदेश के मंदसौर, जबलपुर, माहेश्वर,चंदेरी जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आज भी क्षेत्रीय कारीगर मिलकर कपड़ों,पत्थरों पर अपनी कलाकृतियों करते हैं और यह उनके आसपास के क्षेत्र में काफी प्रचलित भी है पर इस कला के मुताबिक उन्हें अब तक पहचान नहीं पाए मिल नहीं मिल पाई है जिसे देखते हुए दोनों विकास निगमों ने यह फैसला लिया है।
इन कारीगरी के सामानों को मृगनयनी आउटलेट्स में रखा जाएगा।

बाइट- राजीव शर्मा
प्रबंध संचालक,मध्यप्रदेश हस्त शिल्प विकास निगम

नीलम गुर्वे
रिपोर्टर/कंटेंट एडिटर
भोपाल

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