भोपाल। प्रदेश के पर्यटन स्थलों और हस्तशिल्प कारीगरों, बुनकरों को आगे बढ़ाने और उनके बनाए सामान को बाजार उबलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम एक साथ आए हैं, दोनों विभाग मिलकर पर्यटन और हस्तशिल्प का प्रचार प्रसार करेंगे, ताकि दोनों ही क्षेत्रों में विकास हो सके.
हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के कई ऐसे छोटे क्षेत्र हैं, जहां पर पत्थरों, कपड़ों, जूट जैसी वस्तुओं पर कारीगर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं, पर प्रचार प्रसार के अभाव में ये कला कहीं ना कहीं छिपी रह गई है और इसे पर्याप्त बढ़ावा नहीं मिल पाया है. इसलिए अब पर्यटन विकास निगम और हस्तशिल्प विकास निगम ने मिलकर ये तय किया है कि पर्यटन स्थलों पर इन चीजों को बेचने के लिए आउटलेट तैयार किये जाएं, साथ ही टूरिज्म के होटल पर भी मृगनयनी आउटलेट खोले जाएं.
मध्यप्रदेश के मंदसौर, जबलपुर, महेश्वर,चंदेरी जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आज भी क्षेत्रीय कारीगर मिलकर कपड़ों, पत्थरों पर अपनी कलाकृतियां उकेरते हैं और ये उनके आसपास के क्षेत्र में काफी प्रचलित भी है, पर इस कला के मुताबिक उन्हें अब तक पहचान नहीं मिल पाई है, जिसे देखते हुए दोनों विकास निगमों ने ये फैसला लिया है.