भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने मंगलवार, 28 सिंतबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. इस बैठक में आंगनबाड़ियों (Anganwadis) में बच्चों का पोषण (Nutrition) आहार तैयार करने वाले प्लांट एमपी एग्रो से वापस लेकर महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इसके अलावा खाद्य विभाग (food department) के 4 लाख टन धान की नीलामी करने की अनुमति देने समते कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
आज देर शाम बैठक
मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम की ये मीटिंग आज शाम 5.30 के बीच होगी. बैठक में सभी मंत्रियों को शामिल होने के निर्देश दिए गये हैं. हालांकि ऐसी भी चर्चा है कि इस दौरान उपचुनाव को लेकर भी सीएम बातचीत कर सकते हैं. बता दें कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों की जमीनी स्थिति जाने के लिए मंत्रियों को भेजा गया था, ऐसे में अब सीएम मंत्रियों से फीडबैक भी लेंगे. दरअसल, प्रदेश के एक लोकसभा और 3 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है. इस चुनाव को लेकर न सिर्फ बीजेपी में बैठकों का दौर जारी है, बल्कि कांग्रेस में भी लगातार बैठक हो रही हैं.
कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा
मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के सातों पोषण आहार प्लांट महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर बैठक में अंतिम मुहर लग सकती है. प्रदेश में धान की भी नीलामी पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है. कैबिनेट की बैठक में रेत खदानों के ठेकों के लिए आधार दर ₹250 घन मीटर किए जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी. मंत्री समूह ने आधार दर बढ़ाने के लिए अपनी अनुशंसा की है. इसके लिए आज कैबिनेट में रेत (खनन परिवहन भंडारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती हैं.
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कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा
- रेत खनन परिवहन भंडारण एवं व्यापार नियम 2019 में संशोधन का प्रस्ताव. कभी प्रदेश में रेत खदानों के ठेकों के लिए आधार दर 125 रु घन मीटर है. मंत्री समूह ने इसे 250 रु घन मीटर करने की अनुशंसा की है.
- प्रदेश के सभी साथ पोषण आहार प्लांट कि संचालन की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूह को दिए जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. पिछली कमलनाथ सरकार ने सभी पोषण आहार प्लांट की जिम्मेदारी एमपी एग्रो को दे दी थी.
- भोपाल की सरकारी में खेल ग्राम का विकास निजी भागीदारी से करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
- मंत्रालय गृह निर्माण सहकारी समिति को भोपाल के सन खेड़ी स्थित 1326 वर्ग मीटर भूमि को नीलाम करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
- सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की वेतन भुगतान को लेकर कैबिनेट में चर्चा होगी.
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के स्थाई पदों को 2026 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा.
- पहले से निर्मित 12 स्टेट हाईवे पर टोल की वसूली करने यूजर फ्री कलेक्शन एजेंसी तय करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
- रिटायर्ड अपर संचालक उद्योग वीके बरोलिया की कार्यकारी संचालक के पद पर संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव.
- मध्य प्रदेश सीमा अंतर्गत निवर्तित की जाने वाली लोक परिसंपत्तियों के लिए रिजर्व मूल्य निर्धारित करने की नीति बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा.
मिड-डे मील के तहत बच्चों में बांटी जाएगी मूंग
शिवराज सरकार इन दिनों लीक से हटने की पूरी योजना बना चुकी है, जिसका एक उदाहरण है कि इस बार प्रदेश में सरप्लस खरीदी गई मूंग (moong) अब सरकारी स्कूलों (government schools) में मिड-डे मील (mid day meal) के तहत बच्चों में बांटी जाएगी. दरअसल, केंद्र सरकार (central govt) द्वारा इस मूंग को न लेने पर ये फैसला लिया गया है. ऐसे में अब स्कूलों के 68 लाख बच्चों को 85 हजार टन मूंग वितरित की जाएगी.
सर्वे ने उड़ाए बीजेपी के होश, हार का डर
बीजेपी के आंतरिक सर्वे में पार्टी को हार दिखाई दे रही है. इसलिए प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव ने प्रदेश महामंत्रियों की ड्यूटी चुनावी क्षेत्रों में लगा दी है. इन क्षेत्रों में महामंत्रियों को 12 दिन प्रवास प्रवास करना होगा. वहां से फीडबैक लेकर रोज की रिपोर्टिंग संगठन को करनी होगी. सोशल मीडिया की टीम को आक्रमक तेवर के साथ काम करने की सलाह दी गई है. बीजेपी में यह पहली बार हो रहा है कि प्रदेश प्रभारी को बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक लेनी पड़ी हो. इस आंतरिक सर्वे के फीडबैक सीएम आज बैठक के दौरान ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री निवास पर बैठकों का दौर जारी
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रियों को अपने निवास पर बुलाकर चुनावी रणनीति (Election Strategy) तैयार की. बैठक में 25 मंत्री मौजूद रहे, जिसमें से 14 मंत्रियों को चुनावी जवाबदारी दी गई. इसके तहत 14 कमेटियां बनाई गई हैं. जिसमें तीन-तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही सत्ता और संगठन समन्वय पर ध्यान देने की बात कही गई.