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पेट्रोल-डीजल पर बढ़े टैक्स को पूर्व मंत्री ने बताया सरकार की वादाखिलाफी, तो कांग्रेस ने भी किया पलटवार

प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितो कि मदद के लिये राजस्व वृद्धि के लिए पेट्रोल-डीजल और शराब पर पांच फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया है. पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने वादाखिलाफी बताते हुए बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ाने को गलत कहा है.

पेट्रोल-डीजल पर बढ़े टैक्स को पूर्व मंत्री ने बताया सरकार की वादाखिलाफी
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Published : Sep 21, 2019, 8:33 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल की महंगाई के साथ टैक्स कम करने का वचन देने वाली कांग्रेस अपने वचन से मुकरती नजर आ रही है. बाढ़ आपदा और केंद्र से मदद ना मिलने के कारण राजस्व वृद्धि के लिए टैक्स वृद्धि को लेकर सरकार ने पेट्रोल-डीजल और शराब पर पांच फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया है. जिससे पेट्रोल-डीजल करीब तीन रूपए तक महंगे हो गए हैं. वही पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने वादाखिलाफी बताते हुए बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ाने को गलत कहा है.

पेट्रोल-डीजल पर बढ़े टैक्स को पूर्व मंत्री ने बताया सरकार की वादाखिलाफी

मामले में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि यह तो वादाखिलाफी है और सीधा-सीधा 5% डीजल और पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाना गलत है. सरकार को कोई और तरीका आजमाना था. बाढ़ से नुकसान निश्चित तौर पर हुआ है. लेकिन उसका सर्वे कराने पर ही तो पता चलेगा की नुकसान कितना हुआ है. वह अभी तक कराया नहीं है और टैक्स बढ़ा दिए हैं.

वही मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि पूर्व वित्त मंत्री का यह बयान हास्यास्पद है. कहा जब वह वित्त मंत्री रहे तब उन्होंने प्रति लीटर के हिसाब से 4 रूपए टैक्स लगाया था, उस समय 28 रूपये टैक्स था. उस समय के लिहाज से यह 13 से 14 फीसदी टैक्स था. आज उन्हें 5% टैक्स पर हंसी आ रही है. जबकि उन्होंने तब बढ़ाया था जब कोई आवश्यकता नहीं थी. आज पूरे प्रदेश के बाढ़ पीड़ित लोगों को सुरक्षा देनी पड़ेगी. केंद्र सरकार हाथ खड़े किए हुए हैं और हर जगह प्रदेश का रास्ता रोकने की तैयारी कर रही है. इस स्थिति में साधन जुटाना पड़ेंगे. यह अस्थाई है, इसलिए जनता स्वीकार करेगी और जिस दिन परिस्थितियों से वापस आएंगे उस दिन वापस ले लिया जाएगा.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल की महंगाई के साथ टैक्स कम करने का वचन देने वाली कांग्रेस अपने वचन से मुकरती नजर आ रही है. बाढ़ आपदा और केंद्र से मदद ना मिलने के कारण राजस्व वृद्धि के लिए टैक्स वृद्धि को लेकर सरकार ने पेट्रोल-डीजल और शराब पर पांच फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया है. जिससे पेट्रोल-डीजल करीब तीन रूपए तक महंगे हो गए हैं. वही पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने वादाखिलाफी बताते हुए बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ाने को गलत कहा है.

पेट्रोल-डीजल पर बढ़े टैक्स को पूर्व मंत्री ने बताया सरकार की वादाखिलाफी

मामले में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि यह तो वादाखिलाफी है और सीधा-सीधा 5% डीजल और पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाना गलत है. सरकार को कोई और तरीका आजमाना था. बाढ़ से नुकसान निश्चित तौर पर हुआ है. लेकिन उसका सर्वे कराने पर ही तो पता चलेगा की नुकसान कितना हुआ है. वह अभी तक कराया नहीं है और टैक्स बढ़ा दिए हैं.

वही मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि पूर्व वित्त मंत्री का यह बयान हास्यास्पद है. कहा जब वह वित्त मंत्री रहे तब उन्होंने प्रति लीटर के हिसाब से 4 रूपए टैक्स लगाया था, उस समय 28 रूपये टैक्स था. उस समय के लिहाज से यह 13 से 14 फीसदी टैक्स था. आज उन्हें 5% टैक्स पर हंसी आ रही है. जबकि उन्होंने तब बढ़ाया था जब कोई आवश्यकता नहीं थी. आज पूरे प्रदेश के बाढ़ पीड़ित लोगों को सुरक्षा देनी पड़ेगी. केंद्र सरकार हाथ खड़े किए हुए हैं और हर जगह प्रदेश का रास्ता रोकने की तैयारी कर रही है. इस स्थिति में साधन जुटाना पड़ेंगे. यह अस्थाई है, इसलिए जनता स्वीकार करेगी और जिस दिन परिस्थितियों से वापस आएंगे उस दिन वापस ले लिया जाएगा.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल डीजल की महंगाई का हवाला देकर टैक्स कम करने का वचन देने वाली कांग्रेस अपने वचन से मुकरती नजर आ रही है। मप्र सरकार ने कल बड़ा फैसला करते हुए पेट्रोल-डीजल और शराब पर पांच फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया है। सरकार के इस फैसले से पेट्रोल-डीजल करीब 3 रूपए तक महंगे हो गए हैं।इस फैसले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने जहां इसे वादाखिलाफी बताया है, वही बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ाने को गलत कहा है। जयंत मलैया के सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस ने उन्हें शिव 'राज' की याद दिलाते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है। इसलिए कमलनाथ सरकार ने यह वृद्धि अस्थाई तौर पर की है।


Body:पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि यह तो वादाखिलाफी है और सीधा-सीधा 5% डीजल और पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाना गलत है। पहले से ही डीजल पेट्रोल की कीमतें बहुत ज्यादा बनी थी। सरकार को कोई और तरीका आजमाना था और अपनी खर्चों में कटौती करना था। लेकिन डीजल और पेट्रोल के ऊपर इनको 5% का टैक्स नहीं लगाना था। कांग्रेस सरकार के बाढ़ आपदा और केंद्र से मदद ना मिलने के कारण राजस्व वृद्धि के लिए टैक्स वृद्धि के तर्क पर जयंत मलैया का कहना है कि बाढ़ से नुकसान निश्चित तौर पर हुआ है। लेकिन उसका सर्वे तो कराएं, सर्वे कराने पर ही तो आकलन होगा कि कितना नुकसान हुआ है। वह अभी तक कराया नहीं है और टैक्स बढ़ा दिए हैं और अभी कह रहे हैं कि बारिश के कारण नहीं हो पाया है।


Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि पूर्व वित्त मंत्री का यह बयान हास्यास्पद है। जो 5 साल तक प्रदेश के वित्त मंत्री रहे हो और जिस दिन सरकार को प्रदेश की जनता ने खारिज किया,उसी दिन उन्होंने कहा हो कि हम तो खजाना खाली करके गए हैं, कांग्रेस अपने वचन कैसे पूरी करेगी। आज वह 5% टैक्स बढ़ोतरी पर अचरज जता रहे हैं। अब यह सवाल मेरा है कि मलैया जी बताएं कि जिस दिन उन्होंने प्रति लीटर के हिसाब से 4 रूपए टैक्स लगाया था, उस समय 28 रूपये टैक्स था। उन्होंने चार रुपए अनिवार्य बताकर लगाए थे। उस समय के लिहाज से यह 13 से 14 फीसदी टैक्स था। आज उन्हें 5% टैक्स पर हंसी आ रही है। जबकि उन्होंने तब बढ़ाया था जब कोई आवश्यकता नहीं थी। आज पूरा प्रदेश बाढ़ के कारण त्राहिमाम कर रहा है। पीड़ित लोगों को सुरक्षा देनी पड़ेगी। केंद्र सरकार हाथ खड़े किए हुए हैं और हर जगह मध्य प्रदेश का रास्ता रोकने की तैयारी कर रही है। इस स्थिति में हम क्या करेंगे, साधन जुटाना पड़ेंगे। यह अस्थाई है, इसलिए जनता स्वीकार करेगी और जिस दिन परिस्थितियों से वापस आएंगे,उस दिन वापस ले लिया जाएगा।
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