भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने ओबीसी (OBC) पक्ष को 27% आरक्षण (27% Reservation) देने पर लगी रोक को बरकरार रखा है. हालांकि मामले की अगली सुनवाई बाकी है लेकिन फिर भी सरकार ने जिन 6 याचिकाओं में आवेदन पेश किए थे उन्हें भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी लड़ाई पहले से जारी है. इधर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी को नाकाम बताते हुए अपने वकीलों से पैरवी करने की बात कही है.
अपने खर्चे पर वकीलों से पैरवी करवाएंगे कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा है कि वे ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिलाने के लिए अपने खर्चे पर वकीलों से पैरवी करवाएंगे. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा (Narendra saluja) ने बताया कि इसके लिए कमलनाथ ने दिल्ली में एडवोकेट इंदिरा जयसिंह और अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात भी की है. इनसे पैरवी करवाने खर्च प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उठाएंगे.
प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की
हालांकि इस मामले में बीजेपी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. अगर 20 सितंबर को आखिरी सुनवाई में हाईकोर्ट ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने पर लगी रोक नहीं हटाती है, तो राज्य सरकार सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. प्रदेश सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि "20 सितंबर को हने वाली सुनवाई पर हम फिर से कोर्ट के सामने सभी तथ्यों को रखेंगे, हमें विश्वास है कि फैसला सरकार के पक्ष में आएगा. अगर कोई दिक्कत आती है, तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे"
OBC को 27% आरक्षण देने पर HC की रोक बरकरार, 20 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भले ही ऐलान कर दिया हो कि आने वाली जितनी भर्तियां होगी उसमें ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाएगा. लेकिन बयानबाजी के बीच सीएम शायद यह भूल गए कि वैधानिक रूप से 27% आरक्षण दिया, तो यह मामला अभी कोर्ट में जाएगा और ओबीसी को 27% आरक्षण सरकार नहीं दे पाएगी.