भोपाल। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका आया है जब राज्यसभा की तीन सीटें खाली ही रहेंगी. राज्यसभा के तीन सदस्यों का कार्यकाल 9 अप्रैल यानि आज समाप्त हो रहा है, लेकिन प्रदेश में फैल रहे कोरोना संक्रमण की वजह से स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही है. जिसे काबू में लाने के लिए मध्य प्रदेश में लॉकडाउन भी लागू किया गया है. फिलहाल जिस तरह की परिस्थितियां प्रदेश में बनी हुई हैं, उससे यही माना जा रहा है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि समाप्त नहीं होगी और इस को आगे बढ़ाया जा सकता है. इस विषय पर लगातार विचार-विमर्श भी किया जा रहा है. जिसके चलते राज्यसभा चुनाव भी स्थगित कर दिए गए हैं.
मध्य प्रदेश के तीन सांसद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल अब पूरा हो गया है. राज्यसभा की इन तीनों सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना था, लेकिन कोरोना के फैलते संक्रमण की वजह से इन्हें टाल दिया गया है. चुनाव की तारीख क्या होगी, ये अभी तक निश्चित नहीं हो सका है. वहीं मध्य प्रदेश के साथ ही कुल 12 राज्य ऐसे हैं जहां पर राज्यसभा सीटें खाली रह जाएंगी, मतलब इन राज्यों की राज्यसभा सीटों का कार्यकाल भी प्रदेश की सीटों के साथ 9 अप्रैल को खाली हो रहा है. इन राज्यों में गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं.
राज्यसभा की 55 सीटें इस महीने खाली हो रही है, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया है, लेकिन यह इंतजार अब बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह के अलावा दूसरे प्रत्याशी के तौर पर फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं बीजेपी ने सिंधिया के अलावा सुमेर सिंह सोलंकी को भी उम्मीदवार बनाया है.
जिस तरह की परिस्थितियां इस समय मध्य प्रदेश में दिखाई दे रही हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि जून से पहले राज्यसभा के चुनाव होना संभव नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन की अवधि एक बार फिर से कई शहरों में बढ़ाई जा सकती है, जब तक की संक्रमण पर पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हो जाता है.