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Mp Nurse Strike:नर्सेज को स्ट्राइक पर जाने से रोकने के लिए दी जा रही धमकियां ,सस्पेंड किया जाने की कही बात - nurse

प्रदेशभर में 7 सूत्रीएं मांगो लेकर हड़ताल कर रही है नर्सों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी धमका रहे हैं.नर्सों को हड़ताल खत्म करने के लिए मजबूर किया जा रहा. ऐसा न करने पर उन्हें सस्पेंड किए जाने की धमकी भी दी. नर्सों ने चेतावनी दी है जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिलता तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

threat to stop strike
स्ट्राइक रोकने के लिए सस्पेंड की धमकी
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Published : Jul 6, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 4:42 PM IST

भोपाल(Bhopal)। नर्सेज की हड़ताल तोड़ने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अब उन्हें बुलाकर सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं. यह धमकियां उन ट्रेनिंग नर्सेज को दी जा रही है जो हड़ताल में शामिल है. इसके साथ ही अन्य नर्सों को भी इसी तरह बोला जा रहा है .ऐसे में नर्स ने चेतावनी दी है कि सरकार जो चाहे कर ले लेकिन जब तक लिखित में आश्वासन नहीं मिलता यह हड़ताल वापस नहीं लेंगी.

स्ट्राइक रोकने के लिए सस्पेंड की धमकी

हड़ताल कर रही नर्सों को अधिकारी दे रहे धमकी

नर्सेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता विफल होने के बाद . मध्यप्रदेश में नर्सेज अपनी हड़ताल पर कायम है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के साथ ही अन्य अस्पतालों में भी नर्सेज ने उग्र प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद कर दी है. भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ ही सुल्तानिया अस्पताल में भी नर्सों ने हड़ताल कर पूरे तरीके से काम बंद कर दिया है. इधर कोर्ट ने भले ही नर्सेज को 2 दिन का समय देते हुए 7 तारीख को उनकी अगली सुनवाई रखी हो. लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अंदर ही अंदर नर्सेज की हड़ताल को डैमेज करने के लिए लगे हुए हैं. उच्च अधिकारियों के कहने पर हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने नर्सों को बुलाकर यह धमकी तक दे दी है अगर वह हड़ताल में शामिल होती हैं तो उनको सस्पेंड कर दिया जाएगा.

लिखित आदेश मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल

इसमें मुख्य रूप से वो ट्रेनिंग करने वाली नर्स है जो शुरुआती दौर में ही काम कर रही है और इन्हें मानदेय के रूप में मात्र 3000 महीना मिलता है. इन ट्रेनिंग नर्सेज ने नाम ना छापने की बात कहते हुए बताया कि दोपहर में कई और नर्सेज को हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने बुलाया था और इनसे साफ तौर पर कहा गया है कि अगर यह हड़ताल में शामिल होती हैं तो इन्हें सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी. इधर नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेश्राम का कहना है कि सरकार भले ही दबाव बनाए .लेकिन जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलता तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

विरोध के सुर: रीवा में नर्सों ने मांगों को लेकर जताया विरोध, उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ताओं में नाराजगी

पिछले दिनों से अभी तक क्या हुआ

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंत्री विश्वास सारंग के कहने पर नर्सेज को मिलने बुलाया था.सोमवार दोपहर बाद हुई इस चर्चा में डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के साथ ही नर्सेज और तमाम अधिकारी मौजूद रहे. लेकिन इसके पहले जबलपुर हाई कोर्ट ने अपनी अगली सुनवाई 2 दिन बाद करने के चलते डीएमई ने भी 2 दिन का समय लेते हुए नर्सेज को बातचीत के लिए 2 दिन बाद फिर बुलाया है.

इसलिए कर रही प्रदर्शन

कई सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं.नर्सेस कोविड में भी लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई है. कई के परिवार में लोगों की मृत्यु हो चुकी है. नर्सों का कहा

  • अन्य राज्यों में नर्सेज को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर माना जाता है
  • नर्सों को grade-2 की सुविधा दी जाती है .
  • मध्यप्रदेश में अभी भी स्टाफ नर्स ही का मानदेय दिया जाता है.
  • रात में ड्यूटी करने के दौरान भी इनका अलाउंस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.

भोपाल(Bhopal)। नर्सेज की हड़ताल तोड़ने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अब उन्हें बुलाकर सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं. यह धमकियां उन ट्रेनिंग नर्सेज को दी जा रही है जो हड़ताल में शामिल है. इसके साथ ही अन्य नर्सों को भी इसी तरह बोला जा रहा है .ऐसे में नर्स ने चेतावनी दी है कि सरकार जो चाहे कर ले लेकिन जब तक लिखित में आश्वासन नहीं मिलता यह हड़ताल वापस नहीं लेंगी.

स्ट्राइक रोकने के लिए सस्पेंड की धमकी

हड़ताल कर रही नर्सों को अधिकारी दे रहे धमकी

नर्सेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता विफल होने के बाद . मध्यप्रदेश में नर्सेज अपनी हड़ताल पर कायम है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के साथ ही अन्य अस्पतालों में भी नर्सेज ने उग्र प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद कर दी है. भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ ही सुल्तानिया अस्पताल में भी नर्सों ने हड़ताल कर पूरे तरीके से काम बंद कर दिया है. इधर कोर्ट ने भले ही नर्सेज को 2 दिन का समय देते हुए 7 तारीख को उनकी अगली सुनवाई रखी हो. लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अंदर ही अंदर नर्सेज की हड़ताल को डैमेज करने के लिए लगे हुए हैं. उच्च अधिकारियों के कहने पर हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने नर्सों को बुलाकर यह धमकी तक दे दी है अगर वह हड़ताल में शामिल होती हैं तो उनको सस्पेंड कर दिया जाएगा.

लिखित आदेश मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल

इसमें मुख्य रूप से वो ट्रेनिंग करने वाली नर्स है जो शुरुआती दौर में ही काम कर रही है और इन्हें मानदेय के रूप में मात्र 3000 महीना मिलता है. इन ट्रेनिंग नर्सेज ने नाम ना छापने की बात कहते हुए बताया कि दोपहर में कई और नर्सेज को हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने बुलाया था और इनसे साफ तौर पर कहा गया है कि अगर यह हड़ताल में शामिल होती हैं तो इन्हें सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी. इधर नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेश्राम का कहना है कि सरकार भले ही दबाव बनाए .लेकिन जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलता तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

विरोध के सुर: रीवा में नर्सों ने मांगों को लेकर जताया विरोध, उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ताओं में नाराजगी

पिछले दिनों से अभी तक क्या हुआ

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंत्री विश्वास सारंग के कहने पर नर्सेज को मिलने बुलाया था.सोमवार दोपहर बाद हुई इस चर्चा में डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के साथ ही नर्सेज और तमाम अधिकारी मौजूद रहे. लेकिन इसके पहले जबलपुर हाई कोर्ट ने अपनी अगली सुनवाई 2 दिन बाद करने के चलते डीएमई ने भी 2 दिन का समय लेते हुए नर्सेज को बातचीत के लिए 2 दिन बाद फिर बुलाया है.

इसलिए कर रही प्रदर्शन

कई सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं.नर्सेस कोविड में भी लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई है. कई के परिवार में लोगों की मृत्यु हो चुकी है. नर्सों का कहा

  • अन्य राज्यों में नर्सेज को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर माना जाता है
  • नर्सों को grade-2 की सुविधा दी जाती है .
  • मध्यप्रदेश में अभी भी स्टाफ नर्स ही का मानदेय दिया जाता है.
  • रात में ड्यूटी करने के दौरान भी इनका अलाउंस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.
Last Updated : Jul 6, 2021, 4:42 PM IST
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