मध्य प्रदेश में जलजला आ गया है. मंदसौर नीमच समेत कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. जहां देखिये वहां बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. गांव के गांव जलमग्न हो गए हैं. सड़कों पर सैलाब की वजह से नाव चल रही है और घरों में पानी भर जाने की वजह से लोगों को कहीं और शरण लेनी पड़ी रही है.
भारी बारिश की वजह से गांव के गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. गौदणी गांव में लगने वाली हाट की जगह भी तहस-नहस हो गयी. गुमटियां पानी में समा गईं. फसल अब बरबाद हो चुकी है. मकान धराशायी हो गए हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत का एक हिस्सा ढहकर नाले में बह गया. ग्रामीणों के खाने के लाले पड़ रहे हैं. प्रशासन के दावे तो बहुत हैं, लेकिन उन दावों की जनता पोल खोल रही है.
गांव के सरपंच प्रतिनिधि रईस खान का कहना है बुरे वक्त पर लोग जाति मजहब सब भूल एक-दूसरे की मदद कर कौमी एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं. बाढ प्रभावित लोगों को अपने यहां पनाह देकर लोग मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.
मंदसौर में बाढ़ के हालातों का सामना कर रहे लोगों का दर्द बांटने अभी तक न तो सीएम कमलनाथ और न ही सरकार का कोई और मंत्री पहुंचा है. सूबे के पूर्व मंत्री शिवराज सिंह जरूर लोगों के बीच पहुंचकर मरहम लगाने की कोशिश की. उन्होंने राज्य सरकार से केंद्र सरकार द्वारा भेजी एक हजार करोड़ की राशि भी तुरंत प्रभावितों को बाटने की मांग की है
मंदसौर में आई आपदा ने सब कुछ तहस नहस करके रख दिया है. अब देखना होगा जनसैलाब से हुए नुकसान को प्रशासन कितना भर पाता है.