भोपाल। ये सोशल मीडिया का ही असर है कि प्रचार सामग्री के दुकानदार इस बार निराश हैं. उनके मुताबिक भले ही निकाय चुनाव की सूची भले ही जारी न हुई हो, लेकिन त्रि स्तरीय पंचायत को लेकर मुश्किल से 60 फीसदी ही प्रचार की सामग्री की बिक्री हो रही है.
पंचायतों में भी सोशल मीडिया का बोलबाला : टीकमगढ़ से करीब 35 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मालपीथ पंचायत में सरपंच पद से उम्मीदवार प्रमोद मिश्रा दिन -रात लोगों से संपर्क में जुटे हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने लोगों से लगातार जुड़े रहने के लिए पंचायत में कई ग्रुप बनाकर लोगों को सोशल मीडिया से जोड़ा है. उसके माध्यम से लगातार अपनी बात उन तक पहुंचा रहे हैं. इससे प्रचार सामग्री का खर्च भी बच रहा है. हालांकि त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव किसी पार्टी चिह्न पर नहीं होते. इसके बाद भी उम्मीदवार अपने चुनाव चिह्न तक लोगों तक पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया इसमें काफी मददगार बन रहा है.
40 फीसदी तक बिक्री में आई गिरावट : चुनाव प्रचार सामग्री के थोक विक्रेता अजय अग्रवाल के मुताबिक चुनाव प्रचार सामग्री में पिछले चुनावों के मुकाबले करीब 40 फीसदी तक की गिरावट आई है. वैसे पंचायतों में खड़े उम्मीदवार प्रचार सामग्री ले जा रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव जैसा रिस्पांस नहीं है. निकाय चुनाव के सभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने के बाद उम्मीद है कि चुनाव सामग्री की बिक्री में तेजी आए. सोशल मीडिया पर प्रचार के बाद चुनाव सामग्री में गिरावट तो आई ही है.
चुनाव सामग्री पर भी आफर : निकाय चुनाव में पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होना है. इस तरह चुनाव सिर्फ 20 दिन का ही है. इसको देखते हुए प्रचार सामग्री बेचने के लिए दुकानदारों द्वारा डिस्काउंट आफर भी दिया जा रहा है. दुकानदारों द्वारा पैकेज भी तैयार किए गए हैं. इसमें 100 रुपए के पैकेज में टी-शर्ट, टोपी, झंडा, चाबी- छल्ला तक दिए जा रहे हैं. (Social media is overshadowing election material) (Election material up to 40 percent decline)