भोपाल। एमपी मे पंचायत चुनाव निरस्त करने वाले अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन कराने का नोटिफिकेशन जारी (Shivraj government again issued notification to bring ordinance) किया गया है, यानि अब पंचायतों का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा. साथ ही जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन और वार्ड का विभाजन भी नए सिरे से किया जाएगा. इसके लिए शिवराज सरकार ने एक बार फिर मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन (द्वितीय) अध्यादेश जारी किया है.
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निरस्त हो गया पिछला परिसीमन
राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें अधिनियम की धारा 10 में यह प्रविधान किया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन (new delimitation of panchayats in MP) के 18 माह तक यदि चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो वह निरस्त समझा जाएगा.
नए परिसीमन पर होगा पंचायत चुनाव
इसके मायने ये है कि वर्ष 2019 में कमलनाथ सरकार के समय पंचायतों का जो परिसीमन हुआ था, वह निरस्त हो गया है क्योंकि 18 माह से अधिक समय बीत चुका है. अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नए अध्यादेश के अनुसार नए सिरे से ग्राम पंचायत या उसके वार्डों, जनपद पंचायत या उसके निर्वाचन क्षेत्रों अथवा जिला पंचायत या उसके निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन या विभाजन किया जाएगा.
इतिहास बन गईं 227 नई पंचायतें
कमलनाथ सरकार के समय पंचायतों का परिसीमन किया गया था, उसमें एक हजार 227 नई पंचायतें गठित की गई थी, शिवराज सरकार ने इस परिसीमन के आधार पर चुनाव नहीं कराने के लिए 21 नवंबर 2021 को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश- 2021 अधिसूचित किया था, जिससे 2014 की व्यवस्था लागू की गई थी, इसके आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था.
अब फिर हो गईं 22,581 पंचायतें
सरकार नहीं चाहती थी कि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव हो, इसलिए अध्यादेश को वापस ले लिया. 2019 का परिसीमन निरस्त होने से एक बार फिर प्रदेश में पंचायतों की संख्या 22 हजार 695 हो गई है. पंचों की संख्या तीन लाख 62 हजार 754, 313 जनपद पंचायतों के सदस्यों की संख्या 6727 और 52 जिला पंचायत के सदस्यों की संख्या 859 हो गई है. कमलनाथ सरकार में पंचायतों की संख्या 23922 हो गयी थी.
रोस्टर लागू कराने कोर्ट पहुंची कांग्रेस
कांग्रेस ने अध्यादेश के जरिए पंचायत चुनाव कराने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. परिसीमन निरस्त करने और रोस्टर का पालन नहीं किए जाने के खिलाफ कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंच गई. हालांकि, किसी न्यायालय ने स्थगन नहीं दिया पर सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित पदों को अनारक्षित (सामान्य) श्रेणी में पुनः अधिसूचित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को आदेशित कर दिया.