भोपाल| प्रदेश सरकार के द्वारा नई आबकारी नीति 2020-21 जारी कर दी गई है. इस नई नीति के तहत मध्यप्रदेश में शराब की उप दुकानें नहीं खोली जाएंगी. सरकार ने आबकारी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए अब 16 बड़े शहरों में शराब ठेके दुकानों के स्थान पर क्लस्टर में देने का निर्णय लिया है. इस निर्णय से छोटे ठेकेदार रेस से बाहर हो जाएंगे.
मध्यप्रदेश के चार बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में दो क्लस्टर बनाकर सभी दुकानों के ठेके दिए जाएंगे. इसमें अंग्रेजी और देसी शराब दुकानें शामिल रहेंगी. प्रदेश के अन्य 12 नगर निगमों में एक क्लस्टर बनाकर ठेका दिया जाएगा. सभी 16 नगर निगमों में शराब दुकानों की नीलामी पिछले साल के वार्षिक मूल्य से 25% बढ़ाकर की जाएगी. अन्य स्थानों पर पिछले वर्ष की एकल समूह व्यवस्था के अनुसार ही वार्षिक मूल्य में न्यूनतम 25% राशि बढ़ाकर टेंडर किए जाएंगे.
वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि अभी तक प्रदेश में शराब की जो व्यवस्था चल रही थी उसमें ऑनलाइन सिस्टम नहीं था. जिसकी वजह से यह पता नहीं चल पाता था कि वेयर हाउस में कितना माल पहुंच रहा है. यही वजह है कि कई तरह की शिकायतें भी आई है. यही वजह है कि अब हमने सब कुछ ऑनलाइन करने की कोशिश की है.
वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक नया सिस्टम तैयार किया जा रहा है. इसके तहत अब विदेशी शराब का परिवहन परमिट भी ऑनलाइन प्रदान किया जाएगा. ऐसा करने से पारदर्शिता से काम किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अब बारकोड सिस्टम भी बॉटल्स और कैरेट पर किया जा रहा है. इस नए सिस्टम के तहत यह पता चल सकता है कि बोतल और कैरेट कहां पर है और यह कहां पर रखी हुई है.
देश में कही है यह सिस्टम
मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि यह नवाचार अभी तक देश में कहीं भी किसी राज्य में लागू नहीं किया है. इससे वाणिज्यकर में पारदर्शिता आएगी और राजस्व की जो चोरी हो रही थी उसे रोका जा सकता है. प्रदेश सरकार के द्वारा यही कोशिश की जा रही है.
ऑनलाइन प्रक्रिया पर बीजेपी पर साधा निशाान
वहीं बीजेपी ने ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर कमलनाथ सरकार से कई तरह के सवाल पूछे हैं. इसे लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अगर चोरी को रोकने में भाजपा को दिक्कत है तो 15 साल कैसे गुजरे हैं. यह पता चलता है इस पर क्या टिप्पणी करें यह सभी जानते हैं.
बीजेपी नेताओं के पेट में क्यों हो रहा है दर्द
मंत्री ने कहा कि इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. हम तो चोरी रोककर सरकार का ही राजस्व बढ़ा रहे हैं. यह आश्चर्य की बात है कि उन्हें इसे लेकर भी दिक्कत हो रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को विदेशी शराब की बिक्री ऑनलाइन नहीं की जाएगी.
नई आबकारी नीति के तहत ऑनलाइन होंगे परिवहन परमिट
नई आबकारी नीति में विदेशी मदिरा के वेयरहाउस से दुकान तक परिवहन के परमिट ऑनलाइन प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है. विदेशी शराब के परिवहन परमिट ऑनलाइन प्रदाय करने का उद्देश्य नकली विदेशी मदिरा की बिक्री और उसके अवैध परिवहन की रोकथाम करना है.
बारकोड सिस्टम भी किया जाएगा लागू
प्रदेश के मंत्री ने कहा कि यदि ऑनलाइन व्यवस्था की जाएगी और बोतल पर यदि बारकोड सिस्टम लागू किया जाएगा तो इससे मालूम होगा कि कौनसी चीज किस स्थान पर है. उन्होंने कहा कि नीलामी ई-टेंडर के माध्यम से होगी.
बैठक में15 पर्यटक स्थलों पर आउटलेट खोलने पर सहमति
इसके अलावा प्रदेश के 15 पर्यटक स्थलों पर 15 आउटलेट खोलने का निर्णय भी लिया गया है. नकली और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक बोतल पर बारकोड लगाने का निर्णय भी लिया गया है. इसकी सप्लाई भी ऑनलाइन की जाएगी. हालांकि इस ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष के द्वारा कई तरह के सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं. जिसका जवाब देते हुए वाणिज्यिक कर मंत्री ने साफ कर दिया है कि विदेशी शराब की बिक्री ऑनलाइन नहीं की जाएगी. बल्कि अवैध रूप से की जा रही चोरी को रोकने और राजस्व को बढ़ाने के लिए ही ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है.
बता दें कि सभी जिलों में 2 हजार 544 देसी और 1 हजार 61 विदेशी शराब की दुकानें हैं.