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कोरोना संकट में बेसहारों के लिए 'देवदूत' बने भोपाल के यूथ

भोपाल के युवा कोरोना काल में गरीबों के लिए रोज भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. भोपाल के युवा गरीबों के लिए देवदूत बन गए हैं. ये युवा कोरोना मरीजों को भी भोजन पहुंचाते हैं.

poor in the corona times
देवदूत बने भोपाल के यूथ
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Published : Apr 24, 2021, 8:31 AM IST

भोपाल। कोरोना के विकट समय में जब लॉकडाउन है, सारी व्यवस्थाएं ठप पड़ी हुई हैं, लोगों को इलाज के अभाव में तड़पते और परेशान होते देखा जा रहा है, ऐसे में भोपाल के कुछ युवा गरीब असहाय लोगों के लिए देवदूत बने हुए हैं. लगातार 1 महीने से युवाओं का यह दल गरीब असहाय लोगों के भोजन पानी की व्यवस्था में जुटा हुआ है.

देवदूत बने भोपाल के यूथ

कोरोना का कहर और कर्फ्यू के चलते लोगों का काम धंधा बंद पड़ा है, ऐसे में लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. इन गरीबों की खबर लेने कोई नहीं पहुंच रहा है. कई दिनों तक इनको भूखे पेट ही गुजारा करना पड़ रहा है. युवाओं के इस प्रयास से इन बेसहारा झुग्गी बस्ती में रहने लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब हो पा रही है. परोपकार में जुटे युवा मनीष मिश्रा ने बताया कि वह यह काम पिछले एक महीने से कर रहे हैं उन्होंने लगभग हजार से अधिक गरीबों और जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है. यहां तक की अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज और उनके परिजनों को भी उन्होंने मदद पहुंचाई है.

लॉकडाउन में सात हजार लोगों का सहारा बनी ये रसोई, घर तक पहुंचाते हैं गर्म भोजन

  • नेकी कर दरिया में डाल

मनीष मिश्रा कहते हैं कि यह सब काम उनके बड़े भाई बबलू भैया के जरिए किया जा रहा है. बेसहारा गरीबों की मदद के लिए उन्होंने रोजाना 100 से अधिक लोगों के लिए भोजन बनवाना शुरू किया है और शाम तक इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने में जुटे रहते हैं. इसके पीछे उनका कोई स्वार्थ नहीं है, उनकी भावना है कि ऐसे विकट समय में जरूरतमंदों तक दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाए. यही उनके लिए ईश्वर का आशीर्वाद है. उन्होंने यह काम कर के नेकी कर दरिया में डाल वाली कहावत को साबित कर दिया.

  • कोरोना मरीजों को पहुंचाते हैं भोजन

युवाओं ने बताया कि उनकी टीम सुबह से अस्पतालों मैं पहुंच जाती है. अपनी स्कूटी पर यह लोग भोजन का सामान लेकर जरूरतमंदों तक पहुंचते हैं. खासकर कोरोना मरीजों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था करवाते हैं. साथ ही उनके परिजनों के लिए भी भोजन उपलब्ध कराने में जुटे रहते हैं.

भोपाल। कोरोना के विकट समय में जब लॉकडाउन है, सारी व्यवस्थाएं ठप पड़ी हुई हैं, लोगों को इलाज के अभाव में तड़पते और परेशान होते देखा जा रहा है, ऐसे में भोपाल के कुछ युवा गरीब असहाय लोगों के लिए देवदूत बने हुए हैं. लगातार 1 महीने से युवाओं का यह दल गरीब असहाय लोगों के भोजन पानी की व्यवस्था में जुटा हुआ है.

देवदूत बने भोपाल के यूथ

कोरोना का कहर और कर्फ्यू के चलते लोगों का काम धंधा बंद पड़ा है, ऐसे में लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. इन गरीबों की खबर लेने कोई नहीं पहुंच रहा है. कई दिनों तक इनको भूखे पेट ही गुजारा करना पड़ रहा है. युवाओं के इस प्रयास से इन बेसहारा झुग्गी बस्ती में रहने लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब हो पा रही है. परोपकार में जुटे युवा मनीष मिश्रा ने बताया कि वह यह काम पिछले एक महीने से कर रहे हैं उन्होंने लगभग हजार से अधिक गरीबों और जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है. यहां तक की अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज और उनके परिजनों को भी उन्होंने मदद पहुंचाई है.

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  • नेकी कर दरिया में डाल

मनीष मिश्रा कहते हैं कि यह सब काम उनके बड़े भाई बबलू भैया के जरिए किया जा रहा है. बेसहारा गरीबों की मदद के लिए उन्होंने रोजाना 100 से अधिक लोगों के लिए भोजन बनवाना शुरू किया है और शाम तक इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने में जुटे रहते हैं. इसके पीछे उनका कोई स्वार्थ नहीं है, उनकी भावना है कि ऐसे विकट समय में जरूरतमंदों तक दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाए. यही उनके लिए ईश्वर का आशीर्वाद है. उन्होंने यह काम कर के नेकी कर दरिया में डाल वाली कहावत को साबित कर दिया.

  • कोरोना मरीजों को पहुंचाते हैं भोजन

युवाओं ने बताया कि उनकी टीम सुबह से अस्पतालों मैं पहुंच जाती है. अपनी स्कूटी पर यह लोग भोजन का सामान लेकर जरूरतमंदों तक पहुंचते हैं. खासकर कोरोना मरीजों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था करवाते हैं. साथ ही उनके परिजनों के लिए भी भोजन उपलब्ध कराने में जुटे रहते हैं.

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