भोपाल। कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए चर्चा की. उन्होंने कुलपतियों से कहा कि कोरोना वायरस के इस विश्वव्यापी संकट से भारत भी अछूता नहीं है. संतोष की बात यह है कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और मार्मिक अपील ने देशवासियों के दिलों पर गहरा असर किया है. लोग खुद ही जनता कर्फ्यू का पालन करने के बाद 21 दिनों के लॉकडाउन में संयम बरतते हुए घर पर रहकर जानलेवा वायरस से बचाव में सहयोग कर रहे हैं.
लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा संक्रमण से बचाव के लिये किए गए प्रयासों के परिणाम संतोषप्रद हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के इस दौर में सभी छात्र-छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं. विश्वविद्यालय का स्टॉफ भी अपने घर पर है. इसलिए जरूरी है कि युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग हो. विद्यार्थी घर पर ही पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें. आईसीटी तकनीक का उपयोग कर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक उनका मार्गदर्शन करें.
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप अभी गांवों तक नहीं फैला है. छात्रों को इस सामाजिक अभियान से जोड़कर उन्हें दायित्वों का बोध कराएं. छात्र-छात्राएं कोरोना से बचाव संबंधी मूलभूत बातें लोगों तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिये किसी अस्त्र-शस्त्र की नहीं, आत्म-नियंत्रण एवं संयम की जरूरत है. इसलिये सभी कुलपति अपने-अपने घरों से इस सामाजिक दायित्व के निर्वहन के साथ-साथ छात्रों के लिये ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था भी करें.