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भोपाल: शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों का एरियर रूका, नाराज अध्यापकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियर की राशि रोके जाने पर शिक्षकों में आक्रोश है. लेकिन इस पर वित्त विभाग का कोई ध्यान नहीं है.

प्रोफेसर कैलाश त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष
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Published : Apr 24, 2019, 10:55 PM IST

भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियर की राशि रोके जाने पर शिक्षकों में आक्रोश है. लेकिन इस पर वित्त विभाग का कोई ध्यान नहीं है. जिसके चलते शिक्षकों ने वित्त विभाग को पत्र भी लिखा है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो शिक्षक संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.

प्रोफेसर कैलाश त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष

संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने बताया कि शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से सातवां यूजीसी वेतनमान की स्वीकृति प्रदान कर आदेश जारी कर दिए गए थे. साथ ही एक जनवरी 2019 से एरियर का नगद भुगतान किया जाना था लेकिन वित्त विभाग ने शिक्षकों के एरियर के भुगतान पर अघोषित रूप से रोक लगा रखी है. जबकि राज्य शासन द्वारा एरियर की राशि के लिए 372 करोड़ रुपए की राशि का बजट में प्रावधान कर दिया गया है.

भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियर की राशि रोके जाने पर शिक्षकों में आक्रोश है. लेकिन इस पर वित्त विभाग का कोई ध्यान नहीं है. जिसके चलते शिक्षकों ने वित्त विभाग को पत्र भी लिखा है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो शिक्षक संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.

प्रोफेसर कैलाश त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष

संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने बताया कि शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से सातवां यूजीसी वेतनमान की स्वीकृति प्रदान कर आदेश जारी कर दिए गए थे. साथ ही एक जनवरी 2019 से एरियर का नगद भुगतान किया जाना था लेकिन वित्त विभाग ने शिक्षकों के एरियर के भुगतान पर अघोषित रूप से रोक लगा रखी है. जबकि राज्य शासन द्वारा एरियर की राशि के लिए 372 करोड़ रुपए की राशि का बजट में प्रावधान कर दिया गया है.

Intro:शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियर की राशि रोके जाने का मामला सामने आया है इसके बाद शिक्षकों में भारी आक्रोश है प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने आरोप लगाया है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिससे शिक्षकों में खासी नाराजगी दिखाई है


Body:शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियस की राशि रोके जाने का मामला सामने आया है प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने आरोप लगाया है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिससे शिक्षकों में खासी नाराजगी है संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने बताया कि शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से सातवां यूजीसी वेतनमान की स्वीकृति प्रदान कर आदेश जारी कर दिए गए थे साथ ही एक जनवरी 2019 से एरिया का नगद भुगतान किया जाना उल्लेखनीय था लेकिन वित्त विभाग ने शिक्षकों के एरियर के भुगतान पर अघोषित रूप से रोक लगा रखी है जबकि राज्य शासन द्वारा एरियाज की राशि के लिए 372 करोड रुपए की राशि का बजट में प्रावधान कर दिया गया है लेकिन वित्त विभाग की इस कार्यवाही से शिक्षकों में रोष व्याप्त है शिक्षकों का कहना है कि अगर वित्त विभाग शिक्षकों के प्रति इसी प्रकार का रवैया अपना आता है तो वह अपनी मांगों को लेकर आंदोलित होंगे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे..

बाइट - प्रोफेसर कैलाश त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष अध्यापक संघ


Conclusion:शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सातवें वेतनमान के एरियर की राशि रोके जाने पर शिक्षकों में आक्रोष है लगातार शिक्षकों को कभी वेतनमान के लिए कभी एरियाज की राशि के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन शिक्षकों की मांगों पर वित्त विभाग का कोई ध्यान नहीं है जिसके चलते शिक्षकों ने वित्त विभाग को पत्र भी लिखा है और साथ ही आ चुनौती भी दी है कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाएगा तो शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे
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