भोपाल। प्रदेश के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हर वर्ग की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. कोरोना कर्फ्यू के चलते सबसे ज्यादा परेशानी टैक्स जमा करने वालों को हो रही है क्योंकि सीए, एडवोकेट और ट्रेडर्स के ऑफिस और दुकानें बंद होने के कारण टैक्स संबंधी कोई भी काम नहीं हो पा रहा है. इस हालत में इंट्रेस्ट और पैनल्टी लगने का खतरा और बढ़ गया है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद आने वाले समय में भी लॉकडाउन जैसे हालात होने की आशंका के मद्देनजर मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन ने तो सरकार से टैक्स रिटर्न की ड्यू डेट को आगे बढ़ाने की मांग की है.
ये आ रही दिक्कतें
- नहीं हो पा रहे आनलाइन पेमेंट
- डाटा सब्मिट करने में हो रही मुश्किल
- ड्यू डेट पर जमा नहीं तो लगेगी पेनाल्टी
- टीडीएस रिटर्न की आनलाइन प्रोसेस नहीं हो पा रही
ये हैं आखिरी तारीखें
- 5 करोड़ से अधिक इनकम वालों के लिए थ्री बी फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल.
- 5 करोड़ से कम इनकम वालों के लिए थ्री बी फार्म भरने की आखिरी तारीख 22 अप्रैल.
- टीडीएस चालान जमा करने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल.
- कर विवाद निपटारा स्कीम के तहत केस फाइल करने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल.
पैनाल्टी में राहत दे सरकार
मध्य प्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के सचिव मनीष त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना के कारण सभी टैक्स पेयर को परेशानी हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी पेमेंट्स को लेकर है. ट्रेडर्स के लेजर, बही-खाता का काम अटका पड़ा है. डाटा सबमिट करना मुश्किल हो रहा है. त्रिपाठी का कहना है कि वित्त विभाग और सरकार को चाहिए कि वे टैक्स पेयर की परेशानी को देखते हुए ड्यू डेट को आगे बढ़ाएं और पेनाल्टी से राहत दी जाए.
सीए, एडवोकेट और ट्रेडर्स सभी के ऑफिस बंद
सीए राजेश जैन का मानना है कि कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन के हालातों के चलते टैक्स जमा करने वालों के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई हैं. नियत तिथि पर टैक्स जमा न होने पर जुर्माना भरने का अंदेशा है. जीएसटी और इनकम टैक्स से संबंधित परेशानियां ज्यादा हैं. सीए, एडवोकेट के ऑफिस बंद हैं, ट्रेडर्स की दुकानें बंद हैं, कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो इन हालातों में डाटा नहीं पहुंचा पा रहे हैं और काम पूरी तरह से रुका हुआ है.
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पिछले साल कोरोना काल में सरकार ने टैक्स पेयर को कई राहतें दी थीं लेकिन फिलहाल टैक्स पेयर के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. यदि समय पर टैक्स रिटर्न जमा नहीं किया तो जुर्माना के साथ अन्य सजा भी भुगतने के हालात पैदा हो सकते हैं.