भोपाल| मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है और अब बाढ़ के बाद लोगों को मुआवजे का इंतजार है, लेकिन न तो राज्य सरकार ने अब तक मुआवजा बांटा है और न ही केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद आई है. बताया जा रहा है कि अब तक राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों का पूरी तरह से सर्वे ही नहीं कराया है. वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री का कहना है कि अभी सर्वे पूरा नहीं हुआ है तो फिर आधी-अधूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को कैसे भेज सकते हैं, क्योंकि कई जगह पर अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और बारिश का दौर लगातार चल रहा है.
वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि सरकार को अपने अधिकारों के बारे में बखूबी पता है. जिस तरह से प्रदेश में बाढ़ के हालात में बने हैं, उससे कहीं ना कहीं आमजन के साथ किसान भी परेशान हो रहा है और ये जानकारी सरकार को है. उन्हें राहत पहुंचाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. तरुण भनोट का कहना है कि सरकार ने किसी भी प्रकार से राजनीति की शुरुआत नहीं की थी. इस बार मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हुई है और ये बारिश का क्रम अभी भी जारी है. लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बारिश रुकने का थोड़ा इंतजार करना चाहिए था, उसके बाद ही तो सही ढंग से सर्वे हो सकता है और उचित लोगों को मुआवजा दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान तो कुछ इस प्रकार के बयान भी दे रहे हैं कि एक हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से आ चुका हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. प्रदेश में आई बाढ़ शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए राजनीतिक विषय हो सकता है, लेकिन कांग्रेस के लिए ये राजनीतिक विषय नहीं है. उनका कहना है कि जहां एक तरफ सरदार सरोवर बांध में केवल प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने के लिए अत्यधिक मात्रा में पानी भर दिया गया, उसकी बात शिवराज नहीं कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने शायरी के अंदाज में कहा कि "कुछ लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पाई."
उनका कहना है कि यदि कांग्रेस भी पूर्व सरकार की तरह काम करेंगी, जिन्होंने 15 साल कुछ इसी तरह से किया है तो फिर केवल हवा हवाई सर्वे घर में बैठे-बैठे हो जाएगा और पूरी चीजें निपट जाएंगी. संपन्न लोगों को मुआवजा मिल जाएगा और जिन लोगों को वास्तविकता में मुआवजा मिलना चाहिए वे लोग महरूम रह जाएंगे.