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मंत्री तरुण भनोट बोले सर्वे रिपोर्ट नहीं है तैयार, केंद्र सरकार को नहीं दी जा सकती आधी-अधूरी जानकारी

अब तक राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों का पूरी तरह से सर्वे ही नहीं कराया है. वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री का कहना है कि अभी सर्वे पूरा नहीं हुआ है तो फिर आधी-अधूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को कैसे भेज सकते हैं.

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Published : Sep 19, 2019, 11:40 AM IST

मंत्री तरुण भनोट ने बताया सर्वे रिपोर्ट नहीं है तैयार

भोपाल| मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है और अब बाढ़ के बाद लोगों को मुआवजे का इंतजार है, लेकिन न तो राज्य सरकार ने अब तक मुआवजा बांटा है और न ही केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद आई है. बताया जा रहा है कि अब तक राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों का पूरी तरह से सर्वे ही नहीं कराया है. वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री का कहना है कि अभी सर्वे पूरा नहीं हुआ है तो फिर आधी-अधूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को कैसे भेज सकते हैं, क्योंकि कई जगह पर अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और बारिश का दौर लगातार चल रहा है.

वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि सरकार को अपने अधिकारों के बारे में बखूबी पता है. जिस तरह से प्रदेश में बाढ़ के हालात में बने हैं, उससे कहीं ना कहीं आमजन के साथ किसान भी परेशान हो रहा है और ये जानकारी सरकार को है. उन्हें राहत पहुंचाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. तरुण भनोट का कहना है कि सरकार ने किसी भी प्रकार से राजनीति की शुरुआत नहीं की थी. इस बार मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हुई है और ये बारिश का क्रम अभी भी जारी है. लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बारिश रुकने का थोड़ा इंतजार करना चाहिए था, उसके बाद ही तो सही ढंग से सर्वे हो सकता है और उचित लोगों को मुआवजा दिया जा सकता है.

मंत्री तरुण भनोट ने बताया सर्वे रिपोर्ट नहीं है तैयार

उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान तो कुछ इस प्रकार के बयान भी दे रहे हैं कि एक हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से आ चुका हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. प्रदेश में आई बाढ़ शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए राजनीतिक विषय हो सकता है, लेकिन कांग्रेस के लिए ये राजनीतिक विषय नहीं है. उनका कहना है कि जहां एक तरफ सरदार सरोवर बांध में केवल प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने के लिए अत्यधिक मात्रा में पानी भर दिया गया, उसकी बात शिवराज नहीं कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने शायरी के अंदाज में कहा कि "कुछ लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पाई."

उनका कहना है कि यदि कांग्रेस भी पूर्व सरकार की तरह काम करेंगी, जिन्होंने 15 साल कुछ इसी तरह से किया है तो फिर केवल हवा हवाई सर्वे घर में बैठे-बैठे हो जाएगा और पूरी चीजें निपट जाएंगी. संपन्न लोगों को मुआवजा मिल जाएगा और जिन लोगों को वास्तविकता में मुआवजा मिलना चाहिए वे लोग महरूम रह जाएंगे.

भोपाल| मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है और अब बाढ़ के बाद लोगों को मुआवजे का इंतजार है, लेकिन न तो राज्य सरकार ने अब तक मुआवजा बांटा है और न ही केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद आई है. बताया जा रहा है कि अब तक राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों का पूरी तरह से सर्वे ही नहीं कराया है. वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री का कहना है कि अभी सर्वे पूरा नहीं हुआ है तो फिर आधी-अधूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को कैसे भेज सकते हैं, क्योंकि कई जगह पर अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और बारिश का दौर लगातार चल रहा है.

वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि सरकार को अपने अधिकारों के बारे में बखूबी पता है. जिस तरह से प्रदेश में बाढ़ के हालात में बने हैं, उससे कहीं ना कहीं आमजन के साथ किसान भी परेशान हो रहा है और ये जानकारी सरकार को है. उन्हें राहत पहुंचाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. तरुण भनोट का कहना है कि सरकार ने किसी भी प्रकार से राजनीति की शुरुआत नहीं की थी. इस बार मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हुई है और ये बारिश का क्रम अभी भी जारी है. लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बारिश रुकने का थोड़ा इंतजार करना चाहिए था, उसके बाद ही तो सही ढंग से सर्वे हो सकता है और उचित लोगों को मुआवजा दिया जा सकता है.

मंत्री तरुण भनोट ने बताया सर्वे रिपोर्ट नहीं है तैयार

उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान तो कुछ इस प्रकार के बयान भी दे रहे हैं कि एक हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से आ चुका हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. प्रदेश में आई बाढ़ शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए राजनीतिक विषय हो सकता है, लेकिन कांग्रेस के लिए ये राजनीतिक विषय नहीं है. उनका कहना है कि जहां एक तरफ सरदार सरोवर बांध में केवल प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने के लिए अत्यधिक मात्रा में पानी भर दिया गया, उसकी बात शिवराज नहीं कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने शायरी के अंदाज में कहा कि "कुछ लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पाई."

उनका कहना है कि यदि कांग्रेस भी पूर्व सरकार की तरह काम करेंगी, जिन्होंने 15 साल कुछ इसी तरह से किया है तो फिर केवल हवा हवाई सर्वे घर में बैठे-बैठे हो जाएगा और पूरी चीजें निपट जाएंगी. संपन्न लोगों को मुआवजा मिल जाएगा और जिन लोगों को वास्तविकता में मुआवजा मिलना चाहिए वे लोग महरूम रह जाएंगे.

Intro:सर्वे रिपोर्ट नहीं है पूरी तरह तैयार केंद्र को नहीं दी जा सकती आधी अधूरी रिपोर्ट मिलना चाहिए सभी को मुआवजा वित्त मंत्री

भोपाल | मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है और अब बाढ़ के बाद लोगों को मुआवजे का इंतजार है लेकिन ना तो राज्य सरकार ने अब तक मुआवजा बांटा है और ना ही केंद्र सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद आई है बताया जा रहा है कि अब तक राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों का पूरी तरह से सर्वे नहीं कराया है वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री का कहना है कि अभी सर्वे पूरा नहीं हुआ है तो फिर आधी अधूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को हम कैसे सोच सकते हैं क्योंकि कई जगह पर अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और बारिश का दौर लगातार चल रहा हैBody:प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि सरकार को अपने अधिकारों के बारे में बखूबी पता है जिस तरह के हालात बाढ़ के मध्य प्रदेश में बने हैं उससे कहीं ना कहीं आमजन के साथ किसान भी परेशान हो रहा है और यह जानकारी सरकार को है और उन्हें राहत पहुंचाना हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है सरकार ने किसी भी प्रकार से राजनीति की शुरुआत नहीं की थी इस बार मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हुई है और यह बारिश का क्रम अभी भी जारी है लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बारिश रुकने का थोड़ा इंतजार करना चाहिए था उसके बाद ही तो सही ढंग से सर्वे हो सकता है और उचित लोगों को मुआवजा दिया जा सकता है यदि जल्दबाजी में आधी अधूरी रिपोर्ट सर्वे करवाकर केंद्र सरकार को भेज देंगे तो इससे कहीं ना कहीं जायज लोगों का नुकसान हो सकता हैConclusion:उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान तो कुछ इस प्रकार के बयान भी दे रहे हैं कि एक 1 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से आ चुका है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है प्रदेश में आई बाढ़ शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए राजनीतिक विषय हो सकता है लेकिन कांग्रेस के लिए यह राजनीतिक विषय नहीं है वह बूट पहन कर खेतों में पहुंच रहे हैं जहां एक तरफ मंदसौर में प्रशासन के सभी लोग बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद के लिए लगे हुए हैं लेकिन उसके बारे में वे कोई भी बातचीत नहीं कर रहे हैं जहां एक तरफ सरदार सरोवर बांध में केवल प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने के लिए अत्यधिक मात्रा में पानी भर दिया गया उसकी बात शिवराज नहीं कर रहे हैं गुजरात में बीजेपी सरकार सरदार सरोवर बांध को लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन वह इसे लेकर कोई बातचीत नहीं कर रहे हैं उन्होंने शायरी के अंदाज में कहा कि " कुछ लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पाई " .


वित्त मंत्री ने कहा कि जो नीतियां बनाई थी वे सभी गलत थी लेकिन हम उसके बाद भी उन नीतियों की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन जिस तरह की परिस्थिति प्रदेश में है उसे देखते हुए हम सभी का फर्ज बनता है कि हम पूरी कोशिश करें कि पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा मिल सके और जिस तरह से भी राहत उन्हें पहुंचाई जा सकती है हर काम किया जाए जहां तक राहत पहुंचाने की बात है तो प्रदेश सरकार निश्चित रूप से पूरी तरह से सजग है और लगातार काम कर रही है जहां तक केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ की राहत मांगी गई है तो वह मुख्यमंत्री ने अपनी रिपोर्ट के हिसाब से आकलन किया है लेकिन हम अभी भी पूरे आकलन रिपोर्ट बनाने की बात कह रहे हैं ताकि केंद्र के पास सही जानकारी पहुंचाई जा सके उन्होंने कहा कि हम तो यह अपेक्षा करते हैं कि केंद्र सरकार के पास शिवराज सिंह चौहान भी जाएं और राज्य सरकार को मदद करने की बात करें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी अपने लोकसभा क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को मदद के लिए पत्र लिखा है प्रदेश सरकार का यह दायित्व बनता है क्योंकि जिस जनता ने उन्हें राज्य की सत्ता सौंपी है तो निश्चित रूप से राज्य के लोगों को मदद पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता में होता है और हम सभी बाढ़ पीड़ितों को सही मुआवजा दिलाने के लिए काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल जिलों में बाल में हुए नुकसान का पूरा आकलन नहीं आया है मैं खुद तीन जनों का प्रभारी हूं सभी जगह पर लगातार जारी है हवाई सर्वे भी हुआ है और मैदानी सर्वे भी लगातार किया जा रहा है लेकिन अभी समस्या यहीं आ रही है कि कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है कई जगह पानी भरा हुआ है और ऐसे क्षेत्र में सर्वे करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यदि हम पूर्व सरकार की तरह काम करेंगे जिन्होंने 15 साल कुछ इसी तरह से किया है तो फिर केवल हवा हवाई सर्वे घर में बैठे-बैठे हो जाएगा और पूरी चीजें निपट जाएंगे और संपन्न लोगों को मुआवजा मिल जाएगा और जिन लोगों को वास्तविकता में मुआवजा मिलना चाहिए वे लोग महरूम रह जाएंगे उन्होंने कहा कि सभी जिलों में लगातार सर्वे रिपोर्ट इकट्ठी हो रही है और हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि राज्य सरकार के वित्तीय को से हम सभी बाढ़ पीड़ितों की पूरी मदद के लिए तैयार हैं .
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