भोपाल। ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॉन पर 15 जनवरी को रिलीज हुई वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर मध्यप्रदेश में विवाद बढ़ता ही जा रहा है. वेब सीरीज के एक दृश्य को लेकर लगातार आपत्ति जताई जा रही है. अब कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए वेब सीरिज पर रोक लगाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा है, वहीं उन्होंने अमेजॉन के सीईओ को भी मेल किया है.
बहुसंख्यक समाज की भावना के साथ खिलवाड़
वेबसीरिज 'तांडव' पर आपत्ति जताते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है देश में लगातार बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है. यह इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारे देवी- देवताओं के साथ अक्सर इस तरह की टीका-टीप्पणी होती रहती है.
बेव सिरीज पर लगनी चाहिए रोक
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि वो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख रहे हैं. अब जिस प्रकार से अनुशासन हीनता का वेब सीरीज परोस रहीं हैं. इसलिए इस ओर भी सेंसरशिप की जरूरत है. समाज कहीं न कहीं इस तरह के मनोरंजन के साधनों से प्रेरणा भी लेता है और उसे आत्मसात करने का प्रयास भी युवा वर्ग करता है. ऐसे में इस तरह से देवी- देवताओं का अपमान हिंदुस्तान में सहन नहीं किया जाएगा.
पत्र में वेबसीरिज पर रोक लगाने की बात
मंत्री विश्वास सारंग द्वारा लिखे पत्र में यह बात कहें गयी है कि देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कड़ा कानून नहीं है, जिसके कारण कुछ लोग जानबूझकर हिन्दू-देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने वाली फिल्में और वेब सीरीज बना रहे हैं. इसलिए आपसे अनुरोध है कि तांडव वेबसीरिज पर रोक लगाई जाए और इस तरह के कंटेट पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाया जाए.
एमेजॉन के सीईओ को किया मेल
मंत्री विश्वास सारंग ने एमेजॉन के सीईओ को मेल भी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने प्लेटफॉर्म के जरिये समाज में क्या कुछ क्या परोस रहे हैं. इस तरह से किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म ने स्वयं से आचार संहिता का पालन नहीं किया तो हम समाज से अपील करेंगे की ऐसे प्लेटफॉर्म का बहिष्कार करें.
तांडव पर तांडव क्यों
15 जनवरी को रिलीज हुई वेब सीरीज में 'तांडव' के डायलॉग सीन के लेकर बवाल मचा हुआ है. सीरीज के पहले एपिसोड में दिखाया गया है कि एक्टर जीशान अय्यूब यूनिवर्सिटी के फंक्शन में भगवान शिव के भेष में दिखाई दे रहे हैं और गैर समाजिक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं. जिसका भाजपा के साथ संस्कृति बचाओ मंच भी विरोध कर रहा है.