भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार द्वारा पेश किया गया अनुपूरक बजट लंबी चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित हो गया. विपक्ष ने बजट प्रावधानों को लेकर काफी सवाल खड़े किए, लेकिन देर शाम तक चली अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद बजट को पारित कर दिया गया.
बुधवार को वित्त मंत्री तरुण भनोट ने वर्ष 2019-20 का 23 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश किया, जिस पर आज विधानसभा में दोपहर बाद चर्चा शुरू हुई और पक्ष, विपक्ष के विधायकों के अपने मत रखने के बाद देर शाम अनुपूरक बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
विधानसभा के तमाम सदस्यों द्वारा अनुपूरक बजट को लेकर अपना मत रखने के बाद वित्त मंत्री तरुण भनोट ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अतिवृष्टि के मामले में केंद्र सरकार द्वारा 6 हजार करोड़ की राशि कम मिली है. उन्होंने बताया कि 63 हजार 750 करोड़ का राज्यांश केंद्रीय करों में था, लेकिन मध्यप्रदेश को 2 हजार 677 करोड़ कम दिए गए. मंत्री ने बताया कि केंद्रीय सहायता अनुदान के तहत पिछले साल की तुलना में मध्यप्रदेश को दो हजार करोड़ रुपए कम दिए गए हैं.
पिछली सरकार पर साधा निशाना
तरुण भनोट ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार केवल घोषणा करती थी, लेकिन उनको पूरा नहीं करती थी. मक्का, सोयाबीन के लिए भी राहत राशि की घोषणा की थी, लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. संबल योजना के तहत 200 रूपए के बिजली बिल के लिए 999 करोड़ रुपए की आवश्यकता थी, लेकिन बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार ने ऊर्जा विभाग को सिर्फ 50 हजार करोड़ रुपए दिए.
इन विभागों को इतना प्रावधान
वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रथम अनुपूरक बजट में 23 हजार 303 करोड़, 43 लाख, 92 हजार 832 रुपए का बजट में प्रमुख रूप से राजस्व विभाग के अंतर्गत मुआवजा वितरण के लिए राष्ट्रीय आकस्मिकता निधि के 6 हजार 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि इंदिरा गृह ज्योति योजना के लिए 200 करोड़ रुपए, जल संसाधन विभाग के अंतर्गत छिंदवाड़ा सिंचाई परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपए, नगरीय विकास और आवास विभाग के लिए मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
मंत्री भनोट ने बताया कि हमें 13 हजार करोड़ की राशि केंद्र से मिलेगी और राष्ट्रीय आकस्मिकता निधि के तहत मुआवजा वितरण के लिए 6 हजार 600 करोड़ रुपए केंद्र से मिलेंगे, इसके अलावा दीनदयाल रसोई योजना के लिए 10 करोड़, अध्यात्मिक विभाग द्वारा आयोजित ओशो महोत्सव के लिए एक करोड़ रुपए, नर्मदा अर्धकुंभ के लिए दो करोड़, जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 20 करोड़, महिला बाल विकास विभाग में पोषण अभियान के लिए 89 करोड़ रुपए, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 225 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.