भोपाल। कोरोना काल में स्कूल बंद होने से सरकार ने छात्रों को ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाने की कवायद की थी, लेकिन मध्यप्रदेश के कई ऐसे इलाके हैं, जहां ना तो इटरनेट है और ना ही कई छात्रों के पास स्मार्टफोन है.
ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करना मुश्किल होता जा रहा था. ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित छात्रों के लिए सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय ने अनोखी पहल की है. संसाधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों के लिए सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय ने मोबाइल बैंक की शुरुआत की है.
इस मोबाइल बैंक में जो लोग अपना पुराना या नया फोन छात्रों की मदद के लिए देना चाहते हैं, वे स्कूल में आकर फोन सबमिट कर सकते हैं. इस योजना से उन छात्रों को लाभ होगा जिनके पास ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ने के लिए एंड्रॉइड फोन की सुविधा नहीं है.
कोरोना संक्रमण के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. ऐसे में देशभर में छात्र स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाओं के सहारे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले 60 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं ले पा रहे, क्योंकि शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले ज़्यादातर छात्र बेहद गरीब परिवारों से आते हैं. जिनके पास स्मार्ट फोन या टीवी की व्यवस्था नहीं होती और यही वजह है कि आज लॉकडाउन के 6 माह बाद भी शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित हैं. सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय ने ऐसे छात्रों के लिए मोबाइल बैंक बनाया है. जिससे छात्र कक्षाओं से वंचित न रहे और स्कूल में 100 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सके.
जनसहयोग से छात्रों की मदद
सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधाकर पाराशर ने बताया कि जब स्कूल में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई तो शुरुआत से ही यह देखा गया कि छात्रों के पास ऑनलाइन कक्षाओं के किये पर्याप्त साधन नहीं हैं.
ज़्यादातर छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं और जिनके पास हैं उनके पास फोन में डाटा नही है या फिर एक घर में एक ही फोन है. जिसके कारण घर के अन्य बच्चे कक्षाओं में नहीं जुड़ पाते इसी को देखते हुए स्कूल में शिक्षकों के साथ विचार किया गया, क्योंकि अब इस तरह से स्कूल कब तक लगेंगे, इसका समय निर्धारित नहीं है.
ऐसे में बच्चों के लिए साधन की व्यवस्था करना ज़रूरी है. जिससे बच्चे बिना किसी चिंता के पढ़ाई कर सकें और इसलिए स्कूल ने मोबाइल बैंक की शुरुआत की है. इसके लिए प्राचार्य ने लोगों से अपील और लोगों को स्मार्ट फोन विद्यालय को दान करने के लिए कहा है. लोगों से मिले मोबाइल फोन को प्राचार्य उन बच्चों को देते हैं जिन्हें इसकी ज्यादा जरुरत है, ताकि बच्चा अपनी पढ़ाई पूर कर सकें.
छात्रों को मिल रहा है लाभ
इससे कई छात्रों को लाभ मिला है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि इस पहल से छात्रों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि हम लोगों के पास मोबाइल न होने से लॉकडाउन में ज़्यादातर बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उनके पास मोबाइल फोन नहीं है. ऐसे में स्कूल की इस पहल से बच्चो की अटेंडेंस बढ़ेगी और बच्चे उत्सुकता के साथ पढ़ाई करेंगे.