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बीयू बना समस्याओं का गढ़, अधर में लटका रिजल्ट और स्टूडेंट्स का भविष्य

भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है, जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है.

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय
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Published : Jul 11, 2019, 5:47 AM IST

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में स्नातक की फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षा हुए ढाई से तीन माह का समय हो चुका है. लेकिन अभी भी करीब 12 लाख कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो सका है, जिसके चलते छात्रों के रिजल्ट में देरी हो रही. रिजल्ट नहीं आने का खामियाजा करीब डेढ़ लाख से अधिक छात्रों को उठाना पड़ रहा है. वे इस पूरे मामले का जिम्मेदार लोकसभा और विधानसभा चुनाव को दे रहे हैं. वहीं कुछ छात्र इस समस्या को बीयू में टीचर्स की कमी होना बता रहे हैं.
इन कोर्स के रिजल्ट अधर में
बीयू में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है, जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है. यूजी कोर्स के तहत बीए, बीएससी, बीकॉम और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स एमए, एमकॉम और एमएससी के रिजल्ट अटके हुए हैं. रिजल्ट नहीं आने का असर उनकी अगले सेमेस्टर की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

प्रदेश की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी बीयू बना छात्रों के लिए समस्याओ का गढ़
एचओडी भी नहींछात्रों का कहना है कि 1 विभाग में 5 टीचर्स भी नहीं हैं, ऐसे में स्टूडेंट अपनी पढ़ाई खुद करते हैं. एचओडी नहीं होने के कारण विभाग में काम ढीले होते हैं. विवि में शिक्षकों की कमी के चलते न केवल छात्रों को परेशान होना पड़ता है बल्कि बीयू से एफिलिटेड शहर के तमाम कॉलेजों के छात्रों भी परेशान हैं, इसी के चलते छात्रों ने इस बीयू को समस्याओं का गढ़ घोषित कर दिया है.भर्तियों में उलझा प्रबंधनबरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है. 12 लाख कॉपियां चेक होने पड़ी हैं और दूसरे सेमेस्टर के एडमिशन ओपन हो गए हैं, ऐसे में छात्रों के लिए यह बड़ी समस्या बनी हुई है. शासन-प्रशासन इस ध्यान देने की बजाय विश्वविद्यालय में नई भर्तियों की तैयारी कर रहा है

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में स्नातक की फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षा हुए ढाई से तीन माह का समय हो चुका है. लेकिन अभी भी करीब 12 लाख कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो सका है, जिसके चलते छात्रों के रिजल्ट में देरी हो रही. रिजल्ट नहीं आने का खामियाजा करीब डेढ़ लाख से अधिक छात्रों को उठाना पड़ रहा है. वे इस पूरे मामले का जिम्मेदार लोकसभा और विधानसभा चुनाव को दे रहे हैं. वहीं कुछ छात्र इस समस्या को बीयू में टीचर्स की कमी होना बता रहे हैं.
इन कोर्स के रिजल्ट अधर में
बीयू में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है, जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है. यूजी कोर्स के तहत बीए, बीएससी, बीकॉम और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स एमए, एमकॉम और एमएससी के रिजल्ट अटके हुए हैं. रिजल्ट नहीं आने का असर उनकी अगले सेमेस्टर की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

प्रदेश की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी बीयू बना छात्रों के लिए समस्याओ का गढ़
एचओडी भी नहींछात्रों का कहना है कि 1 विभाग में 5 टीचर्स भी नहीं हैं, ऐसे में स्टूडेंट अपनी पढ़ाई खुद करते हैं. एचओडी नहीं होने के कारण विभाग में काम ढीले होते हैं. विवि में शिक्षकों की कमी के चलते न केवल छात्रों को परेशान होना पड़ता है बल्कि बीयू से एफिलिटेड शहर के तमाम कॉलेजों के छात्रों भी परेशान हैं, इसी के चलते छात्रों ने इस बीयू को समस्याओं का गढ़ घोषित कर दिया है.भर्तियों में उलझा प्रबंधनबरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है. 12 लाख कॉपियां चेक होने पड़ी हैं और दूसरे सेमेस्टर के एडमिशन ओपन हो गए हैं, ऐसे में छात्रों के लिए यह बड़ी समस्या बनी हुई है. शासन-प्रशासन इस ध्यान देने की बजाय विश्वविद्यालय में नई भर्तियों की तैयारी कर रहा है
Intro:बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में स्नातक की फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षा हुए ढाई से तीन माह का समय हो चुका है लेकिन अभी भी करीब 12 लाख कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो सका है जिसके चलते छात्रों के रिजल्ट में देरी हो रही है जिसका खामियाजा करीब डेढ़ लाख से अधिक छात्रों को उठाना पड़ रहा है वह इस पूरे मामले में जिम्मेदार लोकसभा और विधानसभा का हवाला देते नजर आ रहे हैं छात्रों का कहना है वहीं विश्वविद्यालय के छात्र इस समस्या को डीयू में टीचर्स की कमी होना बता रहे हैं


Body:शहर का प्रसिद्ध विश्वविद्यालय बरकतउल्ला अप समस्याओं का गढ़ बन चुका है विश्वविद्यालय में स्नातक की फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षा हुए ढाई से 3 माह बीत चुके हैं लेकिन भी करीब 12 लाख कॉपियों का मूल्यांकन अटका हुआ है जिसके चलते छात्रों को खासा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है...
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है इनके मूल्यांकन कराने में भी देरी हुई मूल्यांकन होने के बाद अवॉर्ड लिस्ट तैयार हो चुकी है यूजी कोर्स के तहत बीए बीएससी बीकॉम और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के एमए एमकॉम एमएससी के रिजल्ट अटके हुए हैं रिजल्ट नहीं आने के कारण छात्र परेशान है क्योंकि इसका असर उनकी अगले सेमेस्टर की पढ़ाई पर पड़ रहा है समय पर रिजल्ट नहीं आने के कारण अगले सेमेस्टर की परीक्षा में और देरी होगी इस पूरे मामले में जिम्मेदार लोकसभा और विधानसभा चुनाव का हवाला देते नजर आए और कुछ भी बोलने से बचें वहीं छात्रों ने इस मामले में विश्व विद्यालय में शिक्षकों की कमी होना बताया है छात्रों का कहना है कि 1 विभाग में 5 टीचर्स भी नहीं है ऐसे में बच्चे अपनी पढ़ाई खुद करते हैं बात करें फोन में से डिपार्टमेंट की तो यहां तो एचओडी ही नहीं है जिसके चलते विभाग में काम ढीले होते हैं और इसी वजह से छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों को परेशान होना पड़ता है बल्कि ब्लू से एफिलेटेड शहर में तमाम इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है छात्रों ने इस विश्वविद्यालय को छात्रों की समस्याओं का गण घोषित कर दिया है


Conclusion:बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की परीक्षाओं का मूल्यांकन अभी तक नहीं हो सका है जिस कारण करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है 12 लाख कॉपियां चेक होने पड़ी है और दूसरे सेमेस्टर के एडमिशन ओपन हो गए हैं ऐसे में छात्रों के लिए यह बड़ी समस्या बनी हुई है शासन-प्रशासन एसआर ध्यान देने की बजाय विश्वविद्यालय में नई भर्तियों की तैयारी कर रहा है
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