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तीन महीने बीत जाने के बाद भी छात्रों को नहीं मिली युनिफॉर्म, अधिकारी दे रहे हैं गोलमोल जवाब

शैक्षणिक सत्र शुरु हुए तीन महीने बीत गए हैं, लेकिन अब तक छात्रों को स्कूल युनिफॉर्म नहीं मिल पाई है और ना ही छात्रों के अभिभावकों के खाते में पैसा जमा हो पाया है. जिसके चलते बच्चे कैजुअल ड्रेस में स्कूल आने को मजबूर हैं.

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Published : Aug 6, 2019, 5:46 PM IST

सरकारी स्कूल

भोपाल। नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 3 माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक विद्यार्थियों को विभाग की तरफ से ड्रेस वितरित नहीं किया जा सका है. सरकार ने इस साल से ली हुई ड्रेस वितरित करने के बजाय, अभिभावकों के खाते में रुपए भेजने का फैसला लिया है. प्रदेश में प्रत्येक विद्यार्थी को 600 रुपये दिए जाना तय हुआ था. जिसके लिए सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक के बजट की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई सुगबुगाहट दिखाई नहीं दे रही है.

छात्रों को नहीं मिली स्कूल ड्रेस

पिछले शैक्षणिक सत्र की तरह इस साल भी शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस मिलने में देरी होना तय दिखाई दे रहा है. सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरित करने के लिए नई योजना बनाई थी. जिसके तहत विद्यार्थियों के खाते में ड्रेस का पैसा जाना था, लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद ना तो ड्रेस का पैसा खाते में आया है और ना ही ड्रेस छात्रों को मिली है. बच्चे पुरानी ड्रेस से ही काम चला रहे हैं या फिर केजुअल ड्रेस में स्कूल आने पर मजबूर है.

जिला शिक्षा अधिकारी केपीएस तोमर ने बताया कि जिला परियोजना समन्वयक मॉनिटरिंग कर रहा है. जिन स्कूली छात्रों को ड्रेस की राशि नहीं मिली है. ऐसे स्कूलों का परीक्षण कर उन्हें जल्द ही ड्रेस की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. बता दे, राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले शैक्षणिक सत्र में स्व सहायता समूहों से स्कूल ड्रेस सिलवाई गई थी. लेकिन ड्रेस मैटेरियल की खरीदी में ही पूरा सत्र निकल गया था.

भोपाल। नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 3 माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक विद्यार्थियों को विभाग की तरफ से ड्रेस वितरित नहीं किया जा सका है. सरकार ने इस साल से ली हुई ड्रेस वितरित करने के बजाय, अभिभावकों के खाते में रुपए भेजने का फैसला लिया है. प्रदेश में प्रत्येक विद्यार्थी को 600 रुपये दिए जाना तय हुआ था. जिसके लिए सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक के बजट की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई सुगबुगाहट दिखाई नहीं दे रही है.

छात्रों को नहीं मिली स्कूल ड्रेस

पिछले शैक्षणिक सत्र की तरह इस साल भी शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस मिलने में देरी होना तय दिखाई दे रहा है. सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरित करने के लिए नई योजना बनाई थी. जिसके तहत विद्यार्थियों के खाते में ड्रेस का पैसा जाना था, लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद ना तो ड्रेस का पैसा खाते में आया है और ना ही ड्रेस छात्रों को मिली है. बच्चे पुरानी ड्रेस से ही काम चला रहे हैं या फिर केजुअल ड्रेस में स्कूल आने पर मजबूर है.

जिला शिक्षा अधिकारी केपीएस तोमर ने बताया कि जिला परियोजना समन्वयक मॉनिटरिंग कर रहा है. जिन स्कूली छात्रों को ड्रेस की राशि नहीं मिली है. ऐसे स्कूलों का परीक्षण कर उन्हें जल्द ही ड्रेस की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. बता दे, राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले शैक्षणिक सत्र में स्व सहायता समूहों से स्कूल ड्रेस सिलवाई गई थी. लेकिन ड्रेस मैटेरियल की खरीदी में ही पूरा सत्र निकल गया था.

Intro:पिछले शैक्षणिक सत्र की तरह इस वर्ष भी शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस मिलने में देरी होना तय दिख रहा है नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 3 माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक विद्यार्थियों को विभाग द्वारा ड्रेस वितरित नहीं की गई है सरकार ने इस वर्ष से ली हुई ड्रेस वितरित करने के बजाय व अभिभावकों के खाते में रुपए भेजने का निर्णय लिया है प्रदेश में प्रत्येक विद्यार्थी के ₹600 दिए जाना निर्धारित हुआ था जिसके लिए सरकार को करीब 200 करोड रुपए से अधिक के बजट की आवश्यकता है लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई सुगबुगाहट दिखाई नहीं दे रही है


Body:पिछले शैक्षणिक सत्र की तरह इस वर्ष भी शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस मिलने में देरी होना तय दिखाई दे रहा है नए सत्र शुरू हुए 3 माह बीत चुका है लेकिन अब तक स्कूली छात्रों के खाते में ना तो ड्रेस के पैसे आए हैं और ना ही स्कूलों में ड्रेस वितरित की गई है गौरतलब है कि सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरित करने के लिए नई योजना बनाई थी जिसके तहत विद्यार्थियों के खाते में ड्रेस का पैसा जाना था किंतु 3 माह बीत जाने के बाद ना तो ड्रेस का पैसा खाते में आया है और ना ही ड्रेस छात्रों को मिली है हर आती है कि बच्चे पुरानी ड्रेस से ही काम चला रहे हैं या फिर कलर ड्रेस में स्कूल आने पर मजबूर है।।

सरकार ने इस वर्ष सिली हुई ड्रेस वितरित करने के बजाय अभिभावकों के खाते में रुपए भेजने का निर्णय लिया था प्रदेश में प्रत्येक विद्यार्थी के ₹600 दिए जाना निर्धारित किया गया था के लिए सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक के बजट की आवश्यकता है लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई सुगबुगाहट दिखाई नहीं दे रही है वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के पी एस तोमर ने बताया कि जिला परियोजना समन्वयक द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है और जिन स्कूली छात्रों को ड्रेस की राशि नहीं मिली है ऐसे स्कूलों का परीक्षण कर उन्हें जल्द ही ड्रेस की राशि उपलब्ध कराई जाएगी राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले शैक्षणिक सत्र में स्व सहायता समूह से स्कूल ड्रेस सिलवा करवाई थी लेकिन ड्रेस मैटेरियल की खरीदी और आने में ही पूरा सत्र निकल गया था इस वर्ष शासन ने फिर से रुपए वितरित करने की तैयारी करते हुए भागों के खातों में पैसे ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है हालांकि अभी तक किसी के भी खाते में पैसे नहीं आए हैं

जिला शिक्षा अधिकारी के पी एस तोमर


Conclusion:स्कूल शिक्षा विभाग की स्कूलों के प्रति लापरवाही साफ झलक रही है नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 3 माह बीत चुका है लेकिन विद्यार्थियों के खाते में ना तो ड्रेस की राशि आई है और ना ही ड्रेस अब तक वितरित की गई है
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