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10वीं के छात्रों को प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार - MP Board MP Board Exam

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल स्कूलों को अब तक कक्षा नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए प्रोजेक्ट के विषय नहीं भेजे हैं.

Board of Secondary Education
प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार
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Published : Feb 12, 2021, 5:04 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 5:30 PM IST

भोपाल। प्रदेश के छात्रों को प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार है. दरअसल बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए 2019 में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विज्ञान को छोड़कर सभी विषयों में प्रोजेक्ट को लागू किया था. 80 अंक की थ्योरि और 20 अंक का होता प्रोजेक्ट है. एमपी बोर्ड द्वारा स्कूलों को प्रोजेक्ट के विषय दिये जाते हैं.

एमपी बोर्ड ने अब तक नही भेजे प्रोजेक्ट के विषयों के नाम

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल स्कूलों को अब तक कक्षा नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए प्रोजेक्ट के विषय नहीं भेजे हैं. बता दे माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साल 2019 में स्कूलों में प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू किया था. जिसके तहत 80 अंक की थ्योरी और 20 अंक का प्रोजेक्ट छात्रों को तैयार करना होता था. प्रोजेक्ट के विषय एमपी बोर्ड द्वारा स्कूलों को प्रतिवर्ष भेजा जाता है लेकिन इस साल माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अब तक स्कूलों को प्रोजेक्ट के विषय नहीं भेजे हैं. ऐसे में स्कूल अपने स्तर पर ही प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं. स्कूलों का कहना है कि अब तक एमपी बोर्ड से विषय नहीं मिले हैं ऐसे में शिक्षक पुराने प्रोजेक्ट के आधार पर ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं.

छात्रों को प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार

पुराने प्रोजेक्ट के आधार पर छात्रों को पढ़ा रहे स्कूल

दसवीं और बारहवीं में प्रोजेक्ट वर्क कराकर विद्यार्थियों के अंक माशिमं स्कूल को भेजता है. इसमें तिमाही छमाही के लिए पांच-पांच प्रोजेक्ट तैयार करने होते हैं. अभी छमाही परीक्षा ली जा रही है लेकिन अब तक तिमाही के प्रोजेक्ट वर्क जमा नहीं कराए गए हैं. जबकि 30 अप्रैल से छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है. ऐसे में माशिमं की लेटलतीफी के चलते छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हालांकि शिक्षकों ने अपने स्तर पर ही प्रोजेक्ट तैयार कराना शुरू कर दिया है.

इस तरह तैयार होता है प्रोजेक्ट के आधार पर रिजल्ट

कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अलग अलग विषयों में प्रोजेक्ट के अलग-अलग अंक तय किये है. इसमें गणित विषय मे 15 अंक का प्रोजेक्ट 80 अंक की थ्योरी और 5 अंक की नोटबुक के आधार पर परिणाम तैयार होता है. वहीं सामाजिक विज्ञान में 70 अंक की थ्योरी 30 अंक का प्रोजेक्ट और हिंदी, अंग्रेज़ी व संस्कृत में 80 अंक की थ्योरी और 20 अंक का प्रोजेक्ट तैयार किया जाता है.

कक्षा 12वीं के लिए यह है व्यवस्था

इसी तरह 12वीं के लिये भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान में 70 अंक की थ्योरी व 30 अंक का प्रैक्टिकल होता है. वहीं कृषि, भूगोल, मनोविज्ञान व बायोटेक्निकल में 70 अंक की थ्योरी ओर 30 अंक का प्रैक्टिकल ओर होमसाइंस एवं इंफोरमेटिक्स प्रैस्टिसेस 70 अंक की थ्योरी 10 अंक प्रैक्टिकल ओर 10 अंक का प्रोजेक्ट तैयार करवाया जाता है और इसी आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार किया जाता है, लेकिन इस वर्ष एमपी बोर्ड की लेट लतीफी के चलते स्कूल असमंजस है और मंडल द्वारा कोई जवाब नहीं मिलने पर स्कूलों ने अपने स्तर पर पुराने प्रोजेक्ट के विषयों के आधार पर छात्रों से प्रोजेक्ट तैयार करवाये जा रहे हैं.

भोपाल। प्रदेश के छात्रों को प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार है. दरअसल बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए 2019 में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विज्ञान को छोड़कर सभी विषयों में प्रोजेक्ट को लागू किया था. 80 अंक की थ्योरि और 20 अंक का होता प्रोजेक्ट है. एमपी बोर्ड द्वारा स्कूलों को प्रोजेक्ट के विषय दिये जाते हैं.

एमपी बोर्ड ने अब तक नही भेजे प्रोजेक्ट के विषयों के नाम

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल स्कूलों को अब तक कक्षा नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए प्रोजेक्ट के विषय नहीं भेजे हैं. बता दे माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साल 2019 में स्कूलों में प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू किया था. जिसके तहत 80 अंक की थ्योरी और 20 अंक का प्रोजेक्ट छात्रों को तैयार करना होता था. प्रोजेक्ट के विषय एमपी बोर्ड द्वारा स्कूलों को प्रतिवर्ष भेजा जाता है लेकिन इस साल माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अब तक स्कूलों को प्रोजेक्ट के विषय नहीं भेजे हैं. ऐसे में स्कूल अपने स्तर पर ही प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं. स्कूलों का कहना है कि अब तक एमपी बोर्ड से विषय नहीं मिले हैं ऐसे में शिक्षक पुराने प्रोजेक्ट के आधार पर ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं.

छात्रों को प्रोजेक्ट के विषयों का इंतजार

पुराने प्रोजेक्ट के आधार पर छात्रों को पढ़ा रहे स्कूल

दसवीं और बारहवीं में प्रोजेक्ट वर्क कराकर विद्यार्थियों के अंक माशिमं स्कूल को भेजता है. इसमें तिमाही छमाही के लिए पांच-पांच प्रोजेक्ट तैयार करने होते हैं. अभी छमाही परीक्षा ली जा रही है लेकिन अब तक तिमाही के प्रोजेक्ट वर्क जमा नहीं कराए गए हैं. जबकि 30 अप्रैल से छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है. ऐसे में माशिमं की लेटलतीफी के चलते छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हालांकि शिक्षकों ने अपने स्तर पर ही प्रोजेक्ट तैयार कराना शुरू कर दिया है.

इस तरह तैयार होता है प्रोजेक्ट के आधार पर रिजल्ट

कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अलग अलग विषयों में प्रोजेक्ट के अलग-अलग अंक तय किये है. इसमें गणित विषय मे 15 अंक का प्रोजेक्ट 80 अंक की थ्योरी और 5 अंक की नोटबुक के आधार पर परिणाम तैयार होता है. वहीं सामाजिक विज्ञान में 70 अंक की थ्योरी 30 अंक का प्रोजेक्ट और हिंदी, अंग्रेज़ी व संस्कृत में 80 अंक की थ्योरी और 20 अंक का प्रोजेक्ट तैयार किया जाता है.

कक्षा 12वीं के लिए यह है व्यवस्था

इसी तरह 12वीं के लिये भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान में 70 अंक की थ्योरी व 30 अंक का प्रैक्टिकल होता है. वहीं कृषि, भूगोल, मनोविज्ञान व बायोटेक्निकल में 70 अंक की थ्योरी ओर 30 अंक का प्रैक्टिकल ओर होमसाइंस एवं इंफोरमेटिक्स प्रैस्टिसेस 70 अंक की थ्योरी 10 अंक प्रैक्टिकल ओर 10 अंक का प्रोजेक्ट तैयार करवाया जाता है और इसी आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार किया जाता है, लेकिन इस वर्ष एमपी बोर्ड की लेट लतीफी के चलते स्कूल असमंजस है और मंडल द्वारा कोई जवाब नहीं मिलने पर स्कूलों ने अपने स्तर पर पुराने प्रोजेक्ट के विषयों के आधार पर छात्रों से प्रोजेक्ट तैयार करवाये जा रहे हैं.

Last Updated : Feb 12, 2021, 5:30 PM IST
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