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सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की नई पहल, पारंपरिक खेलों के जरिए पढ़ा रहे 'अ' से अनार

शासन स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने और पढ़ाई-लिखाई में छात्रों की रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से एक अनोखे कार्यक्रम को सरकारी स्कूलों में लागू किया है. जिसके तहत शिक्षक पारंपरिक खेलों और नृत्य माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे है.

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Published : Aug 11, 2019, 3:35 PM IST

अनोखे तरीके से पढ़ा रहे शिक्षक

भोपाल। अगर आपको प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चौसर, गिल्ली-डंडा, लंगड़ी जैसे खेल खेलते बच्चे दिखें तो चौंकिएगा नहीं क्योंकि इन पारंपरिक खेलों के जरिए छात्र गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, यही नहीं स्कूल के शिक्षक छात्रों को हिंदी की बाराखड़ी को भी नृत्य और अभिनय के माध्यम से बढ़ी ही असानी से सिखा रहे हैं. शासन के इस अनोखे प्रयास से छात्र सरल और मनोरंजक तरीके से शिक्षा का बेस मजबूत कर रहे हैं.

अनोखे तरीके से पढ़ा रहे शिक्षक


स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने और पढ़ाई-लिखाई में छात्रों की रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से शासन ने इस अनोखे कार्यक्रम को सरकारी स्कूलों में लागू किया है. शिक्षा विभाग ने तीन स्तर पर कार्यक्रम तैयार किया है. जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के छात्रों के लिए 'जॉय फुल लर्निंग' 'दक्षता उन्नयन' कार्यक्रम चला रहा है. वहीं हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री के छात्रों के लिए 'सतत व्यापक मूल्यांकन' (सीसीएल) कार्यक्रम तैयार किया गया है.


इन कार्यक्रमों के लिए विभाग ने प्रदेश स्तर पर मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं. लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी ब्लॉक से सीसीएल के तहत करीब 3 हजार मास्टर ट्रेनर तैयार किए गये हैं, जिनको लगभग 2 महीने तक ट्रेनिंग दी गई है. जिसके बाद सभी मास्टर ट्रेनर सरकारी स्कूलों में शिक्षक बच्चों को नृत्य, गायन, अभिनय और खेल के माध्यम से कठिन विषयों को रुचिकर बनाकर पढ़ाई करा रहे हैं. सीसीएल की स्टेट रिसोर्स पर्सन साधना श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए छात्र पढ़ाई में इंटरेस्ट लेंगे. साथ ही सरल और मनोरंजक तरीके से मिले ज्ञान से बच्चों की बेसिक भी मजबूत हो रही है.

भोपाल। अगर आपको प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चौसर, गिल्ली-डंडा, लंगड़ी जैसे खेल खेलते बच्चे दिखें तो चौंकिएगा नहीं क्योंकि इन पारंपरिक खेलों के जरिए छात्र गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, यही नहीं स्कूल के शिक्षक छात्रों को हिंदी की बाराखड़ी को भी नृत्य और अभिनय के माध्यम से बढ़ी ही असानी से सिखा रहे हैं. शासन के इस अनोखे प्रयास से छात्र सरल और मनोरंजक तरीके से शिक्षा का बेस मजबूत कर रहे हैं.

अनोखे तरीके से पढ़ा रहे शिक्षक


स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने और पढ़ाई-लिखाई में छात्रों की रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से शासन ने इस अनोखे कार्यक्रम को सरकारी स्कूलों में लागू किया है. शिक्षा विभाग ने तीन स्तर पर कार्यक्रम तैयार किया है. जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के छात्रों के लिए 'जॉय फुल लर्निंग' 'दक्षता उन्नयन' कार्यक्रम चला रहा है. वहीं हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री के छात्रों के लिए 'सतत व्यापक मूल्यांकन' (सीसीएल) कार्यक्रम तैयार किया गया है.


इन कार्यक्रमों के लिए विभाग ने प्रदेश स्तर पर मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं. लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी ब्लॉक से सीसीएल के तहत करीब 3 हजार मास्टर ट्रेनर तैयार किए गये हैं, जिनको लगभग 2 महीने तक ट्रेनिंग दी गई है. जिसके बाद सभी मास्टर ट्रेनर सरकारी स्कूलों में शिक्षक बच्चों को नृत्य, गायन, अभिनय और खेल के माध्यम से कठिन विषयों को रुचिकर बनाकर पढ़ाई करा रहे हैं. सीसीएल की स्टेट रिसोर्स पर्सन साधना श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए छात्र पढ़ाई में इंटरेस्ट लेंगे. साथ ही सरल और मनोरंजक तरीके से मिले ज्ञान से बच्चों की बेसिक भी मजबूत हो रही है.

Intro:राजधानी के शासकीय स्कूलो में मास्टर ट्रेनर द्वारा नृत्य अभिनय के माध्यम से पढ़ाई जा रही गणित, Body:प्राथमिक स्तर से ही बच्चों के बेसिक ज्ञान को मजबूत करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक नया तरीका निकाला है जिसके जरिए बच्चों को गणित के कठिन सूत्र और हिंदी की बाराखड़ी नृत्य गायन अभिनय और खेल के माध्यम से सिकाई जा रही है विभाग ने तीन स्तर पर कार्यक्रम तैयार किया है प्राथमिक व माध्यमिक कक्षा के लिए जॉय फुल लर्निंग और दक्षता उन्नयन कार्यक्रम चलाया जा रहा है हाई स्कूल हाई सेकेंडरी के लिए सतत व्यापक मूल्यांकन कार्यक्रम तैयार किया गया है इन सभी कार्यक्रमों के लिए विभाग ने प्रदेश स्तर पर मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं अप्रैल से जून तक मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया सरकारी स्कूलों में शिक्षक बच्चों को नृत्य गायन अभिनय और खेल के माध्यम से कठिन विषयों को रुचिकर बनाकर पढ़ाई करा रहे हैं लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी ब्लॉक से सीसी एली के तहत करीब 3000 मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं इनकी ट्रेनिंग लगभग 2 महीने चली थी वही सीसीएल की स्टेट रिसोर्स पर्सन साधना श्रीवास्तव ने बताया कि दक्षता उन्नयन और सीएलसी से बच्चों को कठिन विषयों को रुचिकर बनाकर पढ़ाया जा रहा है जिस कारण बच्चे पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं

साधना श्रीवास्तव सहायक शिक्षिका, मास्टर ट्रेनर दक्षता उन्न्यनConclusion:नृत्य अभिनय से सिखाया जा रहा बचों को गणित एवं अन्य ऐसे विषय जो बच्चों को कठिन लगते है स्कूल शिक्षा विभाग की पहल
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