भोपाल। यूक्रेन से पहली फ्लाइट 250 से अधिक लोगों को लेकर भारत लौटी, जिसमें भोपाल के हर्षित शर्मा यानी हर्ष भी मौजूद थे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में हर्षित ने कहा कि उनके मन में वहां पर बेहद डर था और बस यही बात दिमाग में घूम रही थी कि जल्द से जल्द अपने घर पहुंचे. हर्षित ने यूक्रेन में स्थित अपने साथियों के बीच हुई बातचीत के साथ वहां के हालातों का भी जिक्र किया. वहीं उनके माता-पिता का कहना था कि बेटा घर आ गया है बस और कुछ नहीं चाहिए.
वतन लौटने की थी बेचैनी
हर्षित ने बताया कि शुरुआत के समय में तो लग ही नहीं रहा था कि रूस अटैक कर देगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन निकलते जा रहे थे लग रहा था कि हमारी जान भी बच पाएगी या नहीं. वहीं इनके साथी भी आए दिन यही बात करते रहते थे. ऐसे में वहां की सरकार ने भी साफ तौर पर एडवाइजरी जारी करते हुए उनसे कह दिया था कि जितनी जल्दी हो सके अपने देश लौट जाएं. वो बताते हैं कि वहां पर दिन-रात यही ख्याल रहता था कि किस तरह से वापस अपने घर आ जाए.
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यूक्रेन में मेडिकल के 15 हजार स्टूडेंट्स
यूक्रेन से एमबीए की पढ़ाई कर रहे हर्ष पिछले 3 सालों से वहीं पर रह रहे हैं. वह कहते हैं कि वहां के लोग अच्छे हैं, सपोर्टिंग हैं, लेकिन जिस तरह से सीमा पर विवाद उठा तो लग ही नहीं रहा था कि स्थिति इतनी भयावह हो जाएगी. हर्ष कहते हैं कि भारतीय दूतावास के साथी ही यूक्रेन की सरकार ने भी उनका सहयोग किया और अन्य देशों के छात्रों को जल्द से जल्द अपने देश जाने की बात कही. साथ ही कहा कि लगभग 15,000 से अधिक स्टूडेंट्स मेडिकल की फील्ड के यूक्रेन में हैं. सभी को लाने का प्रयास किया जा रहा है.
'बेटा घर लौट आया और कुछ नहीं चाहिए'
हर्ष के पिताजी आनंद शर्मा सरकारी कर्मचारी हैं जबकि माता विमला शर्मा गृहणी है और ज्योतिष का काम भी देखती हैं. पिता भावुक होते हुए कहते हैं कि बेटा वापस आ गया, इससे बड़ी खुशी खुश नहीं है. दिन रात यह चिंता रहती थी कि बेटा जल्द से जल्द आ जाए. पिछले 7 दिनों से वह खुद भी तनाव में थे जबकि 48 घंटे से वह सो भी नहीं पाए थे. वही उनकी मां विमला कहती हैं कि बेटा घर आ गया अब कुछ नहीं चाहिए.