ETV Bharat / state

Strictness on nursing colleges : निजी नर्सिंग कॉलेजों पर सख्ती, स्वास्थ्य विभाग के ACS ने दिए ये निर्देश - सीएमएचओ ही करेंगे मॉनीटरिंग

मध्यप्रदेश में निजी नर्सिंग कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल संस्थाओं में लगातार शिकायतें मिलने का दौर जारी है. कई बार इन कॉलेजों पर धांधली के आरोप लगते रहे हैं. इस सब पर अंकुश लगाने के लिए अब सरकार ने इसके एक्ट में संशोधन किया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने इसके लिए प्रदेश के सभी सीएमएचओ को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं. (Strictness on private nursing colleges) (ACS gave these instructions) (Beds and staff not be changed arbitrarily)

Strictness on private nursing colleges
निजी नर्सिंग कॉलेजों पर सख्ती
author img

By

Published : Jun 2, 2022, 2:11 PM IST

भोपाल। निजी नर्सिंग कॉलेजों और संस्थाओं से जुड़े अस्पतालों में मौजूदा बिस्तरों और स्टाफ की संख्या को मनमाने ढंग से नहीं बदला जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव इसलिए किए गए हैं, क्योंकि नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल संस्थाओं में मान्यता लेते समय स्टाफ की संख्या ज्यादा बताई जाती थी और यही स्थिति मान्यता के समय भी होती थी, लेकिन जब निरीक्षण किया जाता था, तब यह संख्या काफी कम होती थी.

ओटीपी जाएगा सीएमएचओ के पास : इसके लिए संस्थान और कॉलेजों को पोर्टल पर कोई भी बदलाव करने से पहले उसकी सूचना सीएमएचओ के मोबाइल नंबर पर देनी होगी.। फिर वहां एक ओटीपी पहुंचेगा सीएमएचओ के पास़. वो उस ओटीपी को दर्ज करेगा, तभी यह जानकारी अपडेट हो पाएगी.। दरअसल, सीएमएचओ ही प्राइवेट अस्पताल के सर्वेसर्वा होते हैं. ऐसे में उनके अंडर में ही प्राइवेट नर्सिंग होम संचालित होते हैं.

Indore Swine Flu: इंदौर में स्वाइन फ्लू के कई मामले मिलने के बाद हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट

सीएमएचओ ही करेंगे मॉनीटरिंग : तमाम निरीक्षण से लेकर आवेदनों की मान्यता देने का अधिकार सीएमएचओ के पास होता है. इसलिए यह खुद ही इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. अधिकतर देखने में यही आता है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों को पूरा करने के लिए संबंधित संस्थान फर्जी तरीके से स्टाफ और बेड़ो की संख्या बढ़ा देते हैं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी सीएमएचओ को पत्र लिखकर निजी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश का पालन करने के लिए कहा है.

भोपाल। निजी नर्सिंग कॉलेजों और संस्थाओं से जुड़े अस्पतालों में मौजूदा बिस्तरों और स्टाफ की संख्या को मनमाने ढंग से नहीं बदला जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव इसलिए किए गए हैं, क्योंकि नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल संस्थाओं में मान्यता लेते समय स्टाफ की संख्या ज्यादा बताई जाती थी और यही स्थिति मान्यता के समय भी होती थी, लेकिन जब निरीक्षण किया जाता था, तब यह संख्या काफी कम होती थी.

ओटीपी जाएगा सीएमएचओ के पास : इसके लिए संस्थान और कॉलेजों को पोर्टल पर कोई भी बदलाव करने से पहले उसकी सूचना सीएमएचओ के मोबाइल नंबर पर देनी होगी.। फिर वहां एक ओटीपी पहुंचेगा सीएमएचओ के पास़. वो उस ओटीपी को दर्ज करेगा, तभी यह जानकारी अपडेट हो पाएगी.। दरअसल, सीएमएचओ ही प्राइवेट अस्पताल के सर्वेसर्वा होते हैं. ऐसे में उनके अंडर में ही प्राइवेट नर्सिंग होम संचालित होते हैं.

Indore Swine Flu: इंदौर में स्वाइन फ्लू के कई मामले मिलने के बाद हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट

सीएमएचओ ही करेंगे मॉनीटरिंग : तमाम निरीक्षण से लेकर आवेदनों की मान्यता देने का अधिकार सीएमएचओ के पास होता है. इसलिए यह खुद ही इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. अधिकतर देखने में यही आता है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों को पूरा करने के लिए संबंधित संस्थान फर्जी तरीके से स्टाफ और बेड़ो की संख्या बढ़ा देते हैं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी सीएमएचओ को पत्र लिखकर निजी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश का पालन करने के लिए कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.