इंदौर। नौ दिनों का पावन पर्व नवमी तिथि के साथ समाप्त होता है. कुछ लोग नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि और कुछ नवमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं. इस साल नवरात्रि 8 दिन की होने के कारण लोगों में महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी को लेकर असमंजस में हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार मंगलवार को सप्तमी व्रत मनाया जाएगा.
जो लोग अष्टमी को कन्या पूजन करते हैं, वे लोग सप्तमी मंगलवार को व्रत रखेंगे. बुधवार को अष्टमी का कन्या पूजन करेंगे. इसके अलावा जो लोग नवमी को कन्या पूजन करते हैं, वे लोग बुधवार को अष्टमी का व्रत रखेंगे और गुरुवार को कन्या पूजन करेंगे.
अष्टमी के लिए कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त
अष्टमी कन्या पूजा: 13 अक्टूबर, दिन बुधवार को पूजा का शुभ मुहूर्त
अमृत काल: 03:23 AM से 04:56 AM तक
ब्रह्म मुहूर्त: 04:48 AM से 05:36 AM तक
अष्टमी शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ: प्रातः 06:15 से 07:42 प्रातः तक
अमृत: प्रातः 07:42 से 09:10 प्रातः तक
शुभ: प्रातः 10:37 से 12:05 दोपहर तक
चर सामान्य: दोपहर 03:00 से 04:28 शाम तक
लाभ: शाम 04:28 से 05:55 शाम तक
नवमी के लिए कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त
नवमी कन्या पूजा: 14 अक्टूबर दिन गुरुवार सुबह 6 बजकर 52 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी.
जिसके बाद नवमी तिथि में कन्या पूजन और हवन किया जा सकेगा.
नवरात्रि पर पेश की एकता की मिसाल, सभी धर्म के लोगों ने मिलकर निकाली चुनरी यात्रा, देखें Video
कन्या पूजन विधि
Sharadiya Navratri 2021 में इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़े. ऐसे में नवरात्रि व्रत 8 दिन के हो रहे हैं. अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन किया जाता है. इनके लिए हलवा पूड़ी और चने प्रसाद के रूप में बनाए जाते हैं. इसके साथ ही कन्याओं को नारियल, फल और दक्षिणा और कहीं, कहीं चूड़िया और बिंदी भी दी जाती है. कन्याओं को सबसे पहले एक साथ बैठाकर उनके पैर एक थाली में धोते हैं. इसके बाद उन्हें कलावा बांधकर तिलक लगाया जाता है, फिर भरपेट भोजन कराया जाता है.