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मध्यप्रदेश में खुलेंगे संस्कृत प्ले स्कूल, राज्य ओपन बोर्ड जल्द शुरु करेगा काम

मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल शुरु की है. जिसके तहत प्रदेश के हर जिले से एक स्कूल को गोद लिया गया है. इन स्कूलों में डे-केयर शुरू किया जाएगा.

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Published : Oct 28, 2020, 10:31 PM IST

Sanskrit Play School to open for children between one to four years
एक से चार साल के बच्चों के लिए खुलेंगे संस्कृत प्ले स्कूल

भोपाल। प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नए-नए प्रयास कर रही है. मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल शुरु की है. जिसके तहत प्रदेश के हर जिले से एक स्कूल को गोद लिया गया है. इन स्कूलों में डे-केयर शुरू किया जाएगा. जिसमें एक से चार साल तक के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा. इन बच्चों को संस्कृत सिखाई जाएगी. इस डे केयर स्कूल की शुरुआत दिसंबर माह में होगी.

राज्य ओपन बोर्ड खोलने जा रहा है संस्कृत प्ले स्कूल

संस्कृत को बढ़ावा

स्कूलों में दम तोड़ चुकी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अब सरकारी स्कूल के शिक्षक मेहनत करते नजर आएंगे. ऐसा पहली बार होगा जब संस्कृत विषय को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ऐसा प्रयास कर रहा है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को संस्कृत भाषा सिखाई जाएगी. एक से चार साल तक के बच्चों के लिए प्रदेश भर में संस्कृत स्कूल खोले जाएंगे. यह डे केयर स्कूल होंगे. जिसमें अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर अपनी ड्यूटी पर जा सकते हैं और बच्चों की देखभाल शिक्षक करेंगे. जिसमें सुबह 9 से शाम 5 बजे तक स्कूल लगाए जाएंगे. यहां बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे. अब तक प्ले स्कूल में हम देखते थे कि बच्चे बोलना सीखते थे लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे.

रुक जाना नहीं योजना के तहत 10वीं और 12वीं की परीक्षाए संपन्न

अमेरिकन प्ले स्कूल की तर्ज पर होगा संस्कृत प्ले स्कूल

राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए हमने प्रदेश में पहले भी एक स्कूल की शुरुआत की जो कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल में 700 छात्राएं अध्ययनरत हैं. वहीं अब बच्चे अपनी पहली भाषा संस्कृत बोले ऐसा प्रयास राज्य ओपन बोर्ड कर रहा है. इन स्कूलों को एएफई स्कूल नाम दिया जायेगा जोकि अमेरिकन एनजि प्ले स्कूल की तर्ज पर शुरू किए जाएंगे. जिसके लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है.

हर जिले से एक स्कूल को लिया गोद

उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेशभर में स्कूल खोले जाएंगे. हर जिले के एक स्कूल को गोद लिया गया है और इन स्कूलों में दाखिले जल्द शुरू किये जाएंगे. जिसमें शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस स्कूल में ऐसे बच्चों को दाखिला दिया जाएगा, जिनके अभिभावक ऑफिस जाते हैं और अपने बच्चों की देखरेख नहीं कर पाते हैं, वे अभिभवक अपने बच्चों को स्कूल में छोड़ सकते हैं खास बात यह है कि हर स्कूल में 30 सीटें होंगी. जिसमें अलग-अलग कोटे के तहत प्रवेश होंगे. जिसमें पत्रकार कोटा भी होगा.

रहने खाने पीने की भी होगी व्यवस्था

प्रदेश के पहले संस्कृत प्ले स्कूल में बच्चो के लिए रहने, खाने की भी व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी. सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक स्कूल लगेगा. जिसमें बच्चों की रहने खाने की व्यवस्था भी शासन की ओर से की जाएगी. जिसके लिए स्कूलों में पर्याप्त बेड, टीवी, स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था होगी.

भोपाल के सुभाष स्कूल को किया गया चिन्हित

राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि हर जिले से एक स्कूल गोद लिया गया है. जिसमें राजधानी का सुभाष स्कूल चिन्हित किया गया है. सुभाष स्कूल में ही इसके एडमिशन भी शुरू किए जाएंगे. जिसमें शुरुआत में केवल 30 एडमिशन होंगे. दिसंबर माह तक एडमिशन करने की तैयारी की जा रही है. कोविड-19 के चलते अभी केवल स्कूलों को तैयार किया जा रहा है, जैसे ही कोरोना की वैक्सिन आएगी या फिर मामले कुछ कम होंगे तब स्कूल शुरू किया जायेगा.

भोपाल। प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नए-नए प्रयास कर रही है. मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल शुरु की है. जिसके तहत प्रदेश के हर जिले से एक स्कूल को गोद लिया गया है. इन स्कूलों में डे-केयर शुरू किया जाएगा. जिसमें एक से चार साल तक के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा. इन बच्चों को संस्कृत सिखाई जाएगी. इस डे केयर स्कूल की शुरुआत दिसंबर माह में होगी.

राज्य ओपन बोर्ड खोलने जा रहा है संस्कृत प्ले स्कूल

संस्कृत को बढ़ावा

स्कूलों में दम तोड़ चुकी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अब सरकारी स्कूल के शिक्षक मेहनत करते नजर आएंगे. ऐसा पहली बार होगा जब संस्कृत विषय को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ऐसा प्रयास कर रहा है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को संस्कृत भाषा सिखाई जाएगी. एक से चार साल तक के बच्चों के लिए प्रदेश भर में संस्कृत स्कूल खोले जाएंगे. यह डे केयर स्कूल होंगे. जिसमें अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर अपनी ड्यूटी पर जा सकते हैं और बच्चों की देखभाल शिक्षक करेंगे. जिसमें सुबह 9 से शाम 5 बजे तक स्कूल लगाए जाएंगे. यहां बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे. अब तक प्ले स्कूल में हम देखते थे कि बच्चे बोलना सीखते थे लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे.

रुक जाना नहीं योजना के तहत 10वीं और 12वीं की परीक्षाए संपन्न

अमेरिकन प्ले स्कूल की तर्ज पर होगा संस्कृत प्ले स्कूल

राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए हमने प्रदेश में पहले भी एक स्कूल की शुरुआत की जो कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल में 700 छात्राएं अध्ययनरत हैं. वहीं अब बच्चे अपनी पहली भाषा संस्कृत बोले ऐसा प्रयास राज्य ओपन बोर्ड कर रहा है. इन स्कूलों को एएफई स्कूल नाम दिया जायेगा जोकि अमेरिकन एनजि प्ले स्कूल की तर्ज पर शुरू किए जाएंगे. जिसके लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है.

हर जिले से एक स्कूल को लिया गोद

उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेशभर में स्कूल खोले जाएंगे. हर जिले के एक स्कूल को गोद लिया गया है और इन स्कूलों में दाखिले जल्द शुरू किये जाएंगे. जिसमें शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस स्कूल में ऐसे बच्चों को दाखिला दिया जाएगा, जिनके अभिभावक ऑफिस जाते हैं और अपने बच्चों की देखरेख नहीं कर पाते हैं, वे अभिभवक अपने बच्चों को स्कूल में छोड़ सकते हैं खास बात यह है कि हर स्कूल में 30 सीटें होंगी. जिसमें अलग-अलग कोटे के तहत प्रवेश होंगे. जिसमें पत्रकार कोटा भी होगा.

रहने खाने पीने की भी होगी व्यवस्था

प्रदेश के पहले संस्कृत प्ले स्कूल में बच्चो के लिए रहने, खाने की भी व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी. सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक स्कूल लगेगा. जिसमें बच्चों की रहने खाने की व्यवस्था भी शासन की ओर से की जाएगी. जिसके लिए स्कूलों में पर्याप्त बेड, टीवी, स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था होगी.

भोपाल के सुभाष स्कूल को किया गया चिन्हित

राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि हर जिले से एक स्कूल गोद लिया गया है. जिसमें राजधानी का सुभाष स्कूल चिन्हित किया गया है. सुभाष स्कूल में ही इसके एडमिशन भी शुरू किए जाएंगे. जिसमें शुरुआत में केवल 30 एडमिशन होंगे. दिसंबर माह तक एडमिशन करने की तैयारी की जा रही है. कोविड-19 के चलते अभी केवल स्कूलों को तैयार किया जा रहा है, जैसे ही कोरोना की वैक्सिन आएगी या फिर मामले कुछ कम होंगे तब स्कूल शुरू किया जायेगा.

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