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Good News! गरीब किसानों का फसल बीमा करवाएगी शिवराज सरकार, 90 फीसदी किसानों को मिलेगा लाभ - Madhya Pradesh Farmers Compensation

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ये बड़ी good news है. कृषि मंत्री ने प्रदेश के छोटे किसानों के हित में बड़ा ऐलान किया है. दावा किया है कि अब प्रदेश के ऐसे किसान जो अपनी फसल का बीमा कराने में सक्षम नहीं हैं, उनकी फसल का बीमा राज्य सरकार करवाएगी. सरकार को भरोसा है कि इससे 90 फीसदी किसान फायदा उठा पायेंगे.

Government's decision in favor of farmers
किसानों के हित में राज्य सरकार का फैसला
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Published : Jun 16, 2021, 12:37 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 12:59 PM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) का लाभ वर्तमान में केवल बड़े किसानों को ही मिल पाता है. लेकिन अब छोटे और सीमांत किसानों को मध्यप्रदेश सरकार राहत देने जा रही है. प्रदेश के 75 लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसानों की फसल का बीमा अब राज्य सरकार कराएगी. यदि किसी कारण से किसान की फसल खराब होती है तो ऐसी स्थिति में बीमा क्लेम की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा होगी.

90 फीसदी किसान होंगे बीमा क्लेम में कवर

ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है, वे आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कई बार बीमा नहीं करा पाते हैं. और जब उनकी फसल खराब होती है तो सरकार को करोड़ो रुपए का मुआवजा देना पड़ता है. अभी 35 से 40 लाख किसान ही फसल बीमा कराते हैं जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है. इस योजना के बाद 90 फीसदी किसान बीमा क्लेम में कवर हो जाएंगे. कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) का कहना है कि सीमांत किसानों का प्रीमियम सरकार जमा करेगी. इस मामले में केंद्र ने भी सहमति जता दी है.

अभी ये है व्यवस्था

फसल बीमा में किसानों को अभी प्रीमियम की राशि का दो फीसदी (खरीफ) और डेढ़ फीसदी (रबी) ही देना होता है. वहीं 98 प्रतिशत राशि का 50 फीसदी राज्य और बाकी केंद्र सरकार जमा करती है. नुकसान होने पर सौ फीसदी क्लेम किसानों को मिलता है.

प्रधानमंत्री बीमा योजना में बैंकों ने किसानों को नहीं दी बीमा राशि

दावे तो पहले भी, लेकिन...

सरकार के दावे और वादे पिछले वर्षों की तरह ही है. पहले भी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ मिलने की मुनादी हुई थी. प्रदेश के ऐसे कई इलाके हैं जहां से खबरें आईं थीं कि बैकों ने कई किसानों की फसल बीमा की प्रीमियम राशि काटी थी. लेकिन इसकी फसल बीमा पोर्टल पर एंट्री नहीं की थी. एंट्री ना होने पर बीमा कंपनी से बीमा दावा राशि किसानों को प्राप्त नही हो पाई थी. इसकी किसान लगातार शिकायत कर रहे थे. बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो पोर्टल में कुछ सुधार भी किया गया था. उम्मीद है इस बार विगत विसंगतियों से सबक लेकर काम होगा और वाकई किसान ना उम्मीद नहीं होगा.

भोपाल। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) का लाभ वर्तमान में केवल बड़े किसानों को ही मिल पाता है. लेकिन अब छोटे और सीमांत किसानों को मध्यप्रदेश सरकार राहत देने जा रही है. प्रदेश के 75 लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसानों की फसल का बीमा अब राज्य सरकार कराएगी. यदि किसी कारण से किसान की फसल खराब होती है तो ऐसी स्थिति में बीमा क्लेम की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा होगी.

90 फीसदी किसान होंगे बीमा क्लेम में कवर

ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है, वे आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कई बार बीमा नहीं करा पाते हैं. और जब उनकी फसल खराब होती है तो सरकार को करोड़ो रुपए का मुआवजा देना पड़ता है. अभी 35 से 40 लाख किसान ही फसल बीमा कराते हैं जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है. इस योजना के बाद 90 फीसदी किसान बीमा क्लेम में कवर हो जाएंगे. कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) का कहना है कि सीमांत किसानों का प्रीमियम सरकार जमा करेगी. इस मामले में केंद्र ने भी सहमति जता दी है.

अभी ये है व्यवस्था

फसल बीमा में किसानों को अभी प्रीमियम की राशि का दो फीसदी (खरीफ) और डेढ़ फीसदी (रबी) ही देना होता है. वहीं 98 प्रतिशत राशि का 50 फीसदी राज्य और बाकी केंद्र सरकार जमा करती है. नुकसान होने पर सौ फीसदी क्लेम किसानों को मिलता है.

प्रधानमंत्री बीमा योजना में बैंकों ने किसानों को नहीं दी बीमा राशि

दावे तो पहले भी, लेकिन...

सरकार के दावे और वादे पिछले वर्षों की तरह ही है. पहले भी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ मिलने की मुनादी हुई थी. प्रदेश के ऐसे कई इलाके हैं जहां से खबरें आईं थीं कि बैकों ने कई किसानों की फसल बीमा की प्रीमियम राशि काटी थी. लेकिन इसकी फसल बीमा पोर्टल पर एंट्री नहीं की थी. एंट्री ना होने पर बीमा कंपनी से बीमा दावा राशि किसानों को प्राप्त नही हो पाई थी. इसकी किसान लगातार शिकायत कर रहे थे. बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो पोर्टल में कुछ सुधार भी किया गया था. उम्मीद है इस बार विगत विसंगतियों से सबक लेकर काम होगा और वाकई किसान ना उम्मीद नहीं होगा.

Last Updated : Jun 16, 2021, 12:59 PM IST
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