भोपाल। सहकारिता विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 20 हजार राशन दुकानों से सेल्समैन की हड़ताल के चलते खाद्यान्न वितरित नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर अब प्रदेश सरकार ने सहकारी समितियों के कर्मचारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर सोमवार तक वह वापस राशन की दुकानों पर नहीं लौटे तो सरकार बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाई भी कर सकती है.
हड़ताल से वापस नहीं लौटे तो होगी सख्त कार्रवाई
मध्य प्रदेश में राशन वितरण मामले को लेकर सरकार सख्त नजर आ रही है. सरकार ने सहकारी समितियों के कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया है कि हड़ताल खत्म कर सोमवार तक राशन दुकानों पर वापस लौटें और नहीं तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है. दरअसल सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मध्य प्रदेश की 20 हजार राशन दुकानों पर खाद्दान्न वितरित नहीं हो पा रहा है.
दतिया सहकारिता विभाग के कर्मचारियों की कलम बंद हड़ताल जारी
पंचायत सचिवों के बाद पटवारियों ने किया इनकार
पंचायत सचिवों द्वारा सहकारिता विभाग की राशन दुकानों से राशन वितरित करने से मना करने के बाद अब पटवारियों ने भी राशन वितरण करने से इंकार कर दिया है मध्यप्रदेश पटवारी महासंघ ने कहा कि वह पहले से ही काम के बोझ से परेशान हैं और अब उन्हें राशन वितरण के लिए कहा जा रहा है, जो संभव नहीं है. 2 दिन पहले पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों से राशन वितरण कराने के निर्देश दिए गए थे. जिस पर पंचायत सचिव संगठन ने विरोध कर इससे इनकार कर दिया. इसके बाद कृषि मंत्री कमल पटेल ने खाद्यान्न वितरण के काम में पटवारियों को लगाने की वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए, उन्हें इस कार्य से मुक्त रखने के लिए शासन को पत्र लिखा है.
पटवारियों ने गिनाए अपने काम
मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखते हुए अपने काम भी गिनाए हैं. उन्होंने कहा कि पटवारियों के पास पीएम किसान, सीएम किसान योजना, भू राजस्व वसूली, डायवर्सन टैक्स वसूली, फसल नुकसान की राहत राशि वितरण, आबादी, भूमि का सर्वे जैसे काम हैं और इतने कामों के चलते पटवारियों द्वारा राशन वितरण का कार्य किया जाना संभव नहीं होगा.