भोपाल। प्रदेश सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है. सरकार ने चुनाव के दौरान वचन दिया था कि प्रतिभाशाली स्कूली छात्र छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी और 12वीं में 75%अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को लैपटॉप, लेकिन की वित्तीय स्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने इस पर फिलहाल रोक लगा दी है.
सरकार की वित्तीय स्थिति खराब, प्रतिभाशाली बच्चों को नहीं मिल पाएगा लैपटॉप और स्कूटी
प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी दिए जाने की योजना का सफल होना इस बार मुश्किल लग रहा है. प्रदेश सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है जिसके चलते बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी देना मुमकिन नहीं है.
वित्तीय संकट
भोपाल। प्रदेश सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है. सरकार ने चुनाव के दौरान वचन दिया था कि प्रतिभाशाली स्कूली छात्र छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी और 12वीं में 75%अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को लैपटॉप, लेकिन की वित्तीय स्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने इस पर फिलहाल रोक लगा दी है.
Intro:भोपाल। वित्तीय संकट से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार को अपना एक वचन पूरा करने में पसीना छूट रहा है। सरकार ने चुनाव के दौरान वचन दिया था कि प्रतिभाशाली स्कूली छात्र छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी। 12वीं में 75 फ़ीसदी अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को लैपटॉप दिया जाता रहा है। लेकिन प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने इस पर फिलहाल अपनी रोक लगा दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी के मुताबिक मध्यप्रदेश में भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान की वजह से वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है।
Body:देखा जाए तो मध्य प्रदेश सरकार बोर्ड परीक्षाओं में 75 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को लैपटॉप के लिए 25000 रुपए की राशि देती रही है। इस बार ऐसे छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 70 हजार है जिन्हें लैपटॉप के लिए राशि दी जानी थी। इसी तरह कांग्रेस ने प्रदेश के जिलेवार टॉप 10 में आने वाले छात्र-छात्राओं स्कूटी देने का वचन दिया था। मध्यप्रदेश में जिलेवार टॉप 10 छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 3 हजार है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के अलावा सीबीएससी 12वीं के जिला स्तर पर दो-दो टॉपर को भी दो पहिया वाहन दिए जाना है। सरकार की वित्तीय हालातों को देखते हुए अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग की अनुमति के लिए भेजा था, इस योजना को पूरा करने के लिए करीब पौने दो सौ करोड़ रुपए के बजट की आवश्यकता है, लेकिन वित्त विभाग ने आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस पर अपनी सहमति नहीं दी है। उधर जब इसको लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में भारी बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है और सरकार की पहली प्राथमिकता किसानों को राहत पहुंचाने की है।
Conclusion:जाहिर है की प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी दिए जाने की योजना का इस साल परवान चढ़ना मुश्किल दिखाई दे रहा है।
Body:देखा जाए तो मध्य प्रदेश सरकार बोर्ड परीक्षाओं में 75 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को लैपटॉप के लिए 25000 रुपए की राशि देती रही है। इस बार ऐसे छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 70 हजार है जिन्हें लैपटॉप के लिए राशि दी जानी थी। इसी तरह कांग्रेस ने प्रदेश के जिलेवार टॉप 10 में आने वाले छात्र-छात्राओं स्कूटी देने का वचन दिया था। मध्यप्रदेश में जिलेवार टॉप 10 छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 3 हजार है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के अलावा सीबीएससी 12वीं के जिला स्तर पर दो-दो टॉपर को भी दो पहिया वाहन दिए जाना है। सरकार की वित्तीय हालातों को देखते हुए अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग की अनुमति के लिए भेजा था, इस योजना को पूरा करने के लिए करीब पौने दो सौ करोड़ रुपए के बजट की आवश्यकता है, लेकिन वित्त विभाग ने आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस पर अपनी सहमति नहीं दी है। उधर जब इसको लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में भारी बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है और सरकार की पहली प्राथमिकता किसानों को राहत पहुंचाने की है।
Conclusion:जाहिर है की प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी दिए जाने की योजना का इस साल परवान चढ़ना मुश्किल दिखाई दे रहा है।