भोपाल। वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 14 मई को है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया सभी पापों का नाश करने वाले और सभी सुखों को प्रदान करने वाली शुभ तिथि है. इस दिन किया गया कोई शुभ कार्य जरूर सफल होता है. इसलिए अक्षय तृतीया को विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ के लिए सबसे अच्छी तिथि माना जाता है. सोना खरीदने के साथ ही वाहन, प्रापर्टी आदि खरीदने के लिए भी अक्षय तृतीया को श्रेष्ठ दिन माना जाता है.
- शुभ फलदायी तिथि
शास्त्रों में अक्षय तृतीया को शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त के रूप में देखा जाता है. अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन महाभारत लिखना शुरु किया था इसके साथ ही सतयुग, द्वापर औऱ त्रेतायुग के आरंभ की गणना अक्षय तृतीया से मानी गई है. आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य किया जा सकता है इस दिन को स्वयं सिद्ध मुहूर्त वाला दिन माना जाता है। चंद्रमा औऱ सूर्य उच्च राशि में रहने के कारण इस दिन किया गया कार्य विशेष फलदायी होता है.
लॉकडाउन के दौरान अक्षय तृतीया पर सादे तरीके से किया गया विवाह संपन्न
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त
आरंभ - 14 मई सुबह 5.38 बजे
समापन - 15 मई सुबह 8 बजे
इन बातों को रखें ध्यान
- किसी को दुख न पहुंचाएं
- गलत कार्य करने से बचें
- किसी को अपशब्द न कहें
- सात्विक भोजन ग्रहण करें
- मांस-मछली औऱ नशा का सेवन न करें.