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गुजरात के भवाई शैली का जनजातीय संग्रहालय में किया गया मंचन, मंत्रमुग्ध हुए लोग

भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में साप्ताहिक श्रंखला 'अभिनयन' के अंतर्गत भवाई शैली गुजरात का मंचन किया गया.

Staged in Bhavai style tribal museum of Gujarat in bhopal
गुजरात के भवाई शैली का मंचन किया गया
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Published : Dec 21, 2019, 12:51 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 1:10 PM IST

भोपाल। रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रंखला 'अभिनयन' के अंतर्गत श्रीप्रकाश हरिलाल पैजा के निर्देशन में भवाई शैली गुजरात का आयोजन किया गया. नाटक की शुरूआत गुजरात के मोरबी शहर के राजा रावत रनसिंह के जीवन से शुरू हुई. जिसमें राजा मोजड़ी के जीवन और रहन-सहन के बारे में बताया गया. भवाई शैली में बताया गया कि राजा को मोजड़ी के कपड़े पहनने का शौक था.

गुजरात के भवाई शैली का मंचन किया गया

इस नाट्क प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने कलात्मक अभिनय और कौशल से दर्शकों को मनमोह लिया. नाटक की अवधि 30 मिनट की रही.

भोपाल। रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रंखला 'अभिनयन' के अंतर्गत श्रीप्रकाश हरिलाल पैजा के निर्देशन में भवाई शैली गुजरात का आयोजन किया गया. नाटक की शुरूआत गुजरात के मोरबी शहर के राजा रावत रनसिंह के जीवन से शुरू हुई. जिसमें राजा मोजड़ी के जीवन और रहन-सहन के बारे में बताया गया. भवाई शैली में बताया गया कि राजा को मोजड़ी के कपड़े पहनने का शौक था.

गुजरात के भवाई शैली का मंचन किया गया

इस नाट्क प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने कलात्मक अभिनय और कौशल से दर्शकों को मनमोह लिया. नाटक की अवधि 30 मिनट की रही.

Intro:अभिनयन में हुआ गुजरात के भवई शैली में रावत रनसिंह का मंचन मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय भोपाल में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रंखला अभिनयन में आज श्रीप्रकाश हरिलाल पैजा के निर्देशन में भवाई शैली गुजरात में रावत रन सिंह का मंचन संग्रहालय सभागार में हुआ


Body:नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत गुजरात मध्यप्रदेश के मोरबी शहर के राजा रावत रनसिंह के जनजीवन से होती है राजा मोजड़ी के कपड़े पहनने का बहुत शौकीन था इस बार मोजड़ी बनाने वाले अछूत के यहां की मोजड़ी राजा को बहुत पसंद आती है वह मोजड़ी बनाने वाले से मिलकर इनाम देना चाहता है जिससे उसे पता चले कि वह मोजड़ी बनाने वाली एक अछूत के घर में पली बढ़ी अनाथ लड़की है जो गुणवान होने के साथ ही बहुत सुंदर भी है राजा का एक मंत्री है नानजी जी कोटवाल जो राजा की चापलूसी करता है अछूत लड़की भक्ति भाव से राजा को आत्मज्ञान देती है जिससे राजा को सकारात्मक सोच मिलती है नाटक के अंत में लड़की और राजा दोनों समाधि ले लेते हैं इसी के साथ भवई शैली में नाटक रावत रन सिंह का अंत होता है


Conclusion: मोरबी गुजरात का ग्रुप स्वामी विवेकानंद भवई मंडल द्वारा प्रस्तुत इस नाट्य प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने कलात्मक अभिनय कौशल ने से दर्शकों को मनमोहक प्रस्तुति दी इस प्रस्तुति की समय अवधि लगभग एक घंटा 30 मिनट रही
Last Updated : Dec 21, 2019, 1:10 PM IST
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