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कमलनाथ के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के अटकलें तेज, सज्जन सिंह ने कहा ' राष्ट्रीय स्तर पर अनुभवी की जरूरत'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा के निधन के बाद राष्ट्रीय स्तर वरिष्ठ नेताओं की कमी हो गई है. ऐसे में एक बार फिर कमलनाथ के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं.

Kamal Nath
कमलनाथ
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Published : Dec 25, 2020, 5:36 PM IST

भोपाल। कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर चल रही हलचल को देखते हुए कमलनाथ के एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. कमलनाथ कई बार कह चुके हैं कि मैं जब तक मध्य प्रदेश के गरीब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झोली में एक बार और सरकार नहीं डाल दूंगा,तब तक मैं मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा. लेकिन हालही के दिनों में अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसियों के निधन के बाद कमलनाथ के दिल्ली जाने की खबरें जोर पकड़ रही हैं. हालांकि मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता उन्हें दिल्ली ना जाने देने का दावा कर रहे हैं.

सज्जन सिंह वर्मा का बयान
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से जब सवाल किया गया कि आगामी सत्र में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में कमलनाथ रहेंगे या नया नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा, तो उन्होंने कहा कि वह अभी दिल्ली में हैं. मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल की निधन के बाद सीनियर नेताओं की कमी महसूस हो रही है. कमलनाथ का कद इतना बड़ा है कि हाईकमान को कुछ अनुभवी लोगों की आवश्यकता निश्चित रूप से है. अब पार्टी हाई कमान चाहती हैं कि कमलनाथ वहां जाएं और मध्य प्रदेश के लोग चाहते हैं कि कमलनाथ को नहीं जाने देंगे, यही रखेंगे.
असंतुष्ट नेताओं की कराई थी सोनिया गांधी से मुलाकात

पिछले कई दिनों से कमलनाथ दिल्ली में हैं. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में आ रही अड़चनों को दूर करने का काम कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने कांग्रेस के उन असंतुष्ट 23 नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात कराई थी. जिन नेताओं ने कांग्रेस में चुनाव द्वारा अध्यक्ष चुने जाने की पैरवी करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इस पूरे मामले में कमलनाथ ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी और सभी नाराज नेताओं को एक मंच पर लाने का काम किया था.

अहमद पटेल-मोतीलाल वोरा के निधन के बाद बनी रिक्तता की स्थिति
वही पिछले दिनों दो दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के निधन के बाद कमलनाथ के दिल्ली में सक्रिय होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा के निधन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस वरिष्ठ और पार्टी के लिए समर्पित नेताओं की कमी महसूस कर रही है. कांग्रेस का एक बड़ा तबका चाहता है कि कमलनाथ दिल्ली में सक्रिय हो. वही मध्य प्रदेश कांग्रेस चाहती है कि कमलनाथ के नेतृत्व में 2023 का चुनाव हो.

भोपाल। कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर चल रही हलचल को देखते हुए कमलनाथ के एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. कमलनाथ कई बार कह चुके हैं कि मैं जब तक मध्य प्रदेश के गरीब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झोली में एक बार और सरकार नहीं डाल दूंगा,तब तक मैं मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा. लेकिन हालही के दिनों में अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसियों के निधन के बाद कमलनाथ के दिल्ली जाने की खबरें जोर पकड़ रही हैं. हालांकि मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता उन्हें दिल्ली ना जाने देने का दावा कर रहे हैं.

सज्जन सिंह वर्मा का बयान
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से जब सवाल किया गया कि आगामी सत्र में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में कमलनाथ रहेंगे या नया नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा, तो उन्होंने कहा कि वह अभी दिल्ली में हैं. मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल की निधन के बाद सीनियर नेताओं की कमी महसूस हो रही है. कमलनाथ का कद इतना बड़ा है कि हाईकमान को कुछ अनुभवी लोगों की आवश्यकता निश्चित रूप से है. अब पार्टी हाई कमान चाहती हैं कि कमलनाथ वहां जाएं और मध्य प्रदेश के लोग चाहते हैं कि कमलनाथ को नहीं जाने देंगे, यही रखेंगे.
असंतुष्ट नेताओं की कराई थी सोनिया गांधी से मुलाकात

पिछले कई दिनों से कमलनाथ दिल्ली में हैं. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में आ रही अड़चनों को दूर करने का काम कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने कांग्रेस के उन असंतुष्ट 23 नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात कराई थी. जिन नेताओं ने कांग्रेस में चुनाव द्वारा अध्यक्ष चुने जाने की पैरवी करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इस पूरे मामले में कमलनाथ ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी और सभी नाराज नेताओं को एक मंच पर लाने का काम किया था.

अहमद पटेल-मोतीलाल वोरा के निधन के बाद बनी रिक्तता की स्थिति
वही पिछले दिनों दो दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के निधन के बाद कमलनाथ के दिल्ली में सक्रिय होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा के निधन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस वरिष्ठ और पार्टी के लिए समर्पित नेताओं की कमी महसूस कर रही है. कांग्रेस का एक बड़ा तबका चाहता है कि कमलनाथ दिल्ली में सक्रिय हो. वही मध्य प्रदेश कांग्रेस चाहती है कि कमलनाथ के नेतृत्व में 2023 का चुनाव हो.

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