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गुप्त नवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना में जुटे श्रद्धालु, 10 गुना अधिक मिलता है फल

गुप्त नवरात्रि पर राजधानी के मंदिरों में की जा रही है विशेष पूजा-अर्चना. सिद्धि पाने के लिए इस नवरात्रि का विशेष महत्व है.

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Published : Jul 8, 2019, 10:23 AM IST

गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा

भोपाल| देशभर में इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है. राजधानी के कई मंदिरों में गुप्त नवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इसकी विशेषता इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि इसमें गुप्त साधना की जाती है. वहीं कई लोग अपनी गुप्त मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए भी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिरों में इस तरह की पूजा-अर्चना देर रात शुरू होती है, यही वजह है कि सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि को विशेष माना गया है.

गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा

मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर के व्यवस्थापक पंडित चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि मां दुर्गा गुप्त नवरात्रि की पूजा बड़े ही प्रसन्न मन से स्वीकार करती है, लेकिन हम लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि को अधिक महत्व देते हैं. पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरू हुई है और 10 जुलाई तक रहेगी. नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार रवि योग और दो बार सर्वार्थसिद्धि का विशिष्ट संयोग रहेगा. सप्तमी तिथि के क्षय होने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन रहेगी. उन्होंने बताया कि चैत्र मास और अश्विन मास में आने वाली नवरात्रि से ज्यादा महत्व गुप्त नवरात्र का माना जाता है.

पंडित चंद्रशेखर ने बताया कि साल में 4 नवरात्र आते हैं. इनमें से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्र होते हैं. मान्यता है कि गुप्त नवरात्र में साधना से 10 गुणा अधिक शुभ फल मिलता है. मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से भी की जाती है. उन्होंने बताया कि गुप्त नवरात्रि के समय विशेष तौर पर सभी माता के मंदिरों में अखंड ज्योत के साथ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ का वाचन किया जा रहा है.

भोपाल| देशभर में इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है. राजधानी के कई मंदिरों में गुप्त नवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इसकी विशेषता इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि इसमें गुप्त साधना की जाती है. वहीं कई लोग अपनी गुप्त मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए भी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिरों में इस तरह की पूजा-अर्चना देर रात शुरू होती है, यही वजह है कि सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि को विशेष माना गया है.

गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा

मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर के व्यवस्थापक पंडित चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि मां दुर्गा गुप्त नवरात्रि की पूजा बड़े ही प्रसन्न मन से स्वीकार करती है, लेकिन हम लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि को अधिक महत्व देते हैं. पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरू हुई है और 10 जुलाई तक रहेगी. नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार रवि योग और दो बार सर्वार्थसिद्धि का विशिष्ट संयोग रहेगा. सप्तमी तिथि के क्षय होने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन रहेगी. उन्होंने बताया कि चैत्र मास और अश्विन मास में आने वाली नवरात्रि से ज्यादा महत्व गुप्त नवरात्र का माना जाता है.

पंडित चंद्रशेखर ने बताया कि साल में 4 नवरात्र आते हैं. इनमें से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्र होते हैं. मान्यता है कि गुप्त नवरात्र में साधना से 10 गुणा अधिक शुभ फल मिलता है. मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से भी की जाती है. उन्होंने बताया कि गुप्त नवरात्रि के समय विशेष तौर पर सभी माता के मंदिरों में अखंड ज्योत के साथ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ का वाचन किया जा रहा है.

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( स्पेशल स्टोरी )

गुप्त नवरात्रि पर राजधानी के मंदिरों में की जा रही है विशेष पूजा-अर्चना , सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष होती है गुप्त नवरात्रि


भोपाल | देशभर में इस समय गुप्त नवरात्रि का दौर चल रहा है और राजधानी के कई मंदिरों में भी गुप्त नवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है गुप्त नवरात्रि की विशेषता इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इस नवरात्रि पर गुप्त साधना ए की जाती है वहीं कई लोग अपनी गुप्त मनोकामना ओं को पूर्ण करने के लिए भी विशेष पूजा अर्चना करते हैं मंदिरों में इस तरह की पूजा-अर्चना देर रात शुरू होती है यही वजह है कि सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि को विशेष माना गया है .


Body:मां वैष्णो धाम आदर्श नव दुर्गा मंदिर के व्यवस्थापक पंडित चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि मां दुर्गा गुप्त नवरात्रि की पूजा बड़े ही प्रसन्न मन से स्वीकार करती हैं लेकिन हम लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि को अधिक महत्व देते हैं गुप्त नवरात्रि तंत्र सिद्धि और गुप्त मनोकामना ओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी गई है पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से प्रारंभ हुई है और 10 जुलाई तक रहेगी नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार रवि योग और दो बार सर्वार्थसिद्धि का विशिष्ट संयोग रहेगा सप्तमी तिथि के क्षय होने के कारण अष्टमी और नवमी एक ही दिन रहेगी उन्होंने बताया कि चैत्र मास और अश्विन मास में आने वाली नवरात्रि से ज्यादा महत्व गुप्त नवरात्र का माना जाता है . गुप्त नवरात्र में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्न माता , त्रिपुर भैरवी मां , धूमावती माता , बगलामुखी , मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है .

उन्होंने बताया कि साल में चार नवरात्र आते हैं दो सामान्य होती है और दो गुप्त नवरात्र होते हैं गुप्त नवरात्र में तंत्र मंत्र और यंत्र की साधना से 10 गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होता है आल मास की नवरात्रि में शिव और शक्ति की उपासना भी की जाती है गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने का समय है मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से भी की जाती है उन्होंने बताया कि गुप्त नवरात्रि के समय विशेष तौर पर सभी माता के मंदिरों में अखंड ज्योत के साथ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ का वाचन किया जा रहा है .


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