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कुछ कोविड मरीजों को अस्पताल में मिली एंट्री, तो कुछ निराश होकर लौटे - जेके अस्पताल भोपाल

राजधानी भोपाल के जेके अस्पताल में कुछ कोविड मरीजों को तो अस्पताल में एंट्री मिल गई, लेकिन रात 11 बजे के आसपास बेड उपलब्ध नहीं होने की वजह से कुछ मरीजों को एंट्री नहीं मिल सकी.

JK Hospital
जेके अस्पताल
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Published : Apr 24, 2021, 11:44 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अगर कोई व्यक्ति बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती होना चाहता हैं, तो पहले से ही जुगाड़ करने की जरूरत है, नहीं तो अस्पताल में एंट्री नहीं मिलेगी. घंटों गेट पर इंतजार भी करना पड़ेगा. इसी तरह के हालात राजधानी के जेके अस्पताल में भी देखने को मिले.

रात नौ बजे
रात नौ बजे मेन गेट पर ताला लग गया. छोटे सिंगल गेट से मरीजों के परिजनों को आने-जाने की अनुमति दी गई. मरीजों के परिजन अस्पताल परिसर में पेड़ों के नीचे बैठे रहे. ओपीडी गेट पर परिजन अपने मरीज का हालचाल जानने के लिए गार्ड और कर्मचारियों से पूछताछ करते रहे, जिस पर गार्ड उनसे एक-एक कर बात करने को कहने लगे.

मरीज के परिजनों का कहना है कि किस्मत से अस्पताल में मरीज को भर्ती करने का जुगाड़ मिल गया. नेता और अधिकारियों को मिलाकर करीब 7 फोन करने पड़े, तब जाकर अस्पताल में मरीज को भर्ती करने की एंट्री मिली. अब हालत ठीक है.

ICU में आग लगने से कोविड मरीज की मौत, परिजनों ने शव रखकर किया चक्काजाम



रात 9.30 से 10 बजे
रात करीब 9.30 बजे पता चला कि मनोज पाठक नामक व्यक्ति की मौत हो गई है. कुछ दिन पहले ही उन्हें जेके अस्पताल में भर्ती किया गया था. इस दौरान उनके परिजन आते रहे.

रात 10.30 बजे 11 बजे
आधे घंटे में दो मरीज कोविड-19 इमरजेंसी गेट पर पहुंचे. इनमें से एक महिला को भर्ती किया गया. वहीं दूसरे मरीज मनीष चौकसे को लेकर गार्डों के बीच गफलत हो गई. दरअसल ये मरीज किसी एप्रोच के जरिए यहां पहुंचे थे. गार्ड का कहना था कि गलत मरीज को एंट्री दे गई है, जबकि गेट पर किसी और मरीज का नाम बताया गया था. हालांकि फिर इस मरीज को भी भर्ती किया गया.

नरसिंहपुर से आए मरीज के परिजनों ने बताया कि उनका भाई भर्ती है. ऑक्सीजन लेवल ठीक है. उम्मीद है कि चार-पांच दिन में छुट्टी हो जायेगी. एक दिन पहले ही भर्ती कराया था. वहीं करोंद से मरीज को लेकर आए परिजन ने बताया कि बहनोई की सेवा करते-करते बहन भी बीमार हो गई. पास के अस्पताल में कहीं और जगह नहीं मिली, तो करोंद से इतनी दूर लेकर आए. यहां उन्हें भर्ती कर लिया गया है.

रात 11 से 12 बजे
एक घंटे के इंतजार के बाद सिविल लाइन सागर से आई एक महिला मरीज को जेके अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. मरीज के परिजन करीब 11 बजे यहां अस्पताल के गेट पर एम्बुलेंस के साथ पहुंचे. कई जगह से फोन करने के बाद भी इस मरीज को बेड नहीं मिल सका. वहीं एम्बुलेंस चालक ने बताया कि वे दोपहर 02:40 बजे पर बंसल अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद पुराने शहर स्थित बंसल अस्पताल भी गए, लेकिन बेड नहीं मिलने के कारण वे जेके अस्पताल आए थे, लेकिन यहां भी स्थिति वैसी ही है.

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अगर कोई व्यक्ति बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती होना चाहता हैं, तो पहले से ही जुगाड़ करने की जरूरत है, नहीं तो अस्पताल में एंट्री नहीं मिलेगी. घंटों गेट पर इंतजार भी करना पड़ेगा. इसी तरह के हालात राजधानी के जेके अस्पताल में भी देखने को मिले.

रात नौ बजे
रात नौ बजे मेन गेट पर ताला लग गया. छोटे सिंगल गेट से मरीजों के परिजनों को आने-जाने की अनुमति दी गई. मरीजों के परिजन अस्पताल परिसर में पेड़ों के नीचे बैठे रहे. ओपीडी गेट पर परिजन अपने मरीज का हालचाल जानने के लिए गार्ड और कर्मचारियों से पूछताछ करते रहे, जिस पर गार्ड उनसे एक-एक कर बात करने को कहने लगे.

मरीज के परिजनों का कहना है कि किस्मत से अस्पताल में मरीज को भर्ती करने का जुगाड़ मिल गया. नेता और अधिकारियों को मिलाकर करीब 7 फोन करने पड़े, तब जाकर अस्पताल में मरीज को भर्ती करने की एंट्री मिली. अब हालत ठीक है.

ICU में आग लगने से कोविड मरीज की मौत, परिजनों ने शव रखकर किया चक्काजाम



रात 9.30 से 10 बजे
रात करीब 9.30 बजे पता चला कि मनोज पाठक नामक व्यक्ति की मौत हो गई है. कुछ दिन पहले ही उन्हें जेके अस्पताल में भर्ती किया गया था. इस दौरान उनके परिजन आते रहे.

रात 10.30 बजे 11 बजे
आधे घंटे में दो मरीज कोविड-19 इमरजेंसी गेट पर पहुंचे. इनमें से एक महिला को भर्ती किया गया. वहीं दूसरे मरीज मनीष चौकसे को लेकर गार्डों के बीच गफलत हो गई. दरअसल ये मरीज किसी एप्रोच के जरिए यहां पहुंचे थे. गार्ड का कहना था कि गलत मरीज को एंट्री दे गई है, जबकि गेट पर किसी और मरीज का नाम बताया गया था. हालांकि फिर इस मरीज को भी भर्ती किया गया.

नरसिंहपुर से आए मरीज के परिजनों ने बताया कि उनका भाई भर्ती है. ऑक्सीजन लेवल ठीक है. उम्मीद है कि चार-पांच दिन में छुट्टी हो जायेगी. एक दिन पहले ही भर्ती कराया था. वहीं करोंद से मरीज को लेकर आए परिजन ने बताया कि बहनोई की सेवा करते-करते बहन भी बीमार हो गई. पास के अस्पताल में कहीं और जगह नहीं मिली, तो करोंद से इतनी दूर लेकर आए. यहां उन्हें भर्ती कर लिया गया है.

रात 11 से 12 बजे
एक घंटे के इंतजार के बाद सिविल लाइन सागर से आई एक महिला मरीज को जेके अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. मरीज के परिजन करीब 11 बजे यहां अस्पताल के गेट पर एम्बुलेंस के साथ पहुंचे. कई जगह से फोन करने के बाद भी इस मरीज को बेड नहीं मिल सका. वहीं एम्बुलेंस चालक ने बताया कि वे दोपहर 02:40 बजे पर बंसल अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद पुराने शहर स्थित बंसल अस्पताल भी गए, लेकिन बेड नहीं मिलने के कारण वे जेके अस्पताल आए थे, लेकिन यहां भी स्थिति वैसी ही है.

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