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92 हजार में बनकर तैयार हुई सोलर ई-कार, एक बार चार्ज होने पर चलेगी इतने किलोमीटर - solar car sehore

सीहोर स्थित श्री सत्य सांई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने एक एनवायर फैंडली कार बनाई है, जो कि महज 92 हजार रूपए की लागत में बनकर तैयार हो गई है. यह कार सोलर उर्जा से चलेगी.

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92 हजार में बनकर तैयार हुई सोलर ई-कार
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Published : Jan 22, 2020, 9:29 AM IST

Updated : Jan 22, 2020, 11:23 AM IST

सीहोर। सत्यसांई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने एक ऐसी कार इजाद की है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण प्रदुषित होने से बचाया जा सकेगा, बल्कि इधन की भी बचत होगी. सौर ऊर्जा से चलने वाली यह कार महज 92 हजार की लागत में बनी है. सत्यसांई प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभाग के संयुक्त प्रयास से यह सोलर ई-कार तैयार की गई है.

सोलर ई-कार

पर्यावरण के बढ़ते संकट को लेकर पूरी दुनिया परेशान है. पर्यावरणविदों से लेकर बच्चे तक इसे बचाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने भाषण से नेताओं को हिलाकर रख दिया था. आज हर कोई पर्यावरण को लेकर चिंता जाहिर कर रहा है.

एक बार में 80 किलोमीटर तक करेगी सफर

प्रोफेसर मुकेश कुमार की बनाई हुई इस कार में पेट्रोल, डीजल और ऑयल की जरूरत नहीं होगी. यह कार सौर ऊर्जा से चलेगी. मुकेश तिवारी बताते हैं कि, यह कार 60 किलोमीटर की रफ्तार से एक बार में 80 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. इनकी क्षमता 80 से 200 किलोमीटर तक करने पर काम किया जा रहा है.

मजह 92 हजार में तैयार हुई कार

यूनियवर्सिटी के प्राचार्य ने बताया कि, कार सोलर और विद्युत ऊर्जा से चलेगी. यदि सौर ऊर्जा से बैटरी चार्ज ना हो, तो इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है. इसकी कुल लागत लगभग 92 हजार के करीब है, जो किऑटोमोबाइल सेक्टर में सराहनीय प्रयास है. मुकेश तिवारी ने बताया कि, 'हम सोशल एक्टिविटी से रिलेटेड ऐसी इनोवेशन कर पाए हैं, जिससे आम जनता को फायदा हो सके. ईधन पहले की तुलना में कम होता जा रहा है और उसकी कीमत लगातर बढ़ती जा रही है. जो कि इंडियन सोसायटी के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमें ऑप्शन ढूढना था, इसलिए हमने आटोमोबाइल सेक्टर में सबसे पहले चुना'.

450 किलोग्राम वजन

इको फ्रेंडली कार बनाने के उद्देश्य से बनाई हमने मारुति को एडिटेस्टिंग में लिया. मारुति के इंजन को निकालकर उसमे सोलर पैनल और बिन डीसी मोटर के इंस्टॉल किया. कार का वजम 450 किलो ग्राम है, जिसे कम कर 200 किलोग्राम तक लाने पर काम किया जा रहा है. वहीं चार पैसेंजर के साथ इस कार की लागत 92 हजार है, जिसे 70-75 हजार तक लाने के लिए काम किया जा रहा है. साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि, कार एक बार में 200 किलोमीटर तक सफर कर सके.

20 दिनों में तैयार हुई इको फैंडली कार

इको फ्रेंडली कार को लेकर प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने बताया कि, बारिश के दिनों ने यदि सोलर पैनल चार्ज नहीं होता है, तो इसमें बैट्री पिकअप भी दिया है. जिससे हम बिजली से चार्ज कर चला सकते हैं.

सीहोर। सत्यसांई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने एक ऐसी कार इजाद की है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण प्रदुषित होने से बचाया जा सकेगा, बल्कि इधन की भी बचत होगी. सौर ऊर्जा से चलने वाली यह कार महज 92 हजार की लागत में बनी है. सत्यसांई प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभाग के संयुक्त प्रयास से यह सोलर ई-कार तैयार की गई है.

सोलर ई-कार

पर्यावरण के बढ़ते संकट को लेकर पूरी दुनिया परेशान है. पर्यावरणविदों से लेकर बच्चे तक इसे बचाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने भाषण से नेताओं को हिलाकर रख दिया था. आज हर कोई पर्यावरण को लेकर चिंता जाहिर कर रहा है.

एक बार में 80 किलोमीटर तक करेगी सफर

प्रोफेसर मुकेश कुमार की बनाई हुई इस कार में पेट्रोल, डीजल और ऑयल की जरूरत नहीं होगी. यह कार सौर ऊर्जा से चलेगी. मुकेश तिवारी बताते हैं कि, यह कार 60 किलोमीटर की रफ्तार से एक बार में 80 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. इनकी क्षमता 80 से 200 किलोमीटर तक करने पर काम किया जा रहा है.

मजह 92 हजार में तैयार हुई कार

यूनियवर्सिटी के प्राचार्य ने बताया कि, कार सोलर और विद्युत ऊर्जा से चलेगी. यदि सौर ऊर्जा से बैटरी चार्ज ना हो, तो इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है. इसकी कुल लागत लगभग 92 हजार के करीब है, जो किऑटोमोबाइल सेक्टर में सराहनीय प्रयास है. मुकेश तिवारी ने बताया कि, 'हम सोशल एक्टिविटी से रिलेटेड ऐसी इनोवेशन कर पाए हैं, जिससे आम जनता को फायदा हो सके. ईधन पहले की तुलना में कम होता जा रहा है और उसकी कीमत लगातर बढ़ती जा रही है. जो कि इंडियन सोसायटी के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमें ऑप्शन ढूढना था, इसलिए हमने आटोमोबाइल सेक्टर में सबसे पहले चुना'.

450 किलोग्राम वजन

इको फ्रेंडली कार बनाने के उद्देश्य से बनाई हमने मारुति को एडिटेस्टिंग में लिया. मारुति के इंजन को निकालकर उसमे सोलर पैनल और बिन डीसी मोटर के इंस्टॉल किया. कार का वजम 450 किलो ग्राम है, जिसे कम कर 200 किलोग्राम तक लाने पर काम किया जा रहा है. वहीं चार पैसेंजर के साथ इस कार की लागत 92 हजार है, जिसे 70-75 हजार तक लाने के लिए काम किया जा रहा है. साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि, कार एक बार में 200 किलोमीटर तक सफर कर सके.

20 दिनों में तैयार हुई इको फैंडली कार

इको फ्रेंडली कार को लेकर प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने बताया कि, बारिश के दिनों ने यदि सोलर पैनल चार्ज नहीं होता है, तो इसमें बैट्री पिकअप भी दिया है. जिससे हम बिजली से चार्ज कर चला सकते हैं.

Intro:सीहोर- यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने बनाई सोलर ई-कार,

- ईधन की बचत और पर्यावरण के उद्देश्य से बचाने बनाई कार,

- एक बार चार्ज करने पर 60 से 80 किलो मीटर चलती है कार,

- पेट्रोल डीजल ऑइल की जरूरत नही सौर ऊर्जा से चलेगी कार,

- कार की लागत 92 हजार रुपए,

- श्री सत्यसांई यूनिवसिर्टी के प्रॉफेसर ने बनाई कार,

-मारुती कार पर लगाई गई है सोलर पैनल,
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बाईट-मुकेश तिवारी, यूनिवर्सिटी प्राचार्य
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सीहोर-ईधन की बचत और पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य श्री सत्यसांई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक ऐसी कार इजाद की है । जिसे पेट्रोल डीजल और ऑयल की जरूरत नहीं होगी यह कार सौर ऊर्जा से चलेगी।

- कार सवार यात्रियों को यह कार 60 किलोमीटर की रफ्तार से एक बार में 80 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। इनकी क्षमता 80 से 200 किलोमीटर तक करने का काम किया जा रहा है। इसकी शुरुआती लागत 95 हजार 200 है। सत्यसांई प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभाग के संयुक्त प्रयास से एक सोलर ई-कार तैयार की गई।

Body:- यूनियवर्सिटी के प्राचार्य ने बताया कि कार सोलर और विद्युत ऊर्जा के माध्यम से चलेगी। यदि सौर ऊर्जा से बैटरी चार्ज ना हो तो इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है। इसकी कुल लागत लगभग 92 हजार के करीब है जो किऑटोमोबाइल सेक्टर में सराहनीय प्रयास है।

- मुकेश तिवारी यूनिवर्सिटी प्राचार्य ने मीडिया से चर्चा कर कंहा की हम सोशल एक्टिविटी से रिलेटेड ऐसी इनोवेशन कर पाए जिससे आम जनता को फायदा होसके। ईधन पहले की तुलना में कम होता जारहा है और उसकी कीमत लगातर बढ़ती जारही है। इंडियन सोसायटी के लिए खतरनाक साबित होरहा है। इसके लिए हमें ऑप्शन ढूढना आवयश्क था। इसलिए हमने आटोमोबाइल सेक्टर में सबसे पहले चुना। इस कार को ऐसा करे जो इन्वार मेंडली जो ज्यादा घातक न हो। इस कारण हमने मारुति को एडिटेस्टिंग में लिया।

- मारुति के इंजन को निकालकर उसमे सोलर पैनल बिन बीसी मोटर का इंस्टॉल किया। इससे कार की वेट 450,KG है इसको हम कम करके 200 तक लाएंगे। अभी एक बार चार्ज होने में लगभग 80 किलोमीटर तक चल सकती है चार पैसेंजर के साथ इसकी कीमत 92 हजार पड़ रही है जिसको 70-75 लेकर आएंगे और 200 किलो मीटर तक चल सके। यदि बारिश होने की स्थिति में सोलर पैनल चार्ज नही होता है तो हमने उसमे बैटरी पिकप भी दिया हुआ है बैटरी की चार्ज करके चला सकते है। इसको बनाने में हमे अधिकतम 20 दिन का समय लगा।Conclusion:
Last Updated : Jan 22, 2020, 11:23 AM IST
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