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शव वाहन से लेकर चिता की लकड़ी तक कराई जा रही मुहैया, कोरोना काल में नहीं थमा मदद का कारवां

भोपाल में नगर निगम और सामाजिक संस्था ने कोरोना काल में उन लोगों की मदद का कारवां जारी रखा है जो अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं या उनके पास शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं है. महामारी के काल में भी लोगों की मदद के लिए आगे बढ़े हाथ पीछे नहीं हटे. पढ़ें पूरी खबर...

free vehicle for dead bodies
मदद का कारवां
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Published : Sep 15, 2020, 3:12 PM IST

भोपाल। शास्त्रों के मुताबिक यदि व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि पूर्वक ना किया जाए तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती. यही वजह है कि किसी भी शख्स का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से कराया जाता है. लेकिन एक छोटे से कोरोना वायरस के डर की वजह से इस साल ऐसी कई मार्मिक तस्वीरें सामने आई, जहां देखा गया है लोग अपने करीबी की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशान हुए. लोगों ने उनके हालात देखे उसके बावजूद उनकी मदद करने कोई भी आगे नहीं आया है. लेकिन राजधानी भोपाल का नगर निगम और कई सामाजिक संस्थाएं इस महामारी के दौर में भी निरंतर लोगों की मदद करती रहीं.

मदद का कारवां

नगर निगम और सामाजिक संस्था आईं आगे

कोरोना काल में हुई व्यक्तियों के परिवार की मदद के लिए जहां नगर निगम लगातार फ्री में शव वाहन उपलब्ध करा रहा है, वहीं शहर की कई ऐसी सामाजिक संस्थाएं हैं जो कि शव वाहन के साथ-साथ अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और आर्थिक सहायता मुहैया कर रहा है.

15 सालों से जारी है कारवां

शहर में करीब पिछले 15 सालों से जनसंवेदना कल्याण संस्था महानगर में लावारिस लाशों और गरीब व्यक्ति जो कि अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ्य है, उसका अंतिम संस्कार जन भागीदारी से करती आ रही है. यहां लावारिस लाशों को कफन देकर दफनाया जाता है और गरीब परिवार के मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही आर्थिक मदद भी की जाती है.

संस्था की गाड़ियां फ्री में दाह संस्कार के लिए मृतकों को शमशान घाट भी ले जाती हैं. लोगों को संस्था की मदद मिल सके इसके लिए संस्था ने श्मशान घाट स्थलों में फ्लेक्स लगाए हैं जिसमें मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर हैं.

कोरोना काल में मदद के लिए आए आगे

सामाजिक संस्था जनसंवेदना कल्याण के संथापक राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि कोरोना काल में 24 मार्च से लेकर अब तक हमारी संस्था करीब 175 से ज्यादा लोगों की आर्थिक सहायता कर उनका अंतिम संस्कार करा चुकी है. वहीं पिछले 15 सालों से करीब 6000 से ज्यादा लावारिस लाशों को दफनाया है गया है.

इस नंबर पर करें संपर्क
भोपाल नगर निगम के PRO प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि नगर निगम भोपाल द्वारा अस्पताल से मृतक के शरीर को घर तक लाने और घर से श्मशान स्थल तक पहुंचाने के लिए निशुल्क शव वाहन की व्यवस्था की गई है. यह व्यवस्था सभी नागरिकों के लिए निशुल्क है. वर्तमान में नगर निगम के 10 शांति वाहन हैं, जो यह सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. कोई भी व्यक्ति 0755-2542222 और 1012701401 नंबर पर कॉन्टेक्ट कर निशुल्क शव वाहन के लिए कह सकता है. वहीं एक वाहन कोलार में ड्यूटी पर लगा रखा है. भोपाल के फतेहगढ़ में स्थित सेंटर में जब फोन आता है तो कॉर्डिनेट कर वाहन क्षेत्र तक वाहन पहुंचाया जाता है.

ये भी पढ़ें- ग्वालियर: चंबल उपचुनाव में कंगना रनौत की एंट्री, कांग्रेस ने किया आमंत्रित
बता दें, कोरोना काल में लोगों को काम ना मिलने के कारण कई ऐसे मामले सामने आए थे, जहां पर लोग अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने तक के लिए समर्थ नहीं थे. वहीं कोरोना वायरस के डर के कारण न तो लोगों को शव वाहन मुहैया हुआ और न ही अर्थी के लिए कंधा नसीब हुआ. ऐसे ही असक्षम लोगों की मदद के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं और नगर निगम ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया.

भोपाल। शास्त्रों के मुताबिक यदि व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि पूर्वक ना किया जाए तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती. यही वजह है कि किसी भी शख्स का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से कराया जाता है. लेकिन एक छोटे से कोरोना वायरस के डर की वजह से इस साल ऐसी कई मार्मिक तस्वीरें सामने आई, जहां देखा गया है लोग अपने करीबी की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशान हुए. लोगों ने उनके हालात देखे उसके बावजूद उनकी मदद करने कोई भी आगे नहीं आया है. लेकिन राजधानी भोपाल का नगर निगम और कई सामाजिक संस्थाएं इस महामारी के दौर में भी निरंतर लोगों की मदद करती रहीं.

मदद का कारवां

नगर निगम और सामाजिक संस्था आईं आगे

कोरोना काल में हुई व्यक्तियों के परिवार की मदद के लिए जहां नगर निगम लगातार फ्री में शव वाहन उपलब्ध करा रहा है, वहीं शहर की कई ऐसी सामाजिक संस्थाएं हैं जो कि शव वाहन के साथ-साथ अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और आर्थिक सहायता मुहैया कर रहा है.

15 सालों से जारी है कारवां

शहर में करीब पिछले 15 सालों से जनसंवेदना कल्याण संस्था महानगर में लावारिस लाशों और गरीब व्यक्ति जो कि अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ्य है, उसका अंतिम संस्कार जन भागीदारी से करती आ रही है. यहां लावारिस लाशों को कफन देकर दफनाया जाता है और गरीब परिवार के मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही आर्थिक मदद भी की जाती है.

संस्था की गाड़ियां फ्री में दाह संस्कार के लिए मृतकों को शमशान घाट भी ले जाती हैं. लोगों को संस्था की मदद मिल सके इसके लिए संस्था ने श्मशान घाट स्थलों में फ्लेक्स लगाए हैं जिसमें मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर हैं.

कोरोना काल में मदद के लिए आए आगे

सामाजिक संस्था जनसंवेदना कल्याण के संथापक राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि कोरोना काल में 24 मार्च से लेकर अब तक हमारी संस्था करीब 175 से ज्यादा लोगों की आर्थिक सहायता कर उनका अंतिम संस्कार करा चुकी है. वहीं पिछले 15 सालों से करीब 6000 से ज्यादा लावारिस लाशों को दफनाया है गया है.

इस नंबर पर करें संपर्क
भोपाल नगर निगम के PRO प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि नगर निगम भोपाल द्वारा अस्पताल से मृतक के शरीर को घर तक लाने और घर से श्मशान स्थल तक पहुंचाने के लिए निशुल्क शव वाहन की व्यवस्था की गई है. यह व्यवस्था सभी नागरिकों के लिए निशुल्क है. वर्तमान में नगर निगम के 10 शांति वाहन हैं, जो यह सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. कोई भी व्यक्ति 0755-2542222 और 1012701401 नंबर पर कॉन्टेक्ट कर निशुल्क शव वाहन के लिए कह सकता है. वहीं एक वाहन कोलार में ड्यूटी पर लगा रखा है. भोपाल के फतेहगढ़ में स्थित सेंटर में जब फोन आता है तो कॉर्डिनेट कर वाहन क्षेत्र तक वाहन पहुंचाया जाता है.

ये भी पढ़ें- ग्वालियर: चंबल उपचुनाव में कंगना रनौत की एंट्री, कांग्रेस ने किया आमंत्रित
बता दें, कोरोना काल में लोगों को काम ना मिलने के कारण कई ऐसे मामले सामने आए थे, जहां पर लोग अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने तक के लिए समर्थ नहीं थे. वहीं कोरोना वायरस के डर के कारण न तो लोगों को शव वाहन मुहैया हुआ और न ही अर्थी के लिए कंधा नसीब हुआ. ऐसे ही असक्षम लोगों की मदद के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं और नगर निगम ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया.

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