भोपाल। कर्फ्यू के आदेश और सख्त पुलिस व्यवस्था के बावजूद शहर में अवैध शराब की आपूर्ति के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. कोरोना कर्फ्यू के दौरान मार्च माह की तुलना में अप्रैल माह में कुल अपराधों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालांकि हत्या, हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे बड़े अपराधों की संख्या में कमी आई है.
- मार्च से अधिक अप्रैल में किए गए मामले दर्ज
पुलिस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार मार्च में शहर में कुल 1,658 अपराध के मामले दर्ज किए गए और अप्रैल में यह बढ़कर 2,926 मामले हो गए. 20 मार्च को रात के कर्फ्यू की शुरुआत हुई और अप्रैल में शहर में कोरोना कर्फ्यू लागू कर दिया गया. कर्फ्यू के बावजूद अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इस माह में चोरी के 18 मामले, और वाहन उठाने के 14 मामले सहित 29 चोरी के मामले सामने आए हैं. यह स्थिति चिंता का विषय है क्योंकि शहर में कोरोना कर्फ्यू को लागू करने के लिए पुलिस हाई अलर्ट पर है. अप्रैल में दो हत्या के मामले दर्ज किए गए जबकि शहर में मई में अब तक चार हत्याएं हुई हैं. कर्फ्यू के आदेश और सख्त पुलिस व्यवस्था के बावजूद शहर की पुलिस ने हर दिन अवैध शराब की तस्करी के औसतन 20 से अधिक मामले मामले दर्ज किए हैं.
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- महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं हुई कम
पिछले चार महीनों के दौरान मार्च के महीने में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. मार्च में 63 छेड़छाड़ के मामले जबकि 37 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे. इस माह में महिलाओं पर हमले के 159 मामले दर्ज किए गए. अप्रैल के महीने में मामलों में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल के दौरान छेड़छाड़ के 30 मामले और बलात्कार के 21 मामले दर्ज किए गए. अप्रैल माह के दौरान महिलाओं पर हमले के मामलों में भी कमी आई. जिसमें 107 मामले सामने आए. मई में बुधवार तक शहर में दुष्कर्म के पांच मामले और छेड़छाड़ के 11 मामले सामने आए. एसपी साउथ साईं कृष्णा एस थोटा ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान पिछले सामान्य महीनों की तुलना में अपराध दर में गिरावट आई है. उन्होंने स्वीकार किया कि इस कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपराध दर पिछले साल पुलिस द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन से अधिक थी.