भोपाल। पोल कैश मामले में एसआईटी ने आयकर विभाग से मिली रिपोर्ट का पूरा अध्ययन कर लिया है. 904 पन्नों के दस्तावेजों का ईओडब्ल्यू की एसआईटी ने परीक्षण किया है. माना जा रहा है कि अब जल्द ही चारों पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है.
हो सकती है आईपीएस अधिकारियों से पूछताछ
पोल कैश मामले में आयकर विभाग से मिली रिपोर्ट के अध्ययन के बाद अब जल्द ही ईओडब्ल्यू( EOW) 3 आईपीएस अधिकारियों और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी पर शिकंजा कस सकती है. एसआईटी(SIT) की टीम ने आयकर विभाग से मिले 904 पन्नों के पुलिंदे का बारीकी से अध्ययन किया है. माना जा रहा है कि अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए एसआईटी इस मामले में फंसे चारों पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है. आयकर विभाग से जो रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को मिली है. उस आधार पर ईओडब्ल्यू की टीम काले धन के लेनदेन को लेकर इन अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी की आखिर काले धन के लेन-देन में इन अधिकारियों ने किस तरह से ट्रांजैक्शन किए हैं और क्या भूमिका निभाई है.
निजी वाहन से दिल्ली रुपये पहुंचाने का है आरोप
बताया जा रहा है कि 3 आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार समेत राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा ने मध्य प्रदेश में हुए साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान अपने निजी वाहनों से भोपाल से दिल्ली करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया है. आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें साफ तौर पर आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी के नाम के आगे 25 लाख रुपये की राशि लिखी हुई है.
इसी तरह आईपीएस अधिकारी संजय माने के नाम के आगे 30 लाख रुपए की राशि लिखी हुई है. तो वहीं आईपीएस अफसर वी मधुकुमार के नाम के सामने 12.50 करोड़ और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा के नाम के आगे 7.5 करोड़ रुपये की राशि लिखी हुई है. आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी अधिकारियों ने भोपाल से दिल्ली यह रुपये पहुंचाए हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज कंप्यूटर और फाइलें जप्त की थी. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद किए गए थे.
जब आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत आयकर विभाग के हाथ लगे जिसके बाद आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जिस पर चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए. चुनाव आयोग के आदेशों पर अब इस मामले में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर एसआईटी का गठन कर दिया है.