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हनीट्रैप मामले में गठित एसआईटी में फिर हुआ बदलाव, अब राजेंद्र कुमार को मिली कमान

हनी ट्रैप मामले में जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच दल (एसआईटी) को तीसरी बार बदल दिया. एसआईटी प्रमुख से संजीव शमी को हटाकर अब राजेंद्र कुमार को नियुक्त किया गया है.

सीएम कमनलाथ फाइल फोटो
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Published : Oct 2, 2019, 2:12 AM IST

भोपाल। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में एक बार फिर बदलाव किया गया है. संजीव शमी को एसआईटी चीफ से हटाकर स्पेशल डीजी साइबर राजेंद्र कुमार को एसआईटी की कमान सौंपी गई है, जबकि एडीजी साइबर मिलिंद कांसकर और इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है.

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ये बदलाव मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा हनी ट्रेप मामले में पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद हुआ है. अब इस पूरे मामले की जांच सायबर सेल में भेजे गए स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार के नेतृत्व में होगी. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. एसआईटी प्रमुख जरूरत के हिसाब से मामले में दूसरे अधिकारियों की मदद ले सकेंगे.

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सीएम कमलनाथ द्वारा एक दिन पहले बुलाई गई बैठक में पूरे मामले को लेकर सख्त नाराजगी जताई थी. मुख्यमंत्री ने हनी ट्रैप मामले के उजागर होने के पहले इसकी एटीएस द्वारा जांच किए जाने पर भी सवाल उठाए थे. जिसके बाद ये बदलाव हुए और इसे मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को हटाया, मामले से डीजीपी भी रहेंगे दूर
विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को सायबर सेल से हटाकर संचालक लोक अभियोजन संचालनालय बनाया है. वहीं 1985 बैच के सीनियर अफसर राजेन्द्र कुमार को सायबर सेल में स्पेशल डीजी बनाया गया है. वहीं एडीजी संजीव शमी को काउंटर इंटेलीजेंस और एटीएस से हटाकर चयन एवं भर्ती में भेजा गया है. हनी ट्रैप मामले में नियमों से हटकर एटीएस द्वारा की गई सर्विलेंस को इसके लिए वजह माना जा रहा है.

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ईओडब्ल्यू से हटाए गए केन एन तिवारी
सरकार ने ई-टेंडर और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विष्वविद्यालय, सिंहस्थ जैसे मामलों की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के स्पेशल डीजी केएन तिवारी को हटाकर स्पेशल डीजी चयन एवं भर्ती बनाया है.. माना जा रहा है कि सरकार उनकी कार्यप्रणाली से नाखुश है. इसकी एक वजह मीडिया को की जा रही ब्रीफिंग को भी माना जा रहा है.

इन अधिकारियों की बदली पदस्थापना
परिवहन विभाग में लंबे समय से डटे शैलेन्द्र श्रीवास्तव को हटाकर पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया है. पुलिस मुख्यालय में करीब 5 सालों से योजना का काम देख रहे एडीजी पवन कुमार जैन को लोकायुक्त एडीजी बनाया गया है, एडीजी सुशोभन बैनर्जी को ईओडब्ल्यू का प्रभारी डीजी बनाया गया है. पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशासन एसडब्ल्यू नकवी को एडीजी इंटेलीजेंस बनाया गया है.

भोपाल की कमान एडीजी कटियार के हाथ
प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सरकार ने एडीजी स्तर के अधिकारी को आईजी बनाया गया है. आईजी योगेश देशमुख को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है. अब एडीजी आदर्श कटियार भोपाल की कमान संभालेंगे, बता दें कि इंदौर में पहले ही एडीजी स्तर के अधिकार कमान संभाल रहे हैं.

भोपाल। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में एक बार फिर बदलाव किया गया है. संजीव शमी को एसआईटी चीफ से हटाकर स्पेशल डीजी साइबर राजेंद्र कुमार को एसआईटी की कमान सौंपी गई है, जबकि एडीजी साइबर मिलिंद कांसकर और इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है.

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ये बदलाव मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा हनी ट्रेप मामले में पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद हुआ है. अब इस पूरे मामले की जांच सायबर सेल में भेजे गए स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार के नेतृत्व में होगी. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. एसआईटी प्रमुख जरूरत के हिसाब से मामले में दूसरे अधिकारियों की मदद ले सकेंगे.

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सीएम कमलनाथ द्वारा एक दिन पहले बुलाई गई बैठक में पूरे मामले को लेकर सख्त नाराजगी जताई थी. मुख्यमंत्री ने हनी ट्रैप मामले के उजागर होने के पहले इसकी एटीएस द्वारा जांच किए जाने पर भी सवाल उठाए थे. जिसके बाद ये बदलाव हुए और इसे मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को हटाया, मामले से डीजीपी भी रहेंगे दूर
विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को सायबर सेल से हटाकर संचालक लोक अभियोजन संचालनालय बनाया है. वहीं 1985 बैच के सीनियर अफसर राजेन्द्र कुमार को सायबर सेल में स्पेशल डीजी बनाया गया है. वहीं एडीजी संजीव शमी को काउंटर इंटेलीजेंस और एटीएस से हटाकर चयन एवं भर्ती में भेजा गया है. हनी ट्रैप मामले में नियमों से हटकर एटीएस द्वारा की गई सर्विलेंस को इसके लिए वजह माना जा रहा है.

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ईओडब्ल्यू से हटाए गए केन एन तिवारी
सरकार ने ई-टेंडर और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विष्वविद्यालय, सिंहस्थ जैसे मामलों की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के स्पेशल डीजी केएन तिवारी को हटाकर स्पेशल डीजी चयन एवं भर्ती बनाया है.. माना जा रहा है कि सरकार उनकी कार्यप्रणाली से नाखुश है. इसकी एक वजह मीडिया को की जा रही ब्रीफिंग को भी माना जा रहा है.

इन अधिकारियों की बदली पदस्थापना
परिवहन विभाग में लंबे समय से डटे शैलेन्द्र श्रीवास्तव को हटाकर पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया है. पुलिस मुख्यालय में करीब 5 सालों से योजना का काम देख रहे एडीजी पवन कुमार जैन को लोकायुक्त एडीजी बनाया गया है, एडीजी सुशोभन बैनर्जी को ईओडब्ल्यू का प्रभारी डीजी बनाया गया है. पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशासन एसडब्ल्यू नकवी को एडीजी इंटेलीजेंस बनाया गया है.

भोपाल की कमान एडीजी कटियार के हाथ
प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सरकार ने एडीजी स्तर के अधिकारी को आईजी बनाया गया है. आईजी योगेश देशमुख को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है. अब एडीजी आदर्श कटियार भोपाल की कमान संभालेंगे, बता दें कि इंदौर में पहले ही एडीजी स्तर के अधिकार कमान संभाल रहे हैं.

Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा हनी ट्रेप मामले में पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद पुलिस के आला अधिकारियों की पदस्थापना में बदलाव किया है, साथ ही हनी ट्रेप मामले में एक नई एसआईटी का गठन किया गया है। अब इस पूरे मामले की जांच सायबर सेल में भेजे गए स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार के नेतृत्व में होगी। उनके अलावा सायबर सेल एडीजी बनाए गए मिलिन्द्र कानस्कर और इंदौर एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र एसआईटी में होंगी। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। एसआईटी प्रमुख जरूरत के हिसाब से मामले में दूसरे अधिकारियों की मदद ले सकेंगे।

Body:सीएम कमलनाथ द्वारा एक दिन पहले बुलाई गई बैठक में पूरे मामले को लेकर सख्त नाराजगी जताई थी। मुख्यमंत्री ने हनी ट्रेप मामले के उजागर होने के पहले इसकी एटीएस द्वारा जांच किए जाने पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि एटीएस का काम आतंक विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने की थी, फिर इस मामले की जांच क्यों की। मुख्यमंत्री ने स्पेशल डीजी पुरूषोत्तम शर्मा और डीजीपी वीके सिंह के विवाद पर भी सख्त नाराजगी जताई थी। बैठक के एक दिन बाद पुलिस मुख्यालय में हुए बदलाव को मुख्यमंत्री की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को हटाया, मामले से डीजीपी भी रहेंगे दूर
विवाद के बाद पुरूषोत्तम शर्मा को सायबर सेल से हटाकर संचालक लोक अभियोजन संचालनालय बनाया है। वहीं 1985 बैच के सीनियर अफसर राजेन्द्र कुमार को सायबर सेल में स्पेशल डीजी बनाया गया है। वहीं एडीजी संजीव शमी को काउंटर इंटेलीजेंस और एटीएस से हटाकर चयन एवं भर्ती में भेजा गया है। हनी ट्रेप मामले में नियमों से हटकर एटीएस द्वारा की गई सर्विलेंस को इसके लिए वजह माना जा रहा है। सरकार ने ई-टेंडर और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विष्वविद्यालय, सिंहस्थ जैसे मामलों की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के स्पेशल डीजी केएन तिवारी को हटाकर स्पेशल डीजी चयन एवं भर्ती बनाया गया। माना जा रहा है कि सरकार उनकी कार्यप्रणाली से नाखुश है। इसकी एक वजह मीडिया को की जा रही ब्रीफिंग को भी माना जा रहा है। परिवहन विभाग में लंबे समय से डटे शैलेन्द्र श्रीवास्तव को हटाकर पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय में करीब 5 सालांे से योजना का काम देख रहे एडीजी पवन कुमार जैन को लोकायुक्त एडीजी बनाया गया है। एडीजी सुशोभन बैनर्जी को ईओडब्ल्यू का प्रभारी डीजी बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशासन एस.डब्ल्यू नकवी को एडीजी इंटेलीजेंस बनाया गया है।

भोपाल की कमान एडीजी कटियार के हाथ
प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सरकार ने एडीजी स्तर के अधिकारी को आईजी बनाया गया है। आईजी योगेश देशमुख को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है। वहीं अब एडीजी आदर्श कटियार भोपाल की कमान संभालेंगे। इंदौर में पहले ही एडीजी स्तर के अधिकार कमान संभाल रहे हैं।
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