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विश्व पर्यावरण दिवसः भोपाल के बाघों को बचाने के लिए किया मौन प्रदर्शन

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भोपाल में हो रही अवैध कटाई और शेरों के संरक्षण के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मौन प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया . प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि भोपाल के जंगलों में की जा रही पेड़ों की कटाई और जंगल में लगातार आग लगने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाये.

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Published : Jun 5, 2019, 7:16 AM IST

मौन प्रदर्शन करता संगठन

भोपाल। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण के लिये कई कार्यक्रम और आंदोलन किये जा रहे हैं, इसी के चलते राजधानी भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बाघों को बचाने के लिये मौन प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों ने कहा कि लगातार जंगलों को हो रहे नुकसान के चलते बाघों का जीवन खतरे में है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक जुट होकर बाघों को बचाने की अपील की है.

सामाजिक कार्यकर्ता राशिद नूर खान का कहना है कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम केवल भोपाल के जंगलों में रह रहे उन बाघों को बचाने की अपील कर रहे हैं, जिनका जीवन अब संकट की स्थिति में आ चुका है, क्योंकि कलियासोत और केरवा के जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन क्षेत्रों में अवैध रूप से सड़क बनाने का काम किया जा रहा है, साथ ही लोग यहां पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. यदि ऐसा होता है तो फिर जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और इन बाघों को रहने के लिए जगह ही नहीं मिलेगी.

मौन प्रदर्शन करता संगठन


उन्होंने कहा कि इस समय राजधानी के जंगलों में 17 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं जो हमारे लिए गौरव की बात है लेकिन वन विभाग जंगलों में हो रही अवैध कटाई और लगातार की जा रही आग लगाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुआ है हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन शेरों को बचाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही बाघ भ्रमण क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि कानूनी रूप से भी यह पूरी तरह गलत है.

भोपाल। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण के लिये कई कार्यक्रम और आंदोलन किये जा रहे हैं, इसी के चलते राजधानी भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बाघों को बचाने के लिये मौन प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों ने कहा कि लगातार जंगलों को हो रहे नुकसान के चलते बाघों का जीवन खतरे में है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक जुट होकर बाघों को बचाने की अपील की है.

सामाजिक कार्यकर्ता राशिद नूर खान का कहना है कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम केवल भोपाल के जंगलों में रह रहे उन बाघों को बचाने की अपील कर रहे हैं, जिनका जीवन अब संकट की स्थिति में आ चुका है, क्योंकि कलियासोत और केरवा के जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन क्षेत्रों में अवैध रूप से सड़क बनाने का काम किया जा रहा है, साथ ही लोग यहां पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. यदि ऐसा होता है तो फिर जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और इन बाघों को रहने के लिए जगह ही नहीं मिलेगी.

मौन प्रदर्शन करता संगठन


उन्होंने कहा कि इस समय राजधानी के जंगलों में 17 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं जो हमारे लिए गौरव की बात है लेकिन वन विभाग जंगलों में हो रही अवैध कटाई और लगातार की जा रही आग लगाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुआ है हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन शेरों को बचाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही बाघ भ्रमण क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि कानूनी रूप से भी यह पूरी तरह गलत है.

Intro:पर्यावरण दिवस पर शेरों को बचाने के लिए किया मौन प्रदर्शन


भोपाल | विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भोपाल में हो रही अवैध कटाई और शेरों के संरक्षण के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा मौन प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया गया प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि राजधानी भोपाल के जंगलों में की जा रही पेड़ों की कटाई और असामाजिक तत्वों के द्वारा जंगल में लगातार आग लगाए जाने से बाघ और शेरों के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं ऐसी स्थिति में सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए . बोर्ड ऑफिस चौराहे पर हुए इस मौन प्रदर्शन में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक जुट होकर बाघों को बचाने की अपील की है .


Body:सामाजिक कार्यकर्ता राशिद नूर खान का कहना है कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम केवल भोपाल के जंगलों में रह रहे उन बाघों को बचाने की अपील कर रहे हैं जिनका जीवन अब संकट की स्थिति में आ चुका है क्योंकि राजधानी के कलियासोत और केरवा के जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जा रही है साथ ही इन क्षेत्रों में अवैध रूप से सड़क बनाने का काम किया जा रहा है साथ ही लोग यहां पर बड़ी बड़ी बिल्डिंग है बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं यदि ऐसा होता है तो फिर जंगल पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और इन बाघों को रहने के लिए जगह ही नहीं मिलेगी .


उन्होंने कहा कि इस समय राजधानी के जंगलों में 17 से ज्यादा बाघ मौजूद है जो हमारे लिए गौरव की बात है लेकिन वन विभाग जंगलों में हो रही अवैध कटाई और लगातार की जा रही आग लगाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुआ है हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन शेरों को बचाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए साथ ही बाघ भ्रमण क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए . क्योंकि कानूनी रूप से भी यह पूरी तरह गलत है .


Conclusion:बता दें कि राजधानी के जंगलों में इस समय 17 शेरों का एक बड़ा कुनबा निवास कर रहा है लेकिन धीरे-धीरे इन जंगलों पर रसूखदारो की नजर पड़ रही है और लगातार अवैध रूप से जमीनों पर कब्जा भी किया जा रहा है साथ ही जंगल के बीच से कुछ लोगों के द्वारा रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है इसी के तहत जंगलों में हजारों पेड़ों की कटाई भी अवैध रूप से की गई है जो कुछ दिनों पहले ही प्रकाश में आई थी . पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासन काल के समय भी केरवा डैम के पास 100 एकड़ इलाके में गोल्फ कोर्स बनाने का प्रस्ताव लाया गया था . पूर्व राज्य सरकार ने केरवा डैम के पास जमीन की मंजूरी भी दे दी थी . लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही कमलनाथ सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था .

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