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UPSC में भोपाल की सृष्टि ने देश में पाया 5वां स्थान, कहा- सोशल मीडिया से बनाई दूरी तब हासिल किया ये मुकाम - upsc toper

यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंकिंग में 5वां स्थान हासिल करने वाली भोपाल की सृष्टि देशमुख ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि लगातार मेहनत आपको सफलता तक ले जाती है.

सृष्टि देशमुख, यूपीएससी टॉपर
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Published : Apr 6, 2019, 4:13 AM IST

Updated : Apr 6, 2019, 4:34 AM IST

भोपाल। देश की सर्वोच्च परीक्षा यानी कि यूपीएससी (Union public service commission) में राजधानी की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया रैंकिंग में पांचवा स्थान हासिल किया है. सृष्टि की इस सफलता ने न केवल उनके माता-पिता बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. उनकी इस कामयाबी पर उनके माता-पिता खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि आज उन्हें ऐसा लग रहा है, जैसे ये कोई सपना हो.


परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही सृष्टि के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. वहीं उनके घर पर दीपावली जैसा माहौल बना हुआ है, बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं और रिश्तेदार उन्हें बधाई दे रहे हैं. सृष्टि ने बचपन से ही भोपाल में पढ़ाई की है, शुरुआती शिक्षा एक प्राइवेट स्कूल से प्राप्त की है तो वहीं प्राइवेट कॉलेज से ही आगे की पढ़ाई कर भी रही हैं. सृष्टि की इस कामयाबी के पीछे की कहानी उन्होंने 'ईटीवी भारत' से साझा की है.

परिजनों के साथ सृष्टि देशमुख


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सृष्टि ने बताया कि उनकी बचपन से ही पढ़ाई में खास रुचि है और यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की है. वो खुद इस बात से शॉक्ड हैं कि उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी एग्जाम को पास कर लिया है, वो भी देश में पांचवे स्थान के साथ. उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों एवं माता-पिता को दिया है.


'सोशल मीडिया लक्ष्य से भटकाता है इसलिए बना ली थी दूरी'
सृष्टि का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा एक लंबी यात्रा के समान है, जहां आपको एक से डेढ़ साल तक लगातार पढ़ाई करनी पड़ती है. उनका कहना है कि मेरे परिजनों, दोस्तों और शिक्षकों ने मुझे पूरा सहयोग किया है इसलिए इस कामयाबी का श्रेय भी उन्हें ही जाना चाहिए. उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि पहला प्रयास ही अंतिम प्रयास होगा, यही कारण था कि ये परीक्षा पहले प्रयास में ही पास करना मेरा लक्ष्य था. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया यानी फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम से पूरी तरह दूरी बना ली थी. उनका मानना है कि इस तरह की चीजों से हम अपने लक्ष्य से भटकते हैं.


लगातार मेहनत से मिलती है सफलता, सकारात्मक पहलुओं पर दें ज्यादा ध्यानः सृष्टि
यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई का समय तय कर लिया था. इस दौरान वे किसी भी काम को नहीं करती थीं. यही वजह रही है कि उन्हें यह सफलता हासिल हो सकी है. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. यदि किसी कार्य में आपको सफलता मिलती है, तो उस पर लगातार काम करते रहना चाहिए क्योंकि जब आप लगातार काम करेंगे तो सफलता आपको जरूर मिलेगीं. लेकिन, काम की असफलता से निराशा नहीं होनी चाहिए, कोई भी व्यक्ति हो उसे हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और हमेशा आशावादी होना चाहिए.


इन क्षेत्रों में विकास करना चाहती हैं सृष्टि
मध्यप्रदेश में स्कूल हैं, कॉलेज हैं, लेकिन शिक्षक नहीं है, जो चिंता का विषय है. उनका कहना है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे इस क्षेत्र के लिए जरूर कुछ करना चाहेंगी क्योंकि छात्र बिना शिक्षक के कुछ भी नहीं हैं. इसके अलावा समाज में और भी कई मुद्दे हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है.


माता-पिता ने बेटी को दिया कामयाबी का श्रेय
सृष्टि के पिता जयंत देशमुख एक प्राइवेट जॉब करते हैं और सृष्टि की मां सुनीता देशमुख शिक्षक है. बेटी की सफलता पर उनका कहना है कि मुझे आज यकीन नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है. निश्चित रूप से पिता होने के नाते मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि इस सफलता का श्रेय केवल सृष्टि को जाता है क्योंकि उसने इस परीक्षा के लिए दिन-रात मेहनत की है.

भोपाल। देश की सर्वोच्च परीक्षा यानी कि यूपीएससी (Union public service commission) में राजधानी की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया रैंकिंग में पांचवा स्थान हासिल किया है. सृष्टि की इस सफलता ने न केवल उनके माता-पिता बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. उनकी इस कामयाबी पर उनके माता-पिता खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि आज उन्हें ऐसा लग रहा है, जैसे ये कोई सपना हो.


परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही सृष्टि के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. वहीं उनके घर पर दीपावली जैसा माहौल बना हुआ है, बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं और रिश्तेदार उन्हें बधाई दे रहे हैं. सृष्टि ने बचपन से ही भोपाल में पढ़ाई की है, शुरुआती शिक्षा एक प्राइवेट स्कूल से प्राप्त की है तो वहीं प्राइवेट कॉलेज से ही आगे की पढ़ाई कर भी रही हैं. सृष्टि की इस कामयाबी के पीछे की कहानी उन्होंने 'ईटीवी भारत' से साझा की है.

परिजनों के साथ सृष्टि देशमुख


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सृष्टि ने बताया कि उनकी बचपन से ही पढ़ाई में खास रुचि है और यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की है. वो खुद इस बात से शॉक्ड हैं कि उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी एग्जाम को पास कर लिया है, वो भी देश में पांचवे स्थान के साथ. उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों एवं माता-पिता को दिया है.


'सोशल मीडिया लक्ष्य से भटकाता है इसलिए बना ली थी दूरी'
सृष्टि का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा एक लंबी यात्रा के समान है, जहां आपको एक से डेढ़ साल तक लगातार पढ़ाई करनी पड़ती है. उनका कहना है कि मेरे परिजनों, दोस्तों और शिक्षकों ने मुझे पूरा सहयोग किया है इसलिए इस कामयाबी का श्रेय भी उन्हें ही जाना चाहिए. उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि पहला प्रयास ही अंतिम प्रयास होगा, यही कारण था कि ये परीक्षा पहले प्रयास में ही पास करना मेरा लक्ष्य था. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया यानी फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम से पूरी तरह दूरी बना ली थी. उनका मानना है कि इस तरह की चीजों से हम अपने लक्ष्य से भटकते हैं.


लगातार मेहनत से मिलती है सफलता, सकारात्मक पहलुओं पर दें ज्यादा ध्यानः सृष्टि
यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई का समय तय कर लिया था. इस दौरान वे किसी भी काम को नहीं करती थीं. यही वजह रही है कि उन्हें यह सफलता हासिल हो सकी है. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. यदि किसी कार्य में आपको सफलता मिलती है, तो उस पर लगातार काम करते रहना चाहिए क्योंकि जब आप लगातार काम करेंगे तो सफलता आपको जरूर मिलेगीं. लेकिन, काम की असफलता से निराशा नहीं होनी चाहिए, कोई भी व्यक्ति हो उसे हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और हमेशा आशावादी होना चाहिए.


इन क्षेत्रों में विकास करना चाहती हैं सृष्टि
मध्यप्रदेश में स्कूल हैं, कॉलेज हैं, लेकिन शिक्षक नहीं है, जो चिंता का विषय है. उनका कहना है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे इस क्षेत्र के लिए जरूर कुछ करना चाहेंगी क्योंकि छात्र बिना शिक्षक के कुछ भी नहीं हैं. इसके अलावा समाज में और भी कई मुद्दे हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है.


माता-पिता ने बेटी को दिया कामयाबी का श्रेय
सृष्टि के पिता जयंत देशमुख एक प्राइवेट जॉब करते हैं और सृष्टि की मां सुनीता देशमुख शिक्षक है. बेटी की सफलता पर उनका कहना है कि मुझे आज यकीन नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है. निश्चित रूप से पिता होने के नाते मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि इस सफलता का श्रेय केवल सृष्टि को जाता है क्योंकि उसने इस परीक्षा के लिए दिन-रात मेहनत की है.

Intro:( स्पेशल स्टोरी यूपीएससी टॉपर सृष्टि देशमुख )

सोशल मीडिया से बनाई दूरी तब जाकर मिला यह मुकाम = सृष्टि देशमुख


भोपाल यूपीएससी फाइनल परीक्षा में राजधानी की सरस्वती जयंत देशमुख ने बात करते हुए भोपाल का भी नाम रोशन कर दिया है सस्ती बचपन से ही पढ़ाई में बेहद रुचि रखती है और उन्हें बचपन से ही कुछ खास करने की ललक रही है यूपीएससी फाइनल परीक्षा के परिणाम आने के बाद देशमुख परिवार के घर मानो दिवाली सा माहौल है बच्चों के द्वारा लगातार पटाखे फोड़े जा रहे हैं और परिवार एवं अन्य मित्रों के द्वारा बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है सृष्टि की उपलब्धि पर राजधानी का हर एक व्यक्ति गर्व महसूस कर रहा है सृष्टि जयंत देशमुख ने बचपन से ही भोपाल में अपनी पढ़ाई लिखाई की है उन्होंने स्कूली शिक्षा कार्मेल कान्वेंट स्कूल से हासिल की है तो वहीं ऐलन सिटी कॉलेज से वे अपनी आगे की पढ़ाई कर रही है सृष्टि की इस कामयाबी के बाद उनके माता-पिता भी बेहद प्रसन्न नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि आज ऐसा लग रहा है जैसे हम कोई सपना देख रहे हैं


Body:ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सृष्टि जयंत देशमुख ने बताया कि वे बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखती है और यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की है उन्हें भी आज यकीन नहीं हो रहा है कि पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में पास हो गई है और उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में पांचवी रैकिंग हासिल की है उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों एवं अपने माता पिता को समर्पित किया है सृष्टि ने ऐलन सिटी कॉलेज से केमिकल इंजीनियरिंग में भी की उपाधि हासिल की है .


सृष्टि का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा एक लंबी यात्रा के समान है जहां आपको एक से डेढ़ वर्ष तक गहन पढ़ाई करनी पड़ती है मेरे परिजनों दोस्तों और शिक्षकों ने मुझे पूरा सहयोग प्रदान किया है इसलिए इस कामयाबी का श्रेय भी उन्हें ही जाना चाहिए मैंने पहले ही सोच लिया था कि मेरा पहला प्रयास ही अंतिम प्रयास होगा इसलिए मैं पहली बार में ही इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए प्रतिबद्ध थी


रस्सी ने बताया कि इससे पढ़ाई के लिए उन्होंने सोशल मीडिया से तो दूरी बनाई लेकिन इंटरनेट का भी उपयोग किया लेकिन इंटरनेट का उपयोग केवल अपनी पढ़ाई लिखाई के लिए ही किया सृष्टि का मानना है कि यूपीएससी एग्जाम के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर सभी चीजों से दूरी बना ली थी उनका मानना है कि इस तरह की चीजों से आपका ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है इसलिए पढ़ाई के समय इन चीजों से दूरी बनाना विद्यार्थी के लिए बेहतर विकल्प होता है ऐसी स्थिति में आप केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देते हैं .


उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्कूल है कॉलेज है लेकिन शिक्षक नहीं है जो चिंता का विषय है निश्चित रूप से यदि मुझे मौका मिलता है तो मैं इस क्षेत्र के लिए जरूर कुछ ना करना चाहूंगी क्योंकि छात्र बिना शिक्षक के कुछ भी नहीं है . उन्होंने कहा कि आज समाज में कई ऐसे काम है जिनमें सुधार करने की जरूरत है यदि उन्हें मौका मिलता है तो वह जरूर इसके लिए प्रयास करेंगी .


उन्होंने बताया कि यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई का समय निश्चित कर लिया था और उस दौरान वे किसी भी कार्य में ध्यान नहीं लगाती थी यही वजह रही है कि उन्हें यह सफलता हासिल हो सकी है वहीं उन्होंने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए यदि किसी कार्य में आपको सफलता मिलती है तभी उस कार्य पर निरंतर काम करते रहना चाहिए क्योंकि जब आप लगातार काम करेंगे तो सफलता आपको जरूर मिलेगी लेकिन काम की असफलता से निराशा नहीं रखनी चाहिए कोई भी व्यक्ति हो उसे हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और हमेशा आशावादी होना चाहिए


Conclusion:सृष्टि देशमुख के पिता जयंत देशमुख प्राइवेट जॉब करते हैं उन्होंने कहा कि मुझे आज यकीन नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है निश्चित रूप से पिता होने के नाते मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं लेकिन इस सफलता का श्रेय केवल सृष्टि को जाता है क्योंकि उसने इस परीक्षा के लिए दिन रात मेहनत की है माता पिता का आशीर्वाद तो हमेशा ही अपनी संतान के साथ रहता है लेकिन जिस परीक्षा में मेरी बेटी ने सफलता हासिल की है उसका श्रेय उसे ही मिलना चाहिए .सृष्टि की माता सुनीता देशमुख शिक्षक है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का काम करती है .



सृष्टि जयंत देशमुख अपने परिवार से सिविल सेवा में जाने वाली पहली शक्स है सृष्टि का मानना है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे अन्य युवाओं की भी मदद करना चाहेंगी .
Last Updated : Apr 6, 2019, 4:34 AM IST
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