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आपदा में खुद के लिए अवसर तलाश रही शिवराज सरकार ?

मध्य प्रदेश सरकार ने संबल योजना के तहत गरीबों के खातों में 379 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने घोषणा की है. ऐसे में विपक्ष ने इसका भारी विरोध किया है. उनका कहना है कि आपदा के समय में शिवराज सिंह चौहान गरीबों को खुश करने में जुटे हैं. जबकि कोरोना काल में दवा और ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो रही है.

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Published : May 4, 2021, 5:47 AM IST

Updated : May 4, 2021, 12:41 PM IST

Shivraj Singh Chauhan
शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। एक तरफ मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों के मौतें तो दूसरी तरफ इस महामारी से सुरक्षा देने वाली वैक्सीन की किल्लत, लेकिन ऐसे नाज़ुक वक्त पर शिवराज सरकार मजदूरों को खुश करने में जुट गई है. शिवराज सिंह चौहान चार मई को जन-कल्याण संबल योजना के तहत लगभग 17 हजार असंगठित श्रमिक को 379 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के जरिये उनके बैंक खाते में डालेंगे.

कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा.

2018 में शिवराज ने शुरू की थी संबल योजना

इस योजना का लाभ उनको मिलेगा, जिन्होंने संबल योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है. इस योजना के अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों की दुर्घटना मृत्यु पर चार लाख रुपये की राशि उनके आश्रितों को प्रदान की जाती है. इसी तरह सामान्य मृत्यु और स्थायी अपंगता पर श्रमिक परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना में दी जाती है. योजना में आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख रुपये उपलब्ध कराने और अंत्योष्टि सहायता के रूप में पांच हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान भी है.

कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा.

एक साल में 1907 करोड़ रुपये बांटे

सरकार का मानना है कि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल प्रारंभ होने से अब तक प्रदेश के 2 लाख 28 हजार हितग्राहियों को 1907 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है. पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में भी 72 हजार से अधिक हितग्राहियों के बैंक खाते में 582 करोड़ रुपये वितरित किये गये.

किसे मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना 2018 में शुरू की गई थी. इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जरूरतमंद परिवारों को बच्चे के जन्म के पहले से लेकर पूरे जीवनकाल में मदद दी जाती है. इसमें हाथ ठेला चलाने वाले लोगों से लेकर कबाड़ इकट्ठा करने वाले गरीबों, घरों में काम करने वालों, पत्थर तोड़ने वालों को मदद मिलती है. प्रदेश के ऐसे लाखों गरीब परिवारों के लिये संबल योजना शुरू की गई.

कांग्रेस ने उठाये सवाल

संबल योजना में करोड़ों रुपये दिए जाने पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का मानना है कि अभी कोविड-19 चल रहा है. ऐसे में यह राशि यदि अस्पतालों और उनकी व्यवस्था दुरुस्त करने में लगाई जाती तो इन्हीं गरीबों को उसका फायदा मिलता. कांग्रेस का यह भी कहना है की शिवराज सरकार का यह सब दिखावा है. किसी के खाते में भी राशि नहीं पहुंचती है, यह सिर्फ गरीबों को खुश करने की चाल है.

एमपी में 5 मई से शुरू होगा 18-44 साल वालों का वैक्सीनेशन: सीएम

श्रमिकों को मदद करेगा पैसा

शिवराज सरकार का मानना है कि ऐसे वक्त में गरीबों को मदद की दरकार है तो शिवराज उन्हें मदद दे रहे हैं. इसमें कांग्रेस के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए. हम जो कहते हैं वह करते हैं. कांग्रेस की सरकार भी रही लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया. हालांकि जानकारों का कहना है कि शिवराज इसके जरिए उस वर्ग को खुश करना चाहते हैं, जो लॉकडाउन और बढ़ते कोरोना संक्रमण से बीजेपी सरकार से नाराज है. रुपये देकर उसका गुस्सा शांत करने की कोशिश की जा रही है. इसके जरिए वह अपनी छवि भी चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि दमोह उपचुनाव के परिणामों के बाद यह अंदेशा जरूर है कि क्या शिवराज का यह दाव सफल होगा.

भोपाल। एक तरफ मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों के मौतें तो दूसरी तरफ इस महामारी से सुरक्षा देने वाली वैक्सीन की किल्लत, लेकिन ऐसे नाज़ुक वक्त पर शिवराज सरकार मजदूरों को खुश करने में जुट गई है. शिवराज सिंह चौहान चार मई को जन-कल्याण संबल योजना के तहत लगभग 17 हजार असंगठित श्रमिक को 379 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के जरिये उनके बैंक खाते में डालेंगे.

कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा.

2018 में शिवराज ने शुरू की थी संबल योजना

इस योजना का लाभ उनको मिलेगा, जिन्होंने संबल योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है. इस योजना के अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों की दुर्घटना मृत्यु पर चार लाख रुपये की राशि उनके आश्रितों को प्रदान की जाती है. इसी तरह सामान्य मृत्यु और स्थायी अपंगता पर श्रमिक परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना में दी जाती है. योजना में आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख रुपये उपलब्ध कराने और अंत्योष्टि सहायता के रूप में पांच हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान भी है.

कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा.

एक साल में 1907 करोड़ रुपये बांटे

सरकार का मानना है कि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल प्रारंभ होने से अब तक प्रदेश के 2 लाख 28 हजार हितग्राहियों को 1907 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है. पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में भी 72 हजार से अधिक हितग्राहियों के बैंक खाते में 582 करोड़ रुपये वितरित किये गये.

किसे मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना 2018 में शुरू की गई थी. इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जरूरतमंद परिवारों को बच्चे के जन्म के पहले से लेकर पूरे जीवनकाल में मदद दी जाती है. इसमें हाथ ठेला चलाने वाले लोगों से लेकर कबाड़ इकट्ठा करने वाले गरीबों, घरों में काम करने वालों, पत्थर तोड़ने वालों को मदद मिलती है. प्रदेश के ऐसे लाखों गरीब परिवारों के लिये संबल योजना शुरू की गई.

कांग्रेस ने उठाये सवाल

संबल योजना में करोड़ों रुपये दिए जाने पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का मानना है कि अभी कोविड-19 चल रहा है. ऐसे में यह राशि यदि अस्पतालों और उनकी व्यवस्था दुरुस्त करने में लगाई जाती तो इन्हीं गरीबों को उसका फायदा मिलता. कांग्रेस का यह भी कहना है की शिवराज सरकार का यह सब दिखावा है. किसी के खाते में भी राशि नहीं पहुंचती है, यह सिर्फ गरीबों को खुश करने की चाल है.

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श्रमिकों को मदद करेगा पैसा

शिवराज सरकार का मानना है कि ऐसे वक्त में गरीबों को मदद की दरकार है तो शिवराज उन्हें मदद दे रहे हैं. इसमें कांग्रेस के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए. हम जो कहते हैं वह करते हैं. कांग्रेस की सरकार भी रही लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया. हालांकि जानकारों का कहना है कि शिवराज इसके जरिए उस वर्ग को खुश करना चाहते हैं, जो लॉकडाउन और बढ़ते कोरोना संक्रमण से बीजेपी सरकार से नाराज है. रुपये देकर उसका गुस्सा शांत करने की कोशिश की जा रही है. इसके जरिए वह अपनी छवि भी चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि दमोह उपचुनाव के परिणामों के बाद यह अंदेशा जरूर है कि क्या शिवराज का यह दाव सफल होगा.

Last Updated : May 4, 2021, 12:41 PM IST
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