भोपाल। छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के बाद अब सीहोर के बाबा पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा होने जा रही है. उधर कमलनाथ द्वारा कराई जा रही कथा को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने तंज कसा है. सीएम ने "कमलनाथ को चुनावी भक्त बताते हुए कहा कि जो लोग कभी राम का नाम लेने में परहेज करते थे, उन्हें काल्पनिक मानते थे. आज वो कथाएं करा रहे हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करा रहे हैं." उधर कमलनाथ ने शिवराज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मैंने तो 15 साल पहले हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाई थी, लेकिन मैंने यह चुनाव के लिए नहीं किया. यह सिर्फ बीजेपी करती है."
मुख्यमंत्री शिवराज बोले कमलनाथ कंफ्यूज: सीएम शिवराज ने कहा कि "कांग्रेस कन्फ्यूज है और कई चीजों के लिए मजबूर है. जो कभी राम भगवान का नाम लेने से परहेज करते थे, आज वो कथाएं करा रहे हैं. यह कांग्रेस की चुनावी भक्ती है. उनके अंदर ही अंदर अंतर्द्वंद मचा हुआ है. कमलनाथ सोच रहे हैं, मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं. बड़ी मुश्किल है किधर जाऊं ? अब तो उनके एक नेता ने ही कह दिया कि मुख्यमंत्री कौन बनना चाहिए. उनके ही नेता होने पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. अब मुझे लग रहा है कि वह नेता का दावा पुख्ता करने के लिए कथाओं के आयोजन में भी लग गए हैं."
कमलनाथ का पलटवार: कमलनाथ ने कहा कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में 8 लाख से ज्यादा भक्त जुटे, लेकिन उसका इंतजाम कांग्रेस ने नहीं किया. सभी अपनी इच्छा से पहुंचे. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की कथा में कहीं भी हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की गई, बल्कि सर्व धर्म समभाव की बात की गई है. अब सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा की भी कथा होने जा रही है और भी जो कथा करने आएंगे, उनका स्वागत है. कमलनाथ ने कहा कि मैंने तो 15 साल पहले हनुमान जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित कराई थी, लेकिन यह चुनाव के लिए नहीं किया."
आदिवासियों को लेकर सरकार पर निशाना: कमलनाथ ने कहा कि बड़ी दुख की बात है कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों को लेकर लगातार अपराधिक घटनाएं घट रही है. आखिर हम कैसे आदिवासी दिवस मनाएं, जब मध्य प्रदेश आदिवासियों के खिलाफ घटनाओं में नंबर 1 है. शिवराज सिंह चौहान अब कमलनाथ के बारे में कुछ कह नहीं सकते, इसलिए भ्रष्टाचार की बात करते हैं, लेकिन मेरे राजनीतिक जीवन में किसी ने कोई उंगली नहीं उठाई. लेकिन इतिहास का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं. जितने घोटाले मध्य प्रदेश में हुए यह भारत का नहीं बल्कि पूरे विश्व का रिकॉर्ड होगा. शिवराज अब किसी भी हद तक जा सकते हैं, क्योंकि यह जानते हैं कि कैसे उनके पैरों तले जमीन खिसक रही है. जिनके पैरों से जमीन खिसक सकती है, वह इस तरह की बातें करता है. उधर उमंग सिंगार के आदिवासी सीएम के बयान पर कमलनाथ ने कहा कि क्या होना चाहिए और कौन होना चाहिए. यह प्रदेश की जनता तय करेगी, किसी के कहने और ना कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता, जो कहने वाला है वह क्या है यह भी सब जानते हैं."